NCRTC News : NCRTC : आनंद विहार अंडरग्राउंड स्टेशन साहिबाबाद की ओर एलिवेटेड सेक्शन से जुड़ा

UPT | एनसीआरटीसी नमो भारत ट्रेन

Mar 11, 2024 16:42

रैंप पर ट्रैक बिछाने का कार्य जल्द शुरू किया जाएगा। रैंप में अप और डाउन लाइन बनाई गई है। रैंप की लंबाई 600 मीटर और चौड़ाई 15 मीटर...

Short Highlights
  • रैंप पर ट्रैक बिछाने का कार्य जल्द शुरू 
  • सामांतर सुरंग वैशाली मेट्रो स्टेशन के सामने तक 
  • 9500 से अधिक हाई-प्रीसीशन वाले प्री-कास्ट टनल सेगमेंट्स  
NCRTC News : एनसीआरटीसी ने नमो भारत ट्रेन के दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कारिडोर पर गाजियाबाद सेक्शन में सुरंग बनने के बाद इससे बाहर निकलने के लिए रैंप का निर्माण कार्य पूरा कर लिया है। इससे आनंद विहार अंडरग्राउंड स्टेशन साहिबाबाद की ओर एलिवेटिेड सेक्शन से जुड गया है। रैंप पर ट्रैक बिछाने का कार्य जल्द शुरू किया जाएगा। रैंप में अप और डाउन लाइन बनाई गई है।

जल्द ट्रैक बिछाने का काम शुरू
रैंप की लंबाई 600 मीटर और चौड़ाई 15 मीटर है। इसमें ट्रैक स्लैब का निर्माण पूरा होने के बाद अन्य कार्य कर लिया गया है। रैंप में जल्द ट्रैक बिछाने का काम शुरू किया जाएगा। आनंद विहार से साहिबाबाद की तरफ बनाई जा रही सामांतर सुरंग वैशाली मेट्रो स्टेशन के सामने तक है। सुरंग की लंबाई दो किलोमीटर के लगभग है। इस समय सुरंग में अन्य काम चल रहा है। जिसे जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा। 

दो किलोमीटर लंबी सुरंग निर्माण 
आनंद विहार से साहिबाबाद के बीच दो किलोमीटर लंबी सुरंग निर्माण के लिए लगभग 9500 से अधिक हाई-प्रीसीशन वाले प्री-कास्ट टनल सेगमेंट्स का उपयोग किया जाएगा। टनल बोरिंग की प्रक्रिया के तहत 7 प्री-कास्ट सेंगमेंट्स को जोड़कर एक टनल रिंग का निर्माण किया गया है। 
आरआरटीएस सुरंग का व्यास 6.5 मीटर है। इसमें नमो भारत ट्रेन 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकेगी। डिजाइन इसी तरह से तैयार किया गया है। एनसीआरटीसी के जनसंपर्क अधिकारी पुनीत वत्स ने बताया कि देश में अन्य रेल आधारित शहरी सार्वजनिक परिवहन प्रणालियों की तुलना में यह पहली बार है जब इतने बड़े आकार की सुरंग का निर्माण कार्य किया गया है। 

सुरंग का काम काफी चुनौतीपूर्ण
इस खंड में सुरंग बनाने का काम काफी चुनौतीपूर्ण था। इसमें साहिबाबाद की ओर बढ़ते हुए सुरंग एक फ्लाईओवर एवं एक नाले और औद्योगिक क्षेत्र के नीचे से गुजरी है। एनसीआरटीसी ने योजना के तहत चुनौतियों पर सफलता हासिल की। इसके निर्माण से लोगों को परेशानी नहीं हुई। बता दें कि दिल्ली और गाजियाबाद के भूमिगत खंड में चार सुरंग हैं।  
 

Also Read