Ghaziabad News : एनसीआर के इस जिले में सांप काटने से दस लोगों की मौत, सर्प दंश की घटना बढ़ी, पकडे़ गए 389 जहरीले सांप

UPT | जिले में सर्पदंश के मामले अचानक से बढ़े

Aug 11, 2024 02:25

सांप काटने पर तुरंत एएसवी का लगाया जाना जरूरी है। सरकारी अस्पतालों में यह निशुल्क है। पीएचसी और सीएचसी पर एएसवी उपलब्ध है। कई बार पांच से 10 वायल तक एक मरीज की जान बचाने के लिए लगानी पड़ती हैं

Short Highlights
  • अस्पताल में हर दिन पहुंच रहे सर्पदंश के मामले 
  • शहरी क्षेत्र में पकड़े गए 289 जहरीले सांप 
  • शहर में घोड़ा पछाड़ और कोबरा की दहशत
Ghaziabad News : सावन के महीने में बारिश शुरू होने के बाद से जिले में सर्पदंश के मामले अचानक से बढ़े हैं। इस साल जिले में अलग-अलग क्षेत्रों में वन विभाग की टीम ने 389 सांप पकड़कर जंगलों में छोड़वाए हैं। शहरी क्षेत्र में सबसे अधिक 289 सांप पकड़े हैं। जिले में सबसे अधिक घोड़ा पछाड़ प्रजाति के 121 सांप पकड़े हैं।

शहरी क्षेत्र में 38 कोबरा सांप
शहरी क्षेत्र में 38 कोबरा सांप, मोदीनगर 15 और लोनी क्षेत्र में 24 पकड़े गए। जबकि घोड़ा पछाड़ प्रजाति के शहरी क्षेत्र में 39, मोदीनगर में 34 और लोनी क्षेत्र में 28 सांप पकड़े गए हैं। दूसरे क्षेत्रों से भी सांप पकड़े हैं। दूसरी ओर जिले में सांप के काटने से अब तक दस लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 50 से अधिक लोगों को इलाज से बचाया जा चुका है।

वन क्षेत्र (रेंजर) के आस-पास कोबरा, करैत,
वन क्षेत्र (रेंजर) के आस-पास कोबरा, करैत, रसल वायपर, अजगर, धामन, घोड़ा पछाड़, पटरा गोह और चंदन गोह आमतौर पर मिल रहे हैं। अभी तक मधुबन बापूधाम थाना, कई सोसायटियों और कालोनियों में सांप पाए मिल रहे हैं। सांप पकड़ने के लिए हर रोज पांच से सात फोन आते हैं।

कोबरा में होता है न्यूरोटॉक्सिक जहर 
एमएमजी अस्पताल के सीएमएस डॉ. राकेश कुमार सिंह ने बताया कि जहरीला सांप कोबरा है। इसमें न्यूरोटॉक्सिक जहर होता है। जो मानव के नर्वस सिस्टम (तंत्रिका तंत्र) को प्रभावित करता है। इस सांप के काटने पर तत्काल व्यक्ति को अस्पताल पहुंचाए। जिससे कि समय पर इलाज मिले तो उसकी जान बच सके। 

एंटी स्नेक वेनम (एएसवी) वैक्सीन सभी अस्पतालों में
सीएमओ डॉ. अखिलेश मोहन का कहना है कि सांप काटने पर दी जाने वाली एंटी स्नेक वेनम (एएसवी) वैक्सीन सभी अस्पतालों में है। एमएमजी अस्पताल में एएसवी की 250 वायल है। जिले में 1000 वायल उपलब्ध है।

15 से 20 लोग सांप काटने पर पहुंच रहे अस्पताल
बारिश के दौरान उमस होने पर सांप बिलों से बाहर निकलने  हैं। इसक बाद सांप घर, खेत, गार्डन, वाहन और सीलन वाली जगहों पर घुसते हैं। किसी के हाथ और किसी के पैर पर सांप काटता हैं। लोग नीम-हकीमों से जहर निकलवाने में समय बर्बाद करते हैं।

पीएचसी और सीएचसी पर एएसवी उपलब्ध
जबकि सांप काटने पर तुरंत एएसवी का लगाया जाना जरूरी है। सरकारी अस्पतालों में यह निशुल्क है। पीएचसी और सीएचसी पर एएसवी उपलब्ध है। कई बार पांच से 10 वायल तक एक मरीज की जान बचाने के लिए लगानी पड़ती हैं। जिले में हर महीने 15 से 20 लोग सांप काटने के बाद अस्पतालों में पहुंचते हैं।

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