लखनऊ से बनारस वाया अयोध्या पहुंचती हैं। जिस पर वंदे भारत संचालित कर मेरठ को दो धार्मिक नगरों से जोड़ा जा सकता है
Short Highlights
रेलवे ने मांगी तीनों रेल मार्गों की रिपोर्ट
रेलवे बोर्ड ने सर्वे के लिए दी हरी झंडी
मेरठ से अयोध्या और बनारस जाना अब होगा आसान
Vande Bharat Express : मेरठ से लखनऊ जाने वाली Vande Bharat Express मेरठ-लखनऊ वंदे भारत एक्सप्रेस को अब अयोध्या होते हुए बनारस तक चलाने की तैयारी है। मेरठ-लखनऊ वंदे भारत एक्सप्रेस के अयोध्या होते हुए बनारस तक चलने से मेरठ के लोगों के लिए बनारस बाब विश्वनाथ के दर्शन करने जाना आसान हो जाएगा।
लखनऊ-बनारस के तीनों रेलमार्गों की फिजिबिलिटी रिपोर्ट
मेरठ-लखनऊ वंदे भारत एक्सप्रेस को बनारस तक चलाने के लिए रेलवे बोर्ड ने सर्वे को हरी झंडी दी है। लखनऊ मंडल के अधिकारियों से लखनऊ-बनारस के तीनों रेलमार्गों की फिजिबिलिटी रिपोर्ट मांगी है। इसके बाद सर्वे संचालन का समय हाल्ट एवं किराये पर निर्णय होगा। रेलमार्गों के सर्वे के बाद इस पर निर्णय लिया जाएगा।
बाबा विश्वनाथ की नगरी वाराणसी को छूने की तैयारी
मेरठ अब रेल कनेक्टिविटी के मामले में बाबा विश्वनाथ की नगरी वाराणसी को छूने की तैयारी में है। अब मेरठ-लखनऊ वंदे भारत रामनगरी अयोध्या होती हुई बनारस जाएगी। इससे मेरठ के यात्रियों को काफी लाभ होगा। मेरठ के लोग राम की नगरी अयोध्या के बाद बाबा विश्वनाथ की नगरी वाराणसी के भी दर्शन एक साथ कर सकेंगे।
ये मेरठवासियों के लिए विस्मरणीय होगा
ये मेरठवासियों के लिए विस्मरणीय होगा। रेलवे बोर्ड ने मेरठ-लखनऊ के बीच संचालित सेमी हाईस्पीड वंदे भारत को बनारस तक चलाने के लिए सर्वे को हरी झंडी दे दी है। राज्यसभा सदस्य डा. लक्ष्मीकांत बाजपेयी, सांसद अरुण गोविल समेत कई अन्य ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से मेरठ-लखनऊ वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को बनारस तक पहुंचाने की मांग की थी।
लखनऊ से बनारस के बीच तीन रेल मार्ग
मेरठ से लखनऊ के बीच वंदेभारत ट्रेन 31 अगस्त 2024 से संचालित हो रही है। किराया अधिक होने के कारण मेरठ-लखनऊ वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन यात्रियों को अपनी ओर आकर्षित नहीं कर पाई है। इस कारण से इसकी आधी सीटें खाली जा रही हैं। यात्रियों की संख्या में वृद्धि के लिए रेलवे बोर्ड ने मेरठ-लखनऊ वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को बनारस तक संचलित करने निर्णय लिया है।
लखनऊ से बनारस वाया सुलतानपुर
लखनऊ से बनारस वाया सुलतानपुर छोटा रेलमार्ग है। जिस पर सबसे अधिक ट्रेन हैं। कई ट्रेनें लखनऊ से बनारस वाया अयोध्या पहुंचती हैं। जिस पर वंदे भारत संचालित कर मेरठ को दो धार्मिक नगरों से जोड़ा जा सकता है। लखनऊ से बनारस के लिए तीसरा रेलमार्ग वाया रायबरेली, अमेठी, प्रतापगढ़-जंघई है। जिसे अपग्रेड कर कई लंबी दूरी की गाड़ियां चलाई जा रही हैं।
जनप्रतिनिधियों ने रेल मंत्री को ज्ञापन दिया
वंदे भारत ट्रेन को बनारस तक संचालित करने के लिए मेरठ के जनप्रतिनिधियों ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्ण्व को ज्ञापन दिया था। जिस समय मेरठ से वंदेभारत (सुबह 6.35) रवाना होती है उसके आधा घंटा बाद (सुबह 7.05) ही राज्यरानी ट्रेन का संचालन लखनऊ के लिए होता है। जिसका किराया वंदेभारत की तुलना में काफी कम है। इसीलिए ट्रेन को बनारस तक संचालित करने के लिए सर्वे के निर्देश दिए गए हैं।
बनारस जुड़ने से भरेंगे वंदे भारत के कोच
रेल अधिकारियों की रिपोर्ट के मुताबिक मेरठ-लखनऊ वंदे भारत में 11 दिसंबर को 343 सीट, 12 दिसंबर को 353 सीट, 13 दिसंबर को 347 और 14 दिसंबर को 324 सीटें खाली हैं। संचालन के समय से ही ट्रेन की 50 प्रतिशत सीटें खाली हैं। इस ट्रेन के आधे घंटे बाद राज्यरानी भी लखनऊ जाती है जिसका किराया वंदे भारत से आधा है। ऐसे में यात्री दूसरी ट्रेन पकड़ रहे हैं।