नमो भारत कॉरिडोर की प्रगति और परिचालन की उपलब्धियों के साथ एनसीआरटीसी ने हासिल किए कई माइलस्टोन
Short Highlights
वर्ष 2024 में मिली एनसीआर को नमो भारत ट्रेन
दिल्ली तक का घंटों का सफर मिनटों में सिमटा
2025 में सस्टेनेबिलिटी की दिशा की ओर अग्रसर
Ghaziabad News : वर्ष 2024 नमो भारत कॉरिडोर के लिए उल्लेखनीय वृद्धि, विकास और विस्तार का समय रहा। इस विस्तार और प्रगति का सिलसिला वर्ष के अंतिम दिनों में भी निरंतर जारी है, जब लोगों को बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए दिल्ली-मेरठ कॉरिडोर के दिल्ली सेक्शन का 13 किलोमीटर का अतिरिक्त हिस्सा जनता के लिए परिचालित होने के लिए तैयार है। इस विस्तार के साथ, नमो भारत कॉरिडोर का परिचालित खंड अब 42 किलोमीटर से बढ़कर कुल 11 स्टेशन के साथ 55 किलोमीटर का हो जाएगा।
17 किमी से बढ़कर 42 किमी हुआ परिचालित खंड
20 अक्टूबर 2023 को माननीय प्रधानमंत्री ने भारत के प्रथम दिल्ली-मेरठ नमो भारत कॉरिडोर का उद्घाटन किया था। इस अवसर पर साहिबाबाद और दुहाई डिपो के बीच 17 किलोमीटर के प्राथमिक खंड को राष्ट्र के नाम समर्पित किया गया और पहली नमो भारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई गई। इस उपलब्धि ने क्षेत्र के यात्रियों के लिए 2024 की एक आशाजनक शुरुआत का आधार तैयार किया। 6 मार्च 2024 को कॉरिडोर के 17 किलोमीटर के अतिरिक्त खंड को परिचालित करते हुए मोदी नगर नार्थ तक का खंड जनता के लिए परिचालित किया गया, जिसे 18 अगस्त 2024 को 8 किलोमीटर और बढ़ाते हुए मेरठ साउथ तक विस्तारित किया गया।
50 लाख यात्रियों ने पूरी की यात्रा
अपनी गति, विश्वसनीयता और आरामदायक यात्रा से नमो भारत सेवा जल्द ही यात्रियों के बीच लोकप्रिय हो गई। अभी तक 50 लाख से ज़्यादा यात्री नमो भारत ट्रेन से यात्रा कर चुके हैं, जिनके विश्वास ने इस सेवा को क्षेत्रीय परिवहन के एक सशक्त माध्यम के रूप मे स्थापित किया है। शेष कॉरिडोर पर निर्माण कार्य भी तेज़ी से प्रगति कर रहा है। न्यू अशोक नगर से सराय काले खां तक के शेष 5 किलोमीटर और मेरठ साउथ से मोदीपुरम तक के 23 किलोमीटर खंड पर सिविल कार्य लगभग पूरा होने वाला है। इसके साथ ही ट्रैक बिछाने और ओएचई (ओवरहेड इलेक्ट्रिक) इंस्टॉलेशन का काम भी तेजी से चल रहा है। एनसीआरटीसी 2025 के अपने निर्धारित समय में पूरे कॉरिडोर को परिचालित करने के लक्ष्य की ओर तेज़ी से अग्रसर है।
यात्री केन्द्रित सुविधाएं
यात्री- सुविधा नमो भारत परियोजना की मुख्य रूपरेखा है, यही कारण है कि एनसीआरटीसी ने यात्रियों के लिए निर्बाध और आरामदायक यात्रा सुनिश्चित करने के लिए कई पहल शुरू करने आरंभ की हैं। सार्वजनिक परिवहन के उपयोग को को बढ़ावा देने के उद्देश्य से, कॉरिडोर के स्टेशनों और वायाडक्ट पर 8,000 से अधिक वाहनों के लिए पार्किंग की सुविधा उपलब्ध कराई गई है।
लास्ट-माइल कनेक्टिविटी विकल्प प्रदान
इसके अलावा, एनसीआरटीसी ने दिल्ली से मेरठ तक सभी नमो भारत स्टेशनों पर लास्ट-माइल कनेक्टिविटी विकल्प प्रदान करने के लिए किराये पर दोपहिया वाहन, साइकिल और फीडर बस, कैब और ऑटोरिक्शा सहित कई तरह के विभिन्न मोबिलिटी विकल्प प्रदान करने वाले मोबिलिटी पार्टनर्स के साथ भागीदारी की है। इनमें से कुछ भागीदार नमो भारत स्टेशनों से यात्रा करने वाले यात्रियों को कई तरह की छूट भी प्रदान कर रहे हैं।
नमो भारत एनसीएमसी कार्ड
यात्रियों के डिजिटल टिकटिंग अनुभव को और बेहतर बनाने के लिए, एनसीआरटीसी ने एयरटेल पेमेंट्स बैंक के साथ साझेदारी की है। इस साझेदारी के तहत, सभी परिचालित नमो भारत स्टेशनों पर नमो भारत एनसीएमसी ट्रैवल कार्ड, डेबिट कार्ड और प्रीपेड कार्ड उपलब्ध कराए जाएंगे। ये कार्ड यात्रियों को देश भर में सभी परिवहन साधनों में निर्बाध यात्रा करने के साथ-साथ खरीदारी व अन्य सेवाओं के लिए भुगतान करने की भी सुविधा प्रदान करेंगे।
डीएमआरसी और आईआरसीटीसी के साथ करार
एनसीआरटीसी ने नमो भारत यात्रियों के लिए टिकटिंग को और सुविधाजनक बनाने हेतु बेहतर विकल्प प्रदान करने के लिए महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं। डीएमआरसी के साथ एक समझौता ज्ञापन के तहत, एकीकृत क्यूआर-टिकटिंग की शुरुआत की गई है। इससे यात्री अब ‘नमो भारत ’ ऐप के माध्यम से दिल्ली मेट्रो का क्यूआर कोड टिकट और ‘डीएमआरसी मोमेंटम 2.0’ ऐप से नमो भारत के लिए क्यूआर कोड टिकट बुक कर सकते हैं। आईआरसीटीसी के साथ एक अन्य समझौता ज्ञापन यात्रियों को आईआरसीटीसी प्लेटफॉर्म के माध्यम से भारतीय रेलवे टिकट खरीदते समय ऐड-ऑन के रूप में नमो भारत टिकट बुक करने की सुविधा प्रदान करता है।
नमो भारत ऐप
यात्रियों ने 'नमो भारत' ऐप (जिसे पहले आरआरटीएस कनेक्ट ऐप के नाम से जाना जाता था) का उपयोग करने में काफी उत्साह दिखाया है और वे इस ऐप के माध्यम से दी जा रही 10% छूट का पूरा लाभ उठा रहे हैं। ऐप ने यात्रियों की यात्रा को और अधिक सुविधाजनक और आरामदायक बनाने के लिए कई नई सुविधाएँ पेश की हैं, जैसे कि लाइव ट्रेन ट्रैकिंग, रियल-टाइम पार्किंग उपलब्धता, लास्ट माइल कनेक्टिविटी विकल्प, स्टेशन सुविधाएँ, स्टेशन नेविगेशन और खोया-पाया सेवा आदि।
ग्रीन पावर के लिए किए जा रहे कार्य
सस्टेनेबिलिटी की दिशा की ओर अग्रसर इस वर्ष, एनसीआरटीसी ने इस क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। नवीकरणीय ऊर्जा के लिए प्रतिबद्ध, एनसीआरटीसी सभी स्टेशनों, डिपो और इमारतों पर सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित कर रहा है, जिससे अभी तक इसके लक्षित 11 मेगावाट ऊर्जा उत्पादन में से 4 मेगावाट हासिल किया जा रहा है। सततता के अपने लक्ष्यों के अनुरूप, एनसीआरटीसी ने नमो भारत कॉरिडोर के लिए कम लागत वाली ऊर्जा प्राप्त करने के लिए पावर ट्रेडिंग कॉरपोरेशन (पीटीसी) इंडिया के साथ भागीदारी भी की है।
नेट जीरो स्टेशन
एनसीआरटीसी के इन प्रयासों को मान्यता भी मिल रही है। साहिबाबाद और गुलधर स्टेशनों को प्रतिष्ठित आईजीबीसी नेट-जीरो एनर्जी (ऑपरेशंस) रेटिंग से सम्मानित किया गया है। यह सम्मान बैंगलोर में इंडियन ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल (IGBC) द्वारा आयोजित ग्रीन बिल्डिंग कांग्रेस 2024 में प्रदान किया गया। यह पहली बार है जब देश के किसी भी स्टेशन को नेट-जीरो एनर्जी (ऑपरेशंस) रेटिंग से सम्मानित किया गया है। दोनों स्टेशनों में से प्रत्येक की सौर क्षमता 729 kWp है, जिससे कार्बन उत्सर्जन में वार्षिक रूप से 750 टन की कमी आएगी। प्रति स्टेशन 33 लाख रुपये की वार्षिक बचत के साथ, इन दोनों में से प्रत्येक स्टेशन अपने 25 साल के जीवनकाल में प्रति स्टेशन कुल 8.3 करोड़ रुपये की बचत को संभव बनाएगा।
गणमान्य व्यक्तियों का दौरा
नमो भारत की अत्याधुनिक अवसंरचना और विश्वस्तरीय सेवाओं का अनुभव लेने के लिए इस वर्ष कई प्रभावशाली व्यक्तियों ने इस कॉरिडोर का दौरा किया। इनमें माननीय आवासन एवं शहरी कार्य तथा विद्युत मंत्री, श्री मनोहर लाल; जर्मनी के राजदूत, महामहिम डॉ. फिलिप एकरमैन,; माननीय आवासन एवं शहरी कार्य राज्य मंत्री, श्री तोखन साहू, एशियन इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक (एआईआईबी) और वर्ल्ड बैंक के प्रतिनिधियों के साथ कई अन्य गणमान्य व्यक्ति शामिल हैं। उन्होंने एनसीआरटीसी द्वारा स्टेशनों पर प्रदान की जा रही विभिन्न सेवाओं और योजनाबद्ध निर्बाध मल्टीमॉडल एकीकरण की सराहना की।
नमो भारत परियोजना को कई फॉरम पर किया गया प्रदर्शित
पूरे वर्ष, एनसीआरटीसी विभिन्न सम्मेलनों और एक्सपो में सक्रिय रूप से शामिल रहा, और इंडस्ट्री के पेशेवरों और साथियों के लिए नमो भारत परियोजना को प्रस्तुत किया। 17वें अर्बन मोबिलिटी कॉन्फ्रेंस एंड एक्स्पो में, एनसीआरटीसी ने भारत के प्रथम नमो भारत कॉरिडोर की परिवर्तनकारी विशेषताओं को प्रदर्शित किया, जिसमें परियोजना में प्रयोग की जा रही आधुनिक तकनीकों, अत्याधुनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर और ट्रेन नें उपलब्ध यात्री-केंद्रित सुविधाओं को प्रदर्शित किया गया। इसके अतिरिक्त, एनसीआरटीसी ने परिवहन क्षेत्र में सहयोग और ज्ञान के आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के लिए नई दिल्ली में यूआईटीपी ट्रांसपोर्ट इक्नोमिक्स एंड फ़ाइनेंस कमेटी (टीईएफसी) की बैठक की सह-मेजबानी भी की।
एनसीआरटीसी को मिले कई पुरस्कार
एनसीआरटीसी के प्रयासों को व्यापक रूप से सराहा गया और पूरे वर्ष कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। बर्लिन में आयोजित यूआईसी सस्टेनेबिलिटी इम्पैक्ट अवार्ड्स 2024 में, एनसीआरटीसी ने निर्बाध कनेक्टिविटी के लिए सर्वश्रेष्ठ ट्रांजिट अवार्ड हासिल किया और 15 देशों की 17 फाइनलिस्ट परियोजनाओं को पीछे छोड़ते हुए समग्र विजेता का खिताब भी जीता। इसके अतिरिक्त, 2 अगस्त, 2024 को, एनसीआरटीसी को नई दिल्ली में आयोजित 15वें वर्ल्ड रिन्यूएबल एनर्जी टेक्नोलॉजी कांग्रेस में 14वें प्लेटिनम ग्लोबल सस्टेनेबिलिटी अवार्ड 2024 से सम्मानित किया गया। इस सम्मान ने नमो भारत परियोजना की नवीकरणीय ऊर्जा, ऊर्जा दक्षता और हरित अर्थव्यवस्था के लिए स्थायी समाधानों में उल्लेखनीय योगदान को सबके सामने प्रदर्शित किया।
स्थानीय समुदायों को सशक्त बनाने का कार्य
एनसीआरटीसी ने दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर के आसपास रहने वाले दिव्यांग व्यक्तियों के लिए सहायक उपकरणों का वितरण अभियान शुरू किया है, जिसका उद्देश्य उनकी गतिशीलता, पहुंच और स्वतंत्रता को बढ़ाना है, जिससे वे दैनिक जीवन को अधिक आसानी से नेविगेट करने में सक्षम हो सकें। साथ ही स्थानीय समुदायों को सशक्त बनाने और उनके आजीविका के साधनों में वृद्धि के उद्देश्य से, जेएफपीआर के तहत कई कौशल विकास कार्यक्रम आयोजित किए। इन पहलों में एक प्रमुख कार्यक्रम गाज़ियाबाद क्षेत्र में महिलाओं को ड्राइविंग प्रशिक्षण प्रदान करना था। इसका उद्देश्य उनकी आर्थिक स्वतंत्रता को समृद्ध कर लैंगिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देना है। इसके अतिरिक्त, एनसीआरटीसी ने किसानों को आधुनिक कृषि तकनीकों में प्रशिक्षित करने के लिए एक कार्यक्रम आयोजित किया, जिसमें कृषि विशेषज्ञों ने खेती केसस्टेनेबल तरीकों को बढ़ावा देने के लिए हाइड्रोपोनिक्स पर सत्र आयोजित किए।
नमो भारत के संचालन का सफल एक वर्ष
अक्टूबर 2024 में एनसीआरटीसी ने नमो भारत कॉरिडोर के सफल परिचालन के एक वर्ष पूरे होने के अवसर का जश्न पूरे ज़ोर-शोर से मनाया। इस अवसर पर नमो भारत कनेक्ट मोबाइल ऐप के शीर्ष उपयोगकर्ताओं को ऐप के साथ उनकी सक्रिय भागीदारी के लिए सम्मानित भी किया गया। एनसीआरटीसी ने नमो भारत सेवाओं को जनता के करीब लाने और इस आधुनिक परिवहन समाधान के बारे में जागरूकता प्रदान करने के लिए कई सामुदायिक सहभागिता पहलों का भी आयोजन किया। जुलाई में शुरू किया गया नमो भारत अनप्लग्ड: लाइव म्यूजिकल फ्राइडेज़ एक ऐसा ही कार्यक्रम था, जिसमें एनसीआर क्षेत्र के स्थानीय कॉलेज बैंडों ने गाज़ियाबाद स्टेशन पर लगभग 15 हफ्ते तक शुक्रवार की शाम को यात्रियों के लिए जीवंत बना दिया और अपने सुरों की धुनों पर थिरकने पर मजबूर कर दिया। इसके अतिरिक्त, पढ़ने के प्रति प्रेम को बढ़ावा देने के उद्देश्य से नेशनल बुक ट्रस्ट के सहयोग से नमो भारत बुक फेयर का भी आयोजन किया गया, जिसमें पुस्तक प्रेमियों को स्टेशन पर परिवार और दोस्तों के साथ कार्यक्रम का आनंद लेने के लिए आमंत्रित किया गया।
फिल्मों की शूटिंग के अवसर
एनसीआरटीसी ने फिल्म निर्माताओं/कंटेंट क्रिएटर्स के लिए आकर्षक अवसर प्रदान करते हुए नमो भारत कॉरिडोर परिसर और ट्रेनों को फिल्मों, डॉक्युमेंट्री, टीवी विज्ञापनों और अन्य के लिए अल्पकालिक किराये पर देने की पेशकश की। इस पहल द्वारा सिनेमाई परियोजनाओं को एक आधुनिक, गतिशील परिवहन पृष्ठभूमि उपलब्ध होगी, जिससे फिल्म निर्माताओं को प्रतिस्पर्धी दरों पर अपने काम को प्रदर्शित करने का मौका मिलेगा। उभरते रचनाकारों के लिए एक लघु फिल्म निर्माण प्रतियोगिता भी शुरू की गयी है।
मेरठ मेट्रो ट्रेनसेट
फरवरी 2024 में गुजरात के सावली में पहले मेरठ मेट्रो ट्रेनसेट का अनावरण किया गया और इसे औपचारिक रूप से एनसीआरटीसी को सौंपा गया, यह परियोजना की निर्माण यात्रा में एक प्रमुख माइलस्टोन है। इसके बाद से, अबतक सात ट्रेनसेट दुहाई स्थित डिपो में पहुंच चुके हैं। वर्तमान में, मेरठ मेट्रो के परिचालन के लिए ट्रेन परीक्षण और ट्रायल के जा रहे हैं। इन ट्रेनों की डिज़ाइन स्पीड 120 किमी/घंटा की गति है। 13 स्टेशनों के साथ मेरठ मेट्रो कॉरिडोर 23 किमी लंबा होगा, जिसमें 18 किमी का खंड एलिवेटेड और 5 किमी का खंड भूमिगत होगा।