हापुड़ से बड़ी खबर : काम में लापरवाही बरतने पर लेखपाल सस्पेंड, निजी सहायक की वीडियो भी हुई थी वायरल

UPT | लेखपाल योगेंद्र का निजी सहायक

Feb 04, 2024 14:08

कार्य में लापरवाही बरतने पर एसडीएम नें लेखपाल को सस्पेंड कर दिया है। एसडीएम की इस कार्रवाई से अधिकारियो में हड़कंप मचा हुआ है...

Hapur News : गढ़मुक्तेश्वर तहसील मुख्यालय में तैनात एक लेखपाल को एसडीएम नें सस्पेंड कर दिया है। बता दें कि यह वही लेखपाल है, जिनके निजी साहयक का ईडब्ल्यूएस प्रमाण-पत्र बनवाने के नाम पर 700 रुपये से लेकर 1 हजार रुपये की मांग करते हुए वीडियो वायरल हुआ था। कार्य में लापरवाही बरतने पर एसडीएम ने लेखपाल को सस्पेंड कर दिया है। एसडीएम की इस कार्रवाई से अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है।

क्या है पूरा मामला
दरअसल, गढ़ तहसील मुख्यालय में लेखपाल के निजी सहायक का वीडियो वायरल होना और काम में लापरवाही बरतने के मामले में एसडीएम ने लेखपाल को सस्पेंड कर दिया है, लेकिन निजी सहायक पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। गढ़ एसडीएम अंकित कुमार वर्मा ने बताया कि जनवरी माह में तहसील में तैनात लेखपाल योगेंद्र के निजी सहायक का वीडियो वायरल हुआ था। जिसमें सुविधा शुल्क के नाम पर 500 रुपये की रिश्वत ली थी। वहीं, गढ़ गांव हिम्मतपुर में ग्राम समाज की भूमि को कब्जा मुक्त करने के लिए रिपोर्ट तैयार करने के लिए निर्देशित किया था, उसमें भी लेखपाल लापरवाही कर रहा था जिसके चलते एसडीएम ने लेखपाल को सस्पेंड कर दिया है। हरौड़ा के रहने वाले नीरज शर्मा ने रिश्वत मांगने के मामले में विभिन्न अधिकारियों को ज्ञापन दिए थे। कहा गया था कि उनके बेटे का ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र बनाने के नाम पर वसूली की गई थी। जिससे गढ़ तहसील का यह वीडियो काफी सुर्खियों में रहा था।

वीडियो हुई थी वायरल
एक व्यक्ति अपने बेटे का ईडब्ल्यूएस प्रमाण-पत्र बनवाने के लिए तहसील में बने लेखपाल के कक्ष में पहुंचा था। वहां पर लेखपाल की जगह बैठे निजी सहायक ने ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र बनवाने की बात कही। लेकिन, 700 से 1000 रुपये तक की मांग करने लगा। प्रमाण-पत्र बनवाने वाले व्यक्ति को मजबूरी में 500 रुपये देने पड़े। वीडियो में रिश्वत मांगने वाला व्यक्ति बोल रहा था कि ईडब्ल्यूएस प्रमाण-पत्र बनवाने के लिए लाइन लग रही है। 500 रुपये दो, अन्यथा दिक्कत हो जाएगी। बता दें कि उस दौरान पुलिस विभाग में भर्ती निकलने के बाद ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र बनवाने की मांग बढ़ गई थी।

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