मेरठ हाशिमपुरा नरसंहार मामला : सुप्रीम कोर्ट ने दोषियों को दी जमानत, 10 को पहले मिल चुकी बेल

UPT | मेरठ हाशिमपुरा नरसंहार मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दो और दोषियों को जमानत दे दी है

Dec 21, 2024 15:53

हाशिमपुरा कांड के सभी 16 आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। इसके बाद से सभी आरोपी जेल में बंद थे। फिलहाल में सुप्रीम कोर्ट ने 10 दोषियों को जमानत पर रिहा किया था।

Short Highlights
  • 1987 में मेरठ में हुआ था हाशिमपुरा नरसंहार 
  • पीएसी के जवानों पर लगे थे नरसंहार के आरोप
  • हाशिमपुरा कांड के 16 दोषियों को सुनाई थी उम्रकैद की सजा 
Meerut News : मेरठ हाशिमपुरा नरसंहार मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दो और दोषियों को जमानत दे दी है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट 10 दोषियों को जमानत पर छोड़ चुका है। हाशिमपुरा कांड 1987 में हुआ था। जिसमें 70 से अधिक लोगों की जान गई थी। दिल्ली हाईकोर्ट ने हाशिमपुरा नरसंहार के आरोपी 16 पुलिसकर्मियों को उम्र कैद की सजा सुनाई थी। इसके बाद पुलिसकर्मियों ने सुप्रीमकोट्र में ​याचिका दायर की थी। जिस पर सुप्रीमकोर्ट ने सुनवाई करते हुए 10 दोषियों को जमानत दी थी। 

1987 में हाशिमपुरा नरसंहार मामले के आरोपियों को राहत 
सुप्रीम कोर्ट ने 1987 में मेरठ हाशिमपुरा नरसंहार मामले में जेल में बंद 2 अन्य पीएसी कर्मियों को राहत देते हुए उनको जमानत दे दी है। इनमें से एक पूर्व पुलिसकर्मी ने अपने 82 साल का उम्र का हवाला देते हुए स्वास्थ्य के आधार पर जमानत मांगी थी। जिसे अदालत ने स्वीकार करते हुए रिहाई का आदेश दिया है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने पीएसी के 10 जवानों को जमानत दी थी।

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2018 में हाईकोर्ट ने सुनाई थी उम्रकैद की सजा
दिल्ली हाईकोर्ट ने तीस हजारी कोर्ट के फैसले को पलटते हुए PAC के 16 जवानों को 2018 में उम्र कैद की सजा सुनाई थी। यूपी सरकार ने अदालत से सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई टालने की मांग की थी और कहा था कि उसे जमानत अर्जी की कॉपी नहीं मिली। दो पूर्व पुलिसकर्मियों ने अदालत के सामने याचिका दायर कर कहा था कि इस मामले में बाकी लोगों को जमानत मिल चुकी है। इसलिए उनके बारे में विचार किया जाए।

75 मुस्लिम युवकों की हत्या के आरोपी पीएसी के 19 जवान 
देश को दहलाने वाले मेरठ के हाशिमपुरा कांड से भूचाल आ गया था। 22 मई 1987 में हाशिमपुरा में पीएसी के जवानों ने 75 मुस्लिम युवकों की हत्या कर दी थी। यह घटना उस समय हुई थी जब मेरठ सांप्रदायिक दंगों की आग में झुलस रहा था। नरसंहार मामले में पीएसी के 19 जवानों पर आरोप लगे थे। इसमें मई 2000 में पीएसी के 16 जवानों सरेंडर कर दिया था।
जिनकों बाद में जमानत पर रिहा कर दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने साल 2002 में इस मामले की सुनवाई को गाजियाबाद जिला अदालत से दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट में मुकदमा स्थानांतरित कर दिया था। 21 मार्च 2015 को तीस हजारी कोर्ट ने 16 आरोपियों को अपर्याप्त सबूत के आभाव पर बरी कर दिया था। 


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हाईकोर्ट ने 2018 में सुनाई थी उम्र कैद की सजा
दिल्ली की तीस हजारी अदालत से आरोपियों के बरी किए जाने के बाद मामला हाईकोर्ट पहुंच गया था। जहां 31 अक्टूबर, 2018 को दिल्ली हाईकोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को पलट दिया और हाशिमपुरा कांड के सभी 16 आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। इसके बाद से सभी आरोपी जेल में बंद थे। फिलहाल में सुप्रीम कोर्ट ने 10 दोषियों को जमानत पर रिहा किया था। अब एक बार फिर से दो जवानों को रिहा करने के निर्देश दिए गए हैं। 
 

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