Meerut News : मेरठ के गांव में मिलेंगे रोजगार, देहात क्षेत्र में इंडस्ट्रियल क्लस्टर प्रक्रिया में तेजी

UPT | मेरठ विकास प्राधिकरण की मेरठ महायोजना-2031

May 15, 2024 02:01

मेरठ महायोजना-2031 के तहत 20 मई से गांव में मेडा कैंप लगाकर लोगों को औद्योगिक और व्यावसायिक निर्माण के लिए जानकारी देगा...

Short Highlights
  • मेरठ महायोजना-2031 से ग्रामीण इलाके के नौ नगरीय क्षेत्र होंगे शामिल
  • 1043 वर्ग किलोमीटर में हैं मेरठ महायोजना-2031
  • मेडा अब देहात में औद्योगिक और व्यावसायिक निर्माण के लिए लगाएगा कैंप 
Meerut News : मेरठ महायोजना-2031 शहर के साथ ही देहात के लिए भी मेडा ने विकास का खाका तैयार किया है। मेरठ महायोजना-2031 के तहत 20 मई से गांव में मेडा कैंप लगाकर लोगों को औद्योगिक और व्यावसायिक निर्माण के लिए जानकारी देगा। पर्यटन के लिए भी मेडा नीति बनाएगा। 

मुजफ्फरपुर सैनी और फिटकरी गांव में इंडस्ट्रियल क्लस्टर
मेरठ महायोजना-2031 से शहर के साथ गांव का भी विकास होगा। मेरठ महायोजना-2031 में मवाना, सरधना, हस्तिनापुर और बहसूमा समेत नौ नगरीय क्षेत्र शामिल किए हैं। गांव में औद्योगिक क्लस्टर तैयार किए  जाएंगे। महायोजना-2031 के अंतर्गत मुजफ्फरपुर सैनी और फिटकरी गांव में इंडस्ट्रियल क्लस्टर बनाए जाने हैं। मेडा ने इसके लिए प्रक्रिया शुरू की है। महायोजना-2021 करीब 500 वर्ग किमी. की थी तो वहीं महायोजना-2031 अब 1043 वर्ग किमी. की हो गई है। मेडा मवाना, सरधना और हस्तिनापुर में विशेष पर्यटन नीति तैयार करेगा।

अब 305 नए गांवों को शामिल किया गया
मेरठ विकास प्राधिकरण की सीमा में अब 305 नए गांवों को शामिल किया गया है। इससे गांव देहात में लोगों को रोजगार मिलेगा। वहीं दूसरी ओर आर्थिक स्वावलंबन आएगा। लावड़ कस्बा आर्टिफिशियल ज्वेलरी का गढ़ माना जाता है। यहां की बनी आर्टिफिशियल ज्वेलरी दिल्ली सहित पूरे उत्तर भारत में सप्लाई होती है। सरधना और मवाना में कई गांवों में फुटबॉल-ग्लव्स और क्रिकेट बॉल बनाने के अलावा क्रिकेट बैट हैंड ग्रिप का काम होता है।

कैंची क्लस्टर के लिए लोहियानगर में जमीन
मेरठ में कैंची क्लस्टर के लिए लोहियानगर में जमीन दी थी। जिसमें एक ही व्यक्ति ने प्लॉट लिया। ऐसे में गांव के लोगों को गांव के अंदर रोजगार मिले। इसके लिए औद्योगिक क्लस्टर मेडा तैयार करेगा। 

मोदीपुरम में स्पेशल डवलपमेंट एरिया
मोदीपुरम और परतापुर में स्पेशल डेवलपमेंट एरिया (एसडीए) प्रस्तावित है। परतापुर-भूड़बराल में एसडीए 288.79 हेक्टेयर में और मोदीपुरम में यह 457.06 हेक्टेयर में बनेंगे। इसके लिए पहले फेज के तहत परतापुर-भूड़बराल में नई टाउनशिप के लिए 177 किसान रजामंद हो गए हैं। मेडा उपाध्यक्ष अभिषेक पांडे ने बताया कि महायोजना से शहर के साथ देहात के विकास का ध्यान रखा है। ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों में औद्योगिक क्लस्टर स्थापित किए जाएंगे। इससे ग्रामीणों को अपने गांव में ही रोजगार उपलब्ध होगा। पर्यटन पर काम होगा। जिसके लिए मेडा कैंप लगाएगा। 
 

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