Mirzapur News : हाई कोर्ट के आदेश पर जिगना थाना प्रभारी शैलेश राय के खिलाफ जबरन जमीन कब्जाने का मामला दर्ज

UPT | थाना प्रभारी शैलेश राय

Sep 30, 2024 18:54

जिगना थाना प्रभारी शैलेश राय के खिलाफ जबरन जमीन कब्जाने के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई है। यह मामला उच्च न्यायालय के आदेश पर दर्ज किया गया...

Mirzapur News : जिगना थाना प्रभारी शैलेश राय के खिलाफ जबरन जमीन कब्जाने के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई है। यह मामला उच्च न्यायालय के आदेश पर दर्ज किया गया, जिसमें थाना प्रभारी सहित अन्य छह आरोपियों के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया गया है। घटना से संबंधित विवाद काफी समय से चल रहा था, और पीड़ित पक्ष द्वारा न्याय की गुहार लगाई जा रही थी, जिसे अब हाई कोर्ट ने संज्ञान में लिया है।

मामले की पृष्ठभूमि
यह मामला उस वक्त सामने आया जब पीड़ित पक्ष ने जिगना थाना प्रभारी शैलेश राय पर आरोप लगाया कि उन्होंने जबरन उनकी जमीन कब्जा कराने का काम किया। पीड़ित के अधिवक्ता विष्णु सागर पांडेय ने इस मामले को अदालत में उठाया और न्याय की मांग की। प्रारंभ में, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) ने इस मामले में एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था। 

सत्र न्यायालय ने आदेश पर लगाई थी रोक
सीजेएम के आदेश के बाद, मामला सत्र न्यायालय में पहुंचा जहां सत्र न्यायाधीश ने एफआईआर दर्ज कराने के आदेश पर रोक लगा दी थी। इसके चलते, पीड़ित पक्ष को अस्थायी रूप से राहत नहीं मिली और मामला अटका रहा। इस रोक के खिलाफ पीड़ित पक्ष के अधिवक्ता विष्णु सागर पांडेय ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया और सत्र न्यायालय के आदेश को चुनौती दी।



उच्च न्यायालय का हस्तक्षेप और आदेश बहाल
उच्च न्यायालय ने इस मामले में गंभीरता से विचार किया और सत्र न्यायालय के आदेश को रद्द कर दिया। न्यायालय ने सीजेएम के आदेश को बहाल करते हुए तत्काल एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया। इस आदेश के तहत, जिगना थाना प्रभारी शैलेश राय सहित सभी छह आरोपियों के खिलाफ जिगना थाने में ही मुकदमा दर्ज किया गया है।

आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग
मामले में एफआईआर दर्ज होने के बाद अब कानूनी प्रक्रिया आगे बढ़ाई जा रही है। पीड़ित पक्ष को उम्मीद है कि उन्हें न्याय मिलेगा और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस मामले में एफआईआर दर्ज होने के साथ ही कानूनी प्रक्रिया शुरू हो गई है और जांच का दौर भी जल्द शुरू होगा। 

न्याय की राह में मील का पत्थर
यह मामला मिर्जापुर के कानूनी इतिहास में महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि यह दर्शाता है कि न्यायालय के आदेशों का पालन करना अनिवार्य है और कानून से ऊपर कोई नहीं है। जिगना थाना प्रभारी जैसे अधिकारी पर एफआईआर दर्ज होना प्रशासनिक प्रणाली में पारदर्शिता और न्यायिक प्रक्रिया की ताकत को उजागर करता है। 

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