सोनभद्र में रागी लड्डू का व्यवसाय बढ़ा : आत्मनिर्भर बन रही महिलाएं, बढ़े रोजगार के अवसर

UPT | रागी लड्डू बनाती महिलाएं

Jan 17, 2025 13:48

सोनभद्र जिले की महिला समूहों के लिए रागी (मडुवा) का लड्डू एक नया और लाभकारी व्यवसाय बनकर उभर रहा है। रागी के लड्डू में न केवल अद्भुत स्वाद है, बल्कि यह स्वास्थ्य के लिए भी बेहद फायदेमंद साबित हो रहा है...

Sonbhadra news : सोनभद्र जिले की महिला समूहों के लिए रागी (मडुवा) का लड्डू एक नया और लाभकारी व्यवसाय बनकर उभर रहा है। रागी के लड्डू में न केवल अद्भुत स्वाद है, बल्कि यह स्वास्थ्य के लिए भी बेहद फायदेमंद साबित हो रहा है। रागी में मौजूद पोषक तत्वों और चमत्कारी गुणों के कारण यह लड्डू लोगों की दुर्बलताओं को दूर करने में मदद कर रहा है। खासकर मधुमेह (डायबिटीज) रोगियों के लिए रागी का लड्डू आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से बेहद लाभकारी बताया जा रहा है।

बढ़ रही है रागी लड्डू की डिमांड
एनआरएलएम (राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन) के तहत सोनभद्र जिले की महिला समूहों ने रागी लड्डू बनाने का काम शुरू किया है। महिलाओं ने इस उत्पाद में तिल, गुड़ और देशी घी का इस्तेमाल किया है, जिससे इसकी पौष्टिकता और बढ़ गई है। रागी को घी में भूनकर तिल, मेवे और अन्य पोषक तत्वों के साथ लड्डू तैयार किए जाते हैं, जो स्वाद में भी बहुत लाजवाब होते हैं। जैसे-जैसे यह लड्डू बाजार में पहुंच रहे हैं। उनकी डिमांड प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। बाजार में मडुवा के लड्डू की कीमत 480 रुपये प्रति किलो है।



महिलाओं के स्वाविलंबी बनने का है मौका
हरियाली स्वयं सहायता महिला समूह से जुड़ी निक्की देवी ने बताया कि रागी लड्डू को बनाने में तिल, गुड़ और देशी घी का उपयोग किया जाता है, जिससे न केवल स्वाद बढ़ता है, बल्कि यह स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है। इसके अलावा, यह लड्डू महिलाओं को स्वावलंबी बनने का एक बेहतरीन मौका दे रहे हैं और आने वाले दिनों में यह उनका आर्थिक विकास सुनिश्चित कर सकते हैं।

चिकित्सक ने बताए रागी लड्डू के फायदे
आयुष चिकित्सालय के वरिष्ठ होम्योपैथी चिकित्सक डॉ. शिव प्रकाश तिवारी ने रागी के लड्डू के फायदे बताते हुए कहा कि रागी में कैल्शियम, फास्फोरस, और मैग्नीशियम जैसे तत्व होते हैं, जो हड्डियों को मजबूत करते हैं। साथ ही, इसमें विटामिन B12, C, और A भी होते हैं, जो आंखों की रोशनी बढ़ाने में सहायक होते हैं। आयुर्वेद में मडुआ के कई स्वास्थ्य लाभ बताए गए हैं, जैसे कि यह प्यास, शारीरिक कमजोरी, कफ दोष और मूत्र रोगों को ठीक करने में मदद करता है। मडुआ का सेवन शरीर की गंदगी को बाहर निकालने, त्वचा विकारों और किडनी की समस्या को ठीक करने में भी फायदेमंद होता है।

महिलाएं आगे बढ़कर  ले रही हैं हिस्सा
जिला मिशन प्रबंधक एमजे रवि ने कहा कि रागी लड्डू बनाने के इस काम में हरियाली स्वयं सहायता समूह की महिलाएं सक्रिय रूप से शामिल हो रही हैं। उन्होंने यह भी बताया कि सरकार मिलेट्स (अनाज) के उपयोग को बढ़ावा दे रही है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर उत्पन्न हो रहे हैं। सोनभद्र जिले में रागी, जौ, मक्का, बाजरा और सावा जैसे मिलेट्स फूड का उत्पादन बड़े पैमाने पर हो रहा है, लेकिन इनका समुचित बाजार न होने के कारण इनकी बिक्री नहीं हो पाती थी। अब महिलाएं मिलेट्स फूड को बढ़ावा देने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रही हैं, जिससे उनका आर्थिक विकास सुनिश्चित हो रहा है।

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