Bijnor News : मुस्लिम कारीगर बना रहे रावण, कुंभकरण और मेघनाद के पुतले, जानें कैसे जगा इंटरेस्ट  

UPT | रावण, कुंभकरण और मेघनाद के पुतले तैयार करते कारीगर।

Oct 11, 2024 16:59

देशभर में शारदीय नवरात्रि की धूम है, वहीं जगह-जगह रामलीला का मंचन भी किया जा रहा है। इसके अलावा दशहरा की तैयारियां भी तेज हो गई हैं। इस साल 12 अक्टूबर को विजयदशमी है। इस दौरान बिजनौर के रामलीला ग्राउंड में...

Bijnor News : देशभर में शारदीय नवरात्रि की धूम है, वहीं जगह-जगह रामलीला का मंचन भी किया जा रहा है। इसके अलावा दशहरा की तैयारियां भी तेज हो गई हैं। इस साल 12 अक्टूबर को विजयदशमी है। इस दौरान बिजनौर के रामलीला ग्राउंड में 35 फीट के रावण के पुतले का दहन क‍िया जाएगा। विजयदशमी पर्व को देखते हुए रावण, मेघनाद और कुंभकरण के पुतले तैयार किए जा रहे हैं। खास बात यह है कि इन पुतलों को बनाने वाले मुस्लिम समुदाय के लोग हैं। ये कई वर्षों से पुतले बनाने के काम कर रहे हैं।

उस्ताद के इंतकाल के यह काम अपनाया
कारीगर जमील अहमद ने बताया कि हमारे उस्ताद यामीन रावण, मेघनाद और कुंभकरण के पुतले बनाते थे। उन्हीं से यह कार्य सीखा था। उस्ताद का इंतकाल होने के बाद उनके काम को हमने अपनाया है। यह काम करने में हमें भी अच्छा लगता है। उन्होंने बताया कि रावण, मेघनाद और कुंभकरण का पुतला बनाने में परिवार के 5 से 6 लोग शाम‍िल होते हैं। इस बार बिजनौर की जनता 35 फीट के रावण, 30 फीट के कुंभकरण और 25 फीट ऊंचा मेघनाद का पुतला देखेगी। उन्होंने कहा कि रामलीला समिति के लोग हमें ही हर बार तीनों पुतले बनाने के लिए कहते हैं। यहां हिंदू और मुस्लिम समुदाय के बीच एकता है। हमारे मन में किसी धर्म को लेकर कोई भेदभाव नहीं है।

पांच साल से पुतला बना रहे हैं नईम खान
पुतला बना रहे कारीगर नईम खान ने कहा कि वह अपने पिता के निर्देश पर यह कार्य 5 सालों से कर रहे हैं। यह कार्य करने में अच्छा लगता है। एक माह से पुतलों को तैयार किया जा रहा है। करीब 120 बांस, मैदा, शरीर बनाने में काले रंग के कागज व चेहरा बनाने में रंगीन कागज, कपड़ा, पटाखों का इस्तेमाल किया जाता है। काफी मेहनत का काम है, हल्की सी चूक की वजह से काम दोबारा शुरू करना होता है। बता दें कि बिजनौर में रावण, मेघनाद और कुंभकरण के पुतले के दहन के दौरान लोगों की भारी भीड़ जुटती है।

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