रेलवे ने अपनाई नई तकनीक : मुरादाबाद मंडल में विजिलेंस कंट्रोल डिवाइस का सफल ट्रायल, दुर्घटनाओं पर लगेगी लगाम

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Dec 03, 2024 15:20

रेलवे सुरक्षा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए मुरादाबाद मंडल में इंजनों में विजिलेंस कंट्रोल डिवाइस (VCD) लगाई जा रही है। यह उन्नत तकनीक रेल दुर्घटनाओं को रोकने में मददगार होगी...

Moradabad News : रेलवे सुरक्षा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए मुरादाबाद मंडल में इंजनों में विजिलेंस कंट्रोल डिवाइस (VCD) लगाई जा रही है। यह उन्नत तकनीक रेल दुर्घटनाओं को रोकने में मददगार होगी। कवच प्रणाली के तहत मुरादाबाद मंडल में इस डिवाइस का ट्रायल सफल हो चुका है और लगभग 150 इंजनों में इसे स्थापित किया जा चुका है। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि इस प्रणाली से आपातकालीन परिस्थितियों में ट्रेन अपने आप रुक जाएगी। जिससे यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी।

ड्राइवर की तबीयत खराब होने पर ट्रेन खुद रुकेगी
विजिलेंस कंट्रोल डिवाइस का मुख्य उद्देश्य यह है कि अगर ट्रेन के ड्राइवर को अचानक नींद आ जाए, बेहोशी हो या स्वास्थ्य बिगड़ जाए तो यह डिवाइस स्वचालित रूप से ट्रेन को रोक देगी। आमतौर पर ऐसी स्थिति में असिस्टेंट ड्राइवर ट्रेन को अपने नियंत्रण में ले लेता है और अगले स्टेशन तक ले जाता है। यदि असिस्टेंट ड्राइवर भी ट्रेन को नियंत्रित करने में असमर्थ हो तो यह डिवाइस इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन को रोक देती है।

कैसे काम करती है विजिलेंस कंट्रोल डिवाइस?
यह डिवाइस रेलवे कंट्रोल रूम से लगातार सिग्नल प्राप्त करती रहती है। यदि ड्राइवर या सहायक ड्राइवर किसी आपात स्थिति में सिग्नल का जवाब नहीं देते हैं, तो डिवाइस सक्रिय हो जाती है।
  • एक मिनट तक प्रतिक्रिया न मिलने पर 17 सेकेंड का अलार्म बजता है।
  • यदि इन 17 सेकेंड में भी कोई प्रतिक्रिया नहीं होती है, तो इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन को रोका जाता है।
  • कंट्रोल रूम को तुरंत सूचित कर दिया जाता है कि संबंधित ट्रेन में ऑटोमेटिक ब्रेक लगाए गए हैं।
अपग्रेडेशन की प्रक्रिया
कोरोना काल के बाद कई इंजनों में विजिलेंस कंट्रोल डिवाइस लगाई गई थी। पुराने मॉडलों में ड्राइवर के पैर के पास एक बटन होता था। जिसे थोड़ी-थोड़ी देर में दबाना पड़ता था। यदि ड्राइवर ऐसा नहीं करता था तो अलार्म बजने लगता था। अब इस डिवाइस को इंजन के पैनल पर भी स्थापित किया गया है, जिससे ड्राइवर को पैर और हाथ दोनों से सक्रिय रहना अनिवार्य हो गया है। यदि दो बार अलार्म बजने पर भी ड्राइवर सक्रिय नहीं होता है तो ट्रेन के ब्रेक स्वतः लग जाते हैं।

सुरक्षा सुनिश्चित करने का कदम
मुरादाबाद मंडल में इस डिवाइस की स्थापना का कार्य जारी है। रेलवे के डीसीएम रेहान रजा रिजवी ने बताया कि यह डिवाइस ट्रेन ऑपरेट न करने की स्थिति में स्वतः ब्रेक लगाकर दुर्घटनाओं से बचाव करेगी।

रेलवे की सुरक्षा को नई दिशा
यह पहल रेलवे की सुरक्षा में एक क्रांतिकारी बदलाव साबित हो सकती है। मुरादाबाद मंडल में इस नई तकनीक के सफल ट्रायल ने यह साबित कर दिया है कि रेल यात्रियों की सुरक्षा के प्रति रेलवे पूरी तरह प्रतिबद्ध है। दुर्घटनाओं से बचने के लिए इस तरह की आधुनिक तकनीकों का उपयोग भविष्य में और बढ़ेगा।

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