संभल हिंसा के दस दिन बाद बुलडोजर की कार्रवाई : नगर निगम ने दिखाई सख्ती, हटाई गईं अवैध दुकानें

UPT | संभल में चला बुलडोजर

Dec 03, 2024 19:46

संभल में हुई हिंसा को लगभग दस दिन हो गए हैं और इस घटना के बाद से जांच जारी है। इस बीच, जिले में अब बुलडोजर कार्रवाई भी शुरू हो गई है...

Sambhal News : संभल में हुई हिंसा को लगभग दस दिन हो गए हैं और इस घटना के बाद से जांच जारी है। इस बीच, जिले में अब बुलडोजर कार्रवाई भी शुरू हो गई है। मंगलवार को चंदौसी स्थित संभल गेट पर बीएमजी इंटर कॉलेज के पास बनाई गई अवैध दुकानों को नगर निगम की टीम ने बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया।
अतिक्रमण के खिलाफ चलाया अभियान
जिला प्रशासन ने अतिक्रमण के खिलाफ एक अभियान चलाया है, जिसके तहत अवैध निर्माणों को हटाने का काम किया जा रहा है। यह कार्रवाई हिंसा के बाद स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए की गई है, और प्रशासन का उद्देश्य जिले में कानून व्यवस्था बनाए रखना है।

फॉरेंसिक टीम पहुंची संंभल
वहीं इससे पहले, फोरेंसिक टीम ने संभल पहुंची। जहां, कोट गर्वी मोहल्ले स्थित जामा मस्जिद के पास जांच के दौरान नालियों की सफाई करते समय 5 खोखे और 2 मिस फायर कारतूस बरामद किए। यह खोखे पाकिस्तान ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में बने हुए थे। इस दौरान LIU टीम भी मौके पर मौजूद थी और स्थानीय पुलिस अधिकारियों के साथ ASP श्रीश चंद्र, CO संभल अनुज चौधरी और CO असमोली आलोक कुमार सिद्धू ने भी घटनास्थल का दौरा किया।



पुलिस जारी रखा सर्च ऑपरेशन 
ASP ने जानकारी देते हुए बताया कि 9 एमएम के 2 मिस फायर कारतूस और 1 खोखा पाकिस्तान ऑर्डिनेंस फैक्ट्री से बरामद हुआ है। इसके अलावा, 12 बोर के 2 खोखे और 32 बोर के 2 खोखे भी मौके से मिले हैं। पुलिस ने अब सर्च ऑपरेशन जारी रखा है, ताकि इस मामले में और अधिक जानकारी मिल सके और सही सबूत इकट्ठे किए जा सकें।

कैसे हुई संभल हिंसा 
संभल में स्थित शाही जामा मस्जिद को हरिहर मंदिर होने का दावा करते हुए 19 नवंबर को सिविल जज (सीनियर डिवीजन) की कोर्ट में वाद दायर किया गया था। इस पर न्यायालय ने कोर्ट कमिश्नर नियुक्त करते हुए 29 नवंबर तक सर्वे रिपोर्ट प्रस्तुत करने के आदेश दिए थे। कोर्ट कमिश्नर रमेश राधव ने मस्जिद का पहले 19 नवंबर और फिर 24 नवंबर को वीडियो और फोटो के माध्यम से विस्तृत सर्वे किया। दूसरे सर्वे के दौरान हिंसा भड़क उठी, जिसमें चार लोगों की गोली लगने से मौत हो गई। इसके बाद स्थिति गंभीर हो गई। सुप्रीम कोर्ट ने मामले पर हस्तक्षेप करते हुए निचली अदालत को सुनवाई से रोक दिया। हालांकि, एडवोकेट कमिश्नर ने सर्वे रिपोर्ट जमा करने के लिए 10 दिन का समय मांगा।

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