समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम के खिलाफ दो पैनकार्ड मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट में सुनवाई हुई। पांच गवाह पेश हुए, जिनमें दो की गवाही दर्ज हुई। अगली सुनवाई 18 दिसंबर 2024 को होगी।
Dec 07, 2024 13:44
समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम के खिलाफ दो पैनकार्ड मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट में सुनवाई हुई। पांच गवाह पेश हुए, जिनमें दो की गवाही दर्ज हुई। अगली सुनवाई 18 दिसंबर 2024 को होगी।
Rampur News : समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम के खिलाफ दो पैनकार्ड बनाने के मामले में एमपी-एमएलए मजिस्ट्रेट कोर्ट में सुनवाई हुई। भाजपा नेता और वर्तमान शहर विधायक आकाश सक्सेना द्वारा दर्ज इस मामले में शुक्रवार को पांच गवाह पेश हुए, जिनमें से दो गवाहों की गवाही दर्ज की गई। शेष तीन गवाहों को कोर्ट ने उन्मुक्त कर दिया। अब इस मामले की अगली सुनवाई 18 दिसंबर 2024 को होगी।
मामले का पृष्ठभूमि
यह मामला 2022 में चर्चा में आया जब भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने समाजवादी पार्टी नेता अब्दुल्ला आजम और उनके पिता आजम खां पर गंभीर आरोप लगाए। शिकायत के अनुसार, अब्दुल्ला आजम ने दो अलग-अलग जन्म प्रमाण पत्रों का उपयोग करते हुए दो पैनकार्ड बनवाए और उनका उपयोग विभिन्न आर्थिक गतिविधियों में किया। यह मामला आजम खां के खिलाफ पहले से लंबित कई कानूनी विवादों की श्रृंखला में एक और कड़ी है।
ये हैं आरोप
अब्दुल्ला आजम पर आरोप है कि उन्होंने अलग-अलग जन्म तिथियों का इस्तेमाल कर दो पैनकार्ड बनवाए। इन पैनकार्ड्स का कथित उपयोग संपत्ति के लेनदेन और अन्य आर्थिक गतिविधियों में किया गया। शिकायतकर्ता का आरोप है कि यह फर्जीवाड़ा उनके पिता आजम खां की योजना का हिस्सा था। मामले में सपा नेता आजम खां को सह-अभियुक्त बनाया गया है।
मजिस्ट्रेट कोर्ट में शुक्रवार को पांच गवाह पेश किए गए :
अखलेश कुमार, विजय सिंह, जकी खान, फिरासत खान, आरिफ खान। इनमें से जकी खान और फिरासत खान की गवाही दर्ज की गई। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता संदीप सक्सेना ने बताया कि अन्य तीन गवाहों को उन्मुक्त कर दिया गया है।
अब्दुल्ला और आजम खां का पक्ष
अब्दुल्ला आजम और आजम खां ने सभी आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताया है। उनके वकीलों का कहना है कि यह मामला भाजपा की ओर से राजनीतिक प्रतिशोध का हिस्सा है। उनके अनुसार, इस तरह के आरोपों का उद्देश्य सपा नेताओं की छवि खराब करना है।
अगली सुनवाई की तारीख
मजिस्ट्रेट कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 18 दिसंबर 2024 की तारीख तय की है। इस दौरान गवाहों के बयानों और सबूतों के आधार पर अदालत फैसला करेगी कि यह मामला चार्जशीट के स्तर तक जाएगा या नहीं।
कानूनी विशेषज्ञों की राय
कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि यदि दो पैनकार्ड बनवाने और उनका उपयोग करने के आरोप सही साबित होते हैं, तो यह भारतीय दंड संहिता और आयकर अधिनियम के तहत गंभीर अपराध की श्रेणी में आएगा। इसमें जुर्माने के साथ-साथ जेल की सजा का भी प्रावधान है।
आजम खां पर पहले भी लगे हैं आरोप
यह पहला मौका नहीं है जब आजम खां और उनके परिवार को कानूनी परेशानियों का सामना करना पड़ा है। उन पर यह आरोप भी हैं।
सियासी और सामाजिक प्रभाव
यह मामला न केवल सपा नेताओं के लिए कानूनी संकट खड़ा कर रहा है, बल्कि भाजपा और सपा के बीच राजनीतिक खींचतान को भी उजागर करता है। जहां भाजपा इसे न्याय और पारदर्शिता का मामला बता रही है, वहीं सपा इसे राजनीति से प्रेरित कार्रवाई करार दे रही है। यह देखना दिलचस्प होगा कि 18 दिसंबर की सुनवाई में क्या नया मोड़ सामने आता है और यह मामला किस दिशा में बढ़ता है।
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