रामपुर में बिजली संकट : ट्रांसफार्मर खराब, छह दिन से अंधेरे में डूबा गांव, ग्रामीणों ने एसडीएम को सौंपा ज्ञापन

UPT | ग्रामीणों ने एसडीएम को सौंपा ज्ञापन

Jul 31, 2024 15:23

भारतीय किसान संघ रामपुर के पूर्व जिला अध्यक्ष आदेश शंखधार ने बुधवार को ग्रामीणों के साथ तहसील मिलक पहुंचकर उप जिलाधिकारी को संबोधित ज्ञापन नायब तहसीलदार अंकित अवस्थी को सौंपा।

Rampur News : रामपुर में बिजली आपूर्ति की समस्या ने एक बार फिर स्थानीय प्रशासन और बिजली विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। भारतीय किसान संघ रामपुर के पूर्व जिला अध्यक्ष आदेश शंखधार के नेतृत्व में ग्रामीणों ने बुधवार को तहसील मिलक में उप जिलाधिकारी को एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें धमोरा बिजली घर के अधीन आने वाले गांव लोहापट्टी भोलानाथ की दयनीय स्थिति का विवरण दिया गया।

पिछले छह दिनों से गांव का ट्रांसफार्मर खराब
पिछले छह दिनों से यानी 26 जुलाई से गांव का ट्रांसफार्मर खराब होने के कारण पूरा क्षेत्र अंधेरे में डूबा हुआ है। गर्मी के मौसम में बिजली की कटौती ने ग्रामीणों के जीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। स्थानीय निवासियों ने इस समस्या को हल करने के लिए अवर अभियंता से संपर्क किया, लेकिन उनकी शिकायतों को अनदेखा कर दिया गया।

बिल कलेक्टर ने मांगे तीन हजार रुपये
इस मामले में एक चौंकाने वाला खुलासा तब हुआ जब बिजली विभाग के बिल कलेक्टर राजवीर मौर्य ने ग्रामीणों से कहा कि अगर वे तीन हजार रुपये का भुगतान करें तो ट्रांसफार्मर बदला जा सकता है। परेशान ग्रामीणों ने प्रति व्यक्ति सौ रुपये के हिसाब से कुल तीन हजार रुपये जमा किए, लेकिन इसके बावजूद बिजली आपूर्ति बहाल नहीं हुई।

उप खंड अधिकारी ने भी नहीं की कार्रवाई
आदेश शंखधार ने बताया कि उन्होंने उप खंड अधिकारी विद्युत विभाग दुर्गनगला को मोबाइल और ट्विटर के माध्यम से इस समस्या के बारे में सूचित किया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। यह स्थिति मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के उस निर्देश के विपरीत है, जिसमें उन्होंने बिजली की समस्याओं का त्वरित समाधान सुनिश्चित करने का आदेश दिया था।

समस्या का समाधान नहीं हुआ तो देंगे धरना
शंखधार ने चेतावनी दी है कि अगर 31 जुलाई की रात 10 बजे तक इस समस्या का समाधान नहीं किया गया, तो वे 1 अगस्त से अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर देंगे। उन्होंने इस संभावित विरोध प्रदर्शन की पूरी जिम्मेदारी स्थानीय प्रशासन पर डाली है।

आंदोलन का समर्थन कर रहे लोग
इस मुद्दे ने स्थानीय स्तर पर जन आक्रोश को जन्म दिया है। कई ग्रामीण नेता जैसे राजेश मौर्य, रमेश कुमार, अशोक, बनारसी, रूपकिशोर, और अन्य इस आंदोलन का समर्थन कर रहे हैं। उनका कहना है कि यह समस्या केवल एक गांव की नहीं है, बल्कि यह पूरे क्षेत्र में व्याप्त एक बड़ी समस्या का प्रतीक है। 

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