संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के बाद बदले हालात को लेकर प्रशासन अलर्ट : जुमे की नमाज को लेकर डीएम और एसपी ने फोर्स के साथ निकाला फ्लैग मार्च 

UPT | डीएम और एसपी ने फोर्स के साथ निकाला फ्लैग मार्च 

Nov 22, 2024 00:37

शुक्रवार को जुमे की नमाज से पहले संभल में पुलिस प्रशासन अलर्ट पर है। जामा मस्जिद के सर्वे के बाद डीएम और एसपी ने संवदेनशील इलाकों में पुलिस, पीएसी, आरआरएफ के साथ फ्लैग मार्च किया। इस दौरान चप्पे-चप्पे पर पुलिस फोर्स की तैनाती भी की गई है।

Sambhal News : संभल में जामा मस्जिद-हरिहर मंदिर को लेकर विवाद बढ़ता ही जा रहा है। मस्जिद के सर्वे के आदेश के बाद से ही माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है। इस बीच कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए डीएम और एसपी ने मोर्चा संभाल रखा है। मंदिर-मस्जिद विवाद को लेकर बढ़ते तनाव के बीच डीएम और एसपी ने गुरुवार को पुलिस बल के साथ फ्लैग मार्च निकाला। इसके साथ ही संभल में बीएनएस की धारा-163 भी लागू कर दी गई है।

पुलिस बल के साथ डीएम और एसपी ने किया फ्लैग मार्च
शुक्रवार को जुमे की नमाज से पहले संभल में पुलिस प्रशासन अलर्ट पर है। जामा मस्जिद के सर्वे के बाद डीएम और एसपी ने संवदेनशील इलाकों में पुलिस, पीएसी, आरआरएफ के साथ फ्लैग मार्च किया। इस दौरान चप्पे-चप्पे पर पुलिस फोर्स की तैनाती भी की गई है। इस मामले में एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई ने कहा कि शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए मार्च किया गया। इससे एक संदेश देने की भी कोशिश की गई कि अगर कोई भी व्यक्ति कानून को हाथ में लेने का काम करेगा या कोई भी अराजकता फैलाने की कोशिश करेगा, उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। आज जुमे की नमाज है। किसी भी जगह पर ज्यादा लोगों को जमा होने की अनुमति नहीं है।
सोशल मीडिया पर रखी जा रही कड़ी नजर
एसपी ने बताया कि सोशल मीडिया पर विशेष निगरानी रखी जा रही है। झूठी अफवाह फैलाने और सोशल मीडिया पर भ्रामक पोस्ट करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी। सभी से अनुरोध है कि शांति व्यवस्था बनाए रखने में मदद करें।

बीएनएस की धारा-163 लागू
वहीं डीएम डॉ राजेंद्र पेंसिया ने बताया कि सुरक्षा व्यवस्था को लेकर बीएनएस धारा-163 लगाई गई है। पांच या पांच से अधिक लोग अनावश्यक एक साथ खड़े नहीं होने। ऐसा करने पर उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। गौरतलब है कि संभल में तनाव की वजह शाही जामा मस्जिद- हरिहर मंदिर विवाद बना हुआ है। हिंदू पक्ष का दावा है कि जिस जगह पर शाही जामा मस्जिद मौजूद हैं, वहां श्री हरिहर मंदिर हैं। मामला बढ़ते-बढ़ते कोर्ट तक पहुंचा। इसके बाद मंगलवार (19 नवंबर) को विवाद में बड़ा फैसला देते हुए कोर्ट ने मस्जिद का सर्वे कराने का आदेश दिया। कोर्ट के आदेश के कुछ घंटों बाद ही सर्वे की एक टीम शाही जामा मस्जिद भी पहुंच गई। विवादित मस्जिद के सर्वे के दौरान से ही इलाके में तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है।

मस्जिद के मुख्य द्वार के सामने रहते हैं अधिकतर हिंदू परिवार
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुस्लिम बहुल शहर संभल के केंद्र में एक ऊंचे टीले पर बनी शाही जामा मस्जिद आस-पास की सबसे बड़ी इमारत है। मस्जिद के मुख्य द्वार के सामने अधिकतर हिंदू लोग रहते हैं जबकि इसकी पिछली दीवार के चारों तरफ़ मुसलमान आबादी है। अब यहां भारी संख्या में पुलिस बल तैनात है और मस्जिद के पास लोगों को आने से रोका जा रहा है। हालांकि, मस्जिद में तय वक़्त पर नमाज़ हो रही है।

क्या है विवाद
संभल की ऐतिहासिक जामा मस्जिद किस काल में बनी है, इसे लेकर विवाद है लेकिन हिंदू पक्ष ने अदालत में दावा किया है कि इसे मुगल शासक बाबर के आदेश पर एक हिंदू मंदिर के स्थान पर बनाया गया था। हालांकि, संभल के इतिहास पर ‘तारीख़ ए संभल’ किताब लिखने वाले मौलाना मोईद बताते हैं कि बाबर ने इस मस्जिद की मरम्मत करवाई थी, ये सही नहीं है कि बाबर ने इस मस्जिद का निर्माण करवाया था। उन्होंने कहा कि ये ऐतिहासिक तथ्य है कि बाबर ने लोधी शासकों को हराने के बाद 1526 में संभल का दौरा किया था। लेकिन बाबर ने जामा मस्जिद का निर्माण नहीं करवाया था। मौलाना मोईद के मुताबिक़, बहुत संभव है कि इस मस्जिद का निर्माण तुगलक काल में हुआ हो. इसकी निर्माण शैली भी मुग़ल काल से मेल नहीं खाती है। ये मस्जिद फिलहाल भारत के पुरातत्व सर्वे की निगरानी में है और एक संरक्षित इमारत है। 

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