मंदिर और कुओं की खोज पर डीएम का बड़ा बयान : इसे भगवान कल्कि के अवतार से जोड़ा, धार्मिक विरासत को पुनर्जीवित करने का प्रयास बताया

UPT | संभल में खुदाई पर डीएम राजेंद्र पेंसिया का बड़ा बयान।

Dec 24, 2024 23:51

संभल में प्रशासन द्वारा प्राचीन मंदिरों और कुओं की खोज जारी है। डीएम ने इसे कल्कि भगवान के अवतार की तैयारी बताया। उन्होंने कहा कि प्राचीन नक्शे के आधार पर धरोहरों को पुनर्जीवित करने का यह प्रयास किया जा रहा है।

Sambhal News : उत्तर प्रदेश के संभल जिले में प्रशासन द्वारा जारी प्राचीन मंदिरों और कुओं की खोज को लेकर जिलाधिकारी (डीएम) राजेंद्र पेंसिया ने एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने इस अभियान को कल्कि भगवान के अवतार की तैयारी करार दिया। डीएम ने प्राचीन नक्शे के आधार पर चल रहे कार्यों के महत्व को समझाते हुए कहा कि यह अभियान संभल की ऐतिहासिक और धार्मिक धरोहर को पुनर्जीवित करने का प्रयास है। 



प्राचीन नक्शे के आधार पर हो रही है खोज
संभल प्रशासन ने इलाके के प्राचीन नक्शे को आधार बनाकर पुराने मंदिरों, कुओं और तीर्थ स्थलों को खोजने का अभियान चलाया है। डीएम राजेंद्र पेंसिया ने बताया कि संभल के प्राचीन नक्शे में 19 कुओं, 68 तीर्थ स्थलों, 36 पूरे (प्राचीन बस्तियां), और 52 सराय का उल्लेख मिलता है। इनमें से अब तक 17-18 कुएं खोजे जा चुके हैं। डीएम ने आश्वासन दिया कि इस प्रक्रिया के दौरान मिलने वाले सभी प्राचीन निर्माणों की जांच भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) से कराई जाएगी।

संभल को तीर्थ नगरी के रूप में विकसित करने का लक्ष्य
डीएम ने कहा कि इस अभियान का उद्देश्य केवल पुरातत्व की खोज करना नहीं है, बल्कि संभल को तीर्थ नगरी के रूप में विकसित करना है। इसके तहत यहां की प्राचीन धरोहरों का जीर्णोद्धार किया जाएगा और इसे पर्यटन के लिए आकर्षक स्थल बनाया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि कलयुग में होने वाले कल्कि भगवान के अवतार से पहले संभल को सनातन धर्म नगरी के रूप में तैयार करने की योजना है।

कल्कि भगवान और संभल का धार्मिक महत्व
संस्कृत श्लोकों का उल्लेख करते हुए डीएम ने बताया कि प्राचीन ग्रंथों में संभल को कल्कि भगवान के अवतार स्थल के रूप में वर्णित किया गया है। यह स्थान धार्मिक और ऐतिहासिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि संभल के 24 मील (लगभग 48 किलोमीटर) के दायरे में 68 तीर्थ स्थल स्थित हैं, जिनमें से कई की खोज पहले ही पूरी हो चुकी है।

अतिक्रमण हटाने और धरोहर की पुनर्स्थापना
संभल प्रशासन ने अतिक्रमण हटाने के लिए अभियान तेज कर दिया है। डीएम ने कहा कि पुराने मंदिरों और कुओं को खोजने के पीछे की मंशा यह सुनिश्चित करना है कि क्षेत्र की ऐतिहासिक और धार्मिक धरोहरों को संरक्षित किया जा सके। चंदौसी और सराय तरीन जैसे इलाकों में भी दो पुराने मंदिर खोजे गए हैं। 

पर्यटन और रोजगार में होगी बढ़ोतरी
संभल को तीर्थ नगरी के रूप में विकसित करने से क्षेत्र में पर्यटन और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। डीएम ने कहा कि इस योजना से न केवल क्षेत्र का विकास होगा, बल्कि लोगों को आर्थिक लाभ भी मिलेगा। इसके लिए राजस्व विभाग समेत अन्य विभाग मिलकर काम कर रहे हैं। 

विवादों के बीच प्रशासन का रुख स्पष्ट
हालांकि, मुस्लिम बहुल इलाके में मंदिरों और कुओं की खोज को लेकर प्रशासन के इस अभियान पर सवाल भी उठ रहे हैं। कई लोग यह जानना चाहते हैं कि इस कार्रवाई के पीछे प्रशासन का वास्तविक उद्देश्य क्या है। डीएम राजेंद्र पेंसिया ने स्पष्ट किया कि यह अभियान केवल धार्मिक स्थलों की खोज तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य संभल की सांस्कृतिक पहचान और धार्मिक धरोहर को पुनर्जीवित करना है। संभल में जारी यह अभियान न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि यह क्षेत्र के आर्थिक और सांस्कृतिक विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। डीएम ने स्पष्ट किया कि प्रशासन हर कदम सोच-समझकर उठा रहा है ताकि क्षेत्र की ऐतिहासिक धरोहर को संरक्षित किया जा सके और इसे एक धार्मिक और पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा सके। 

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