संभल हिंसा : कोर्ट कमिश्नर ने सर्वे रिपोर्ट पेश करने के लिए मांगा समय, मस्जिद पक्ष के वकील ने जताई आपत्ति

UPT | संभल हिंसा

Dec 09, 2024 13:01

संभल के शाही जामा मस्जिद के सर्वे रिपोर्ट पेश करने की तारीख एक बार फिर टल गई है। मामले में कोर्ट कमिश्नर रमेश सिंह राघव ने सोमवार को अदालत से रिपोर्ट पेश करने के लिए और समय की मांग की।

Sambhal News : संभल शाही जामा मस्जिद की विवादित सर्वे रिपोर्ट पेश करने की तारीख एक बार फिर टल गई है। कोर्ट कमिश्नर रमेश सिंह राघव ने कोर्ट से अतिरिक्त समय मांगा था, जिसे कोर्ट ने मंजूर कर लिया है। वहीं मुस्लिम पक्ष के वकील ने इस समय सीमा को बढ़ाए जाने पर कड़ी आपत्ति जताई है और कोर्ट से इस पर निर्णय लेने की मांग की है।

सर्वे रिपोर्ट की पेशी में देरी
संभल के शाही जामा मस्जिद के सर्वे मामले में कोर्ट कमिश्नर रमेश सिंह राघव ने सोमवार को अदालत से रिपोर्ट पेश करने के लिए और समय की मांग की। यह रिपोर्ट पहले 29 नवंबर को पेश की जानी थी, लेकिन स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए कोर्ट कमिश्नर ने समय सीमा बढ़ाने की मांग की थी। अदालत ने पहले 10 दिन का अतिरिक्त समय दिया था, जो 9 दिसंबर को समाप्त हो गया। सोमवार को फिर से उन्होंने 15 दिन का अतिरिक्त समय मांगा, जिसे अदालत ने मंजूर कर लिया। कोर्ट कमिश्नर ने अदालत को बताया कि सर्वे रिपोर्ट लगभग तैयार है, लेकिन खराब स्वास्थ्य के कारण उसे अंतिम रूप देने में देरी हो रही है। रिपोर्ट को सील बंद लिफाफे में पेश किया जाएगा।


मुस्लिम पक्ष की आपत्ति
मुस्लिम पक्ष के वकील जफर अली ने कोर्ट कमिश्नर के बार-बार समय बढ़ाने पर आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट की समय सीमा में और बढ़ोतरी से मामला और जटिल हो रहा है। जफर अली ने अदालत में इस मुद्दे पर औपचारिक आपत्ति दर्ज की है और कहा कि इस मामले में आगे की कोई भी कार्रवाई हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद ही की जानी चाहिए।

संभल हिंसा 
24 नवंबर को मस्जिद का दूसरा सर्वे किया गया, जिसके दौरान हिंसा भड़क उठी। इस हिंसा में पांच लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए, जिनमें पुलिसकर्मी भी शामिल थे। इस घटना के बाद से संभल क्षेत्र में पुलिस और पीएसी की तैनाती की गई, ताकि शांति और व्यवस्था बनी रहे।

मस्जिद के विवाद की शुरुआत
यह मामला 19 नवंबर को उस समय चर्चा में आया था, जब चंदौसी स्थित सिविल जज (सीनियर डिवीजन) की अदालत में एक वाद दायर किया गया, जिसमें शाही जामा मस्जिद को हरिहर मंदिर बताया गया। अदालत ने तुरंत कोर्ट कमिश्नर की नियुक्ति कर मस्जिद का सर्वे करने का आदेश दिया था। इसके बाद, कोर्ट कमिश्नर ने चंदौसी से संभल पहुंचकर मस्जिद का सर्वे किया।

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