क्या बांग्लादेश पाकिस्तान की राह पर? : अल्पसंख्यकों पर लगातार हो रहे हमले की वजह से भारत के साथ रिश्तों में बढ़ती जा रही है कटुता

UPT | क्या बांग्लादेश पाकिस्तान की राह पर?

Dec 20, 2024 19:18

बीते कुछ वर्षों में भारत और बांग्लादेश के रिश्तों में कटुता बढ़ती नजर आ रही है। यह वही बांग्लादेश है, जिसे भारत ने 1971 में पाकिस्तान से अलग कर एक स्वतंत्र राष्ट्र बनने में मदद की थी।

New Delhi : बीते कुछ वर्षों में भारत और बांग्लादेश के रिश्तों में कटुता बढ़ती नजर आ रही है। यह वही बांग्लादेश है, जिसे भारत ने 1971 में पाकिस्तान से अलग कर एक स्वतंत्र राष्ट्र बनने में मदद की थी। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नेतृत्व में 13 दिनों तक चले युद्ध में भारतीय सेना ने अपना बलिदान देकर बांग्लादेश को आजाद किया। इस संघर्ष में कई भारतीय सैनिक, जिनमें बड़ी संख्या में हिंदू थे, शहीद हुए। लेकिन आज इसी बांग्लादेश में हिंदू, बौद्ध और ईसाई समुदाय के लोगों पर लगातार हमले हो रहे हैं। उनके घरों, प्रतिष्ठानों और पूजा स्थलों को निशाना बनाया जा रहा है। पढिए वरिष्ठ पत्रकार राधा रमण के विचार...

अल्पसंख्यकों पर बढ़ते हमले
हाल के वर्षों में बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हिंसा की घटनाएं बढ़ी हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, 2021 में दुर्गा पूजा के दौरान भी हिंदू समुदाय के खिलाफ बड़े पैमाने पर हमले हुए थे। ताजा घटनाओं में हिंदुओं के घरों और पूजा स्थलों पर 2,000 से अधिक हमले हो चुके हैं। इन हमलों में महिलाओं की आबरू लूटने, संपत्तियों को जलाने और निर्दोष लोगों की हत्या की घटनाएं शामिल हैं। अल्पसंख्यक समुदाय दहशत में जीने को मजबूर है।

ढाका ट्रिब्यून का संपादकीय और बांग्लादेश की प्रतिक्रिया
बांग्लादेश के प्रमुख अखबार ढाका ट्रिब्यून ने अपने संपादकीय में इन घटनाओं को देश की नींव पर हमला बताया है। संपादकीय के अनुसार, "सांप्रदायिक हिंसा ने बांग्लादेश को कमजोर किया है और देश को विभाजित किया है। जब तक दोषियों को सख्त सजा नहीं दी जाती, तब तक इस समस्या का समाधान संभव नहीं।" बांग्लादेश के अंतरिम प्रधानमंत्री मोहम्मद यूनुस ने इन घटनाओं की निंदा जरूर की, लेकिन उनकी सरकार द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। इस बीच, भारत के विभिन्न राज्यों में बांग्लादेश में हो रही हिंसा के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं। प्रदर्शनकारियों में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और अन्य संगठनों के लोग भी शामिल हैं।



भारत का रुख और बढ़ता तनाव
भारत ने इन घटनाओं पर औपचारिक विरोध दर्ज कराया है। इस्कॉन मंदिर के महंत चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के विरोध में देशभर में प्रदर्शन हो रहे हैं। वहीं, अगरतला स्थित बांग्लादेश के सहायक उच्चायोग में हुई तोड़फोड़ पर बांग्लादेश ने भारत के उच्चायुक्त प्रणय वर्मा को तलब कर विरोध जताया। बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के नेताओं के विवादित बयान भी तनाव बढ़ा रहे हैं। एक बीएनपी नेता ने तो यहां तक कह दिया कि बांग्लादेश का पश्चिम बंगाल, बिहार और ओडिशा पर वैध दावा है। इस पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सख्त प्रतिवाद करते हुए कहा कि भारत अपनी जमीन पर किसी तरह का कब्जा बर्दाश्त नहीं करेगा।

क्या बांग्लादेश पाकिस्तान की राह पर?
बांग्लादेश में बढ़ते कट्टरपंथ और अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों ने भारत के साथ उसके संबंधों में खटास पैदा कर दी है। हालात यह हैं कि बांग्लादेश अब पाकिस्तान की राह पर चलता नजर आ रहा है। भारत के लिए यह स्थिति चिंताजनक है। सवाल यह है कि क्या बांग्लादेश में धर्मनिरपेक्षता की बुनियाद हिल चुकी है, और क्या भारत को इस दिशा में ठोस कदम उठाने की जरूरत है?

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