देहरादून में फर्जीवाड़ा : शख्स ने खुद को बताया यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ का सलाहकार, तीन आरोपी गिरफ्तार

UPT | सीएम योगी आदित्यनाथ

Dec 19, 2024 15:55

देहरादून में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का सलाहकार बताने वाले तीन आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया है।

New Delhi News : उत्तराखंड के देहरादून में एक फर्जी पत्र के आधार पर खुद को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का सलाहकार बताने वाले आरोपी समेत तीन लोगों के खिलाफ पुलिस ने गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया है। यह मामला तब सामने आया जब उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव के हस्ताक्षर वाले एक फर्जी पत्र के जरिए एक व्यक्ति को सुरक्षा मुहैया कराने की अनुशंसा की गई। इस पत्र के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पुलिस हरकत में आई और मामले की जांच शुरू हुई।

फर्जी पत्र की साजिश का खुलासा
पुलिस के अनुसार देहरादून के सहसपुर निवासी नीरज कश्यप नामक व्यक्ति को यह फर्जी पत्र दिया गया था, जिसमें उसे सुरक्षा प्रदान करने की अनुशंसा की गई थी। यह पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसके बाद इसकी सत्यता पर सवाल उठे। जांच में पता चला कि पत्र में मुख्य सचिव के हस्ताक्षर और पत्रांक संख्या को किसी अन्य आधिकारिक आदेश से कॉपी-पेस्ट किया गया था।



देहरादून के एसएसपी को दिया जांच का आदेश
एसएसपी देहरादून अजय सिंह को इस फर्जीवाड़े की जानकारी मिलने पर जांच का आदेश दिया गया। नीरज कश्यप से पूछताछ के दौरान खुलासा हुआ कि यह पत्र उसे देहरादून निवासी पंडित आचार्य उर्फ नागेंद्र ने दिया था। पंडित आचार्य ने खुद को गोरखनाथ मठ से जुड़ा हुआ और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का सलाहकार बताया।

तीनों आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज
जांच के दौरान पंडित आचार्य ने पुलिस को बताया कि यह फर्जी पत्र उसे लखनऊ निवासी सुधीर मिश्रा ने भेजा था। हालांकि, पुलिस को आचार्य के बयानों में बार-बार भ्रामक जानकारी मिली। जांच में यह स्पष्ट हुआ कि यह फर्जीवाड़ा एक सुनियोजित साजिश का हिस्सा था। एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि तीनों आरोपी नीरज कश्यप, पंडित आचार्य उर्फ नागेंद्र और सुधीर मिश्रा के खिलाफ आईपीसी की गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया गया है।

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साजिश के पीछे मकसद की जांच
पुलिस का कहना है कि फर्जी पत्र के जरिए सरकारी तंत्र और सुरक्षा व्यवस्था को गुमराह करने की कोशिश की गई है, जो बेहद गंभीर अपराध है। पुलिस अब इस साजिश के पीछे के उद्देश्य का पता लगाने की कोशिश कर रही है। साथ ही यह भी जांच की जा रही है कि इस फर्जीवाड़े में और कौन-कौन लोग शामिल हो सकते हैं। पंडित आचार्य के गोरखनाथ मठ और मुख्यमंत्री से जुड़े होने के दावों की भी पुष्टि नहीं हो पाई है।

मामले की जांच जारी
एसएसपी अजय सिंह ने कहा कि मामले की गहराई से जांच की जा रही है, और दोषियों को सख्त सजा दी जाएगी। पुलिस ने यह भी स्पष्ट किया कि फर्जीवाड़े में शामिल सभी लोगों की भूमिका का जल्द ही खुलासा किया जाएगा।

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