छठी क्लास की सोशल साइंस में व्यापक बदलाव : भारतीय संस्कृति और इतिहास पर ज़ोर, अब एक किताब में होंगे 3 सब्जेक्ट

UPT | सीबीएसई

Jul 23, 2024 20:22

सीबीएसई में कक्षा छह के पाठ्यक्रम में कुछ बदलाव किए जा रहे हैं। इसके तहत छात्रों को भारतीय सभ्यता, संस्कृति और इतिहास से संबंधित जानकारी दी जाएगी।

CBSE News : सीबीएसई में कक्षा छह के पाठ्यक्रम में कुछ बदलाव किए जा रहे हैं। इसके तहत छात्रों को भारतीय सभ्यता, संस्कृति और इतिहास से संबंधित जानकारी दी जाएगी। पाठ्यक्रम में महाभारत से जुड़ी कथाओं और शिक्षाओं को शामिल किया जाएगा। साथ ही, भारत के नामकरण की कहानी और विष्णु पुराण की प्रासंगिक बातें भी पढ़ाई जाएंगी। छात्रों को कश्मीर के इतिहास और वर्तमान स्थिति के बारे में भी पढ़ाया जाएगा। इसके अलावा, बंगाल के विभिन्न हिस्सों, आधुनिक असम और कच्छ क्षेत्र के बारे में भी जानकारी दी जाएगी। जिससे उन्हें अपने देश की जड़ों को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलेगी।

अब एक किताब में होंगे 3 सब्जेक्ट
सीबीएसई ने कक्षा छह के सोशल साइंस पाठ्यक्रम में बदलाव किए हैं। पहले जहां तीन अलग-अलग किताबें थीं, अब इसे एक बना दिया गया है। इसके साथ ही, पाठों को छोटा कर दिया गया है, ताकि विद्यार्थी उन्हें आसानी से समझ सकें और पाठ्यक्रम समय पर पूरा हो सके। यह बदलाव समय की मांग को ध्यान में रखते हुए किए गए हैं। इससे न केवल विद्यार्थियों पर पुस्तकों का बोझ कम होगा, बल्कि वे अधिक प्रभावी ढंग से विषय को समझ पाएंगे। 



इन कारणों के चलते हुआ बदलाव
सीबीएसई की कोऑर्डिनेटर गुरमीत कौर ने सोशल साइंस पाठ्यक्रम में किए गए बदलावों के बारे में जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि पूर्व में पाठ्यक्रम अत्यधिक बड़ा था, जिससे छात्रों को समझने और याद रखने में कठिनाई होती थी। साथ ही, भारत के बारे में पर्याप्त जानकारी का अभाव था। इन समस्याओं को दूर करने के लिए, नया पाठ्यक्रम पांच प्रमुख विषयों पर केंद्रित किया गया है। कौर ने जोर देकर कहा कि आज के छात्रों को अपनी संस्कृति और इतिहास के बारे में जानना अत्यंत आवश्यक है, क्योंकि वर्तमान में उन्हें इन विषयों की पर्याप्त जानकारी नहीं है।

बाबरी मस्जिद जैसे ऐतिहासिक विषयों को भी किया शामिल 
सीबीएसई की कोऑर्डिनेटर गुरमीत कौर ने इनकी जानकारी देते हुए बताया कि नए पाठ्यक्रम में भारतीय सभ्यता के प्रारंभिक अध्ययन के साथ-साथ बाबरी मस्जिद जैसे ऐतिहासिक विषयों को भी शामिल किया जाएगा। यह बदलाव छात्रों को भारत के इतिहास और संस्कृति की एक व्यापक और संतुलित समझ प्रदान करने का प्रयास है।

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