IPS इल्मा मामले में हिमाचल से यूपी तक सियासत : कांग्रेस विधायक से टकराव के बाद SP अफरोज रातोंरात लौटीं मुरादाबाद, BJP ने लगाया ये आरोप

UPT | एसपी इल्मा अफरोज

Nov 14, 2024 11:33

हिमाचल प्रदेश के बद्दी में तैनात एसपी इल्मा अफरोज को अपने ही राज्य में राजनीतिक दबाव का सामना करना पड़ा है। उनके खिलाफ कांग्रेस के दबंग विधायक राम कुमार चौधरी के विरोध के चलते उन्हें

New Delhi News : हिमाचल प्रदेश के बद्दी में तैनात एसपी इल्मा अफरोज को अपने ही राज्य में राजनीतिक दबाव का सामना करना पड़ा है। उनके खिलाफ कांग्रेस के दबंग विधायक राम कुमार चौधरी के विरोध के चलते उन्हें रातोंरात अपना सरकारी बंगला खाली करना पड़ा और वे लंबी छुट्टी पर अपने घर मुरादाबाद के कुंदरकी चली गईं। सूत्रों के अनुसार यह विवाद उस वक्त शुरू हुआ जब एसपी इल्मा अफरोज ने 4 अगस्त को एक ऑपरेशन के दौरान कांग्रेस विधायक की पत्नी कुलदीप कौर के खनन के डंपर और पोकलेन मशीन को जब्त कर लिया। इस कार्रवाई में पुलिस ने 75 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया था।

विधायक की पत्नी ने बनाया दबाव
इस कार्रवाई के बाद विधायक की पत्नी कुलदीप कौर ने एसपी इल्मा अफरोज पर राजनीतिक दबाव डालने की कोशिश की। हालांकि, एसपी ने किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया और खनन के अवैध सामान को छोड़ने से इंकार कर दिया। इसके बाद विधायक राम कुमार चौधरी ने विधानसभा में विशेष अधिकार हनन का नोटिस एसपी के खिलाफ भेजा, आरोप लगाते हुए कहा कि एसपी "सपा कांग्रेस विधायक की जासूसी कर रही हैं।" इस राजनीतिक तनाव के बाद से एसपी और कांग्रेस विधायक के बीच स्थिति बेहद तनावपूर्ण हो गई। परिणामस्वरूप, एसपी इल्मा अफरोज को न केवल अपना सरकारी बंगला छोड़ने का आदेश दिया गया बल्कि उन्हें लंबी छुट्टी पर भी भेज दिया गया। यह घटना हिमाचल प्रदेश में एक बड़ी प्रशासनिक हलचल का कारण बन गई और एसपी को अपने परिवार के पास मुरादाबाद लौटना पड़ा।

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भाजपा ने कांग्रेस को घेरा
इस घटनाक्रम पर अब उत्तर प्रदेश भाजपा के अल्पसंख्यक मोर्चे के अध्यक्ष कुंवर बासित अली ने कांग्रेस पार्टी को निशाने पर लिया है। बासित अली ने आरोप लगाया कि कांग्रेस की सरकार अपनी ईमानदार मुस्लिम महिला अधिकारी को सुरक्षा प्रदान करने में असमर्थ रही है और दबंग विधायक के राजनीतिक दबाव में एक ईमानदार अफसर को अपना घर छोड़ने पर मजबूर कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि "कांग्रेस के दबंग विधायक की गुंडागर्दी के चलते आईपीएस अधिकारी इल्मा अफरोज को अपनी नौकरी छोड़ने और अपने घर मुरादाबाद आना पड़ा। यह साबित करता है कि कांग्रेस सरकार ईमानदार अधिकारियों की रक्षा करने में असफल रही है।" बासित अली ने सवाल उठाया कि क्यों न कांग्रेस के नेतृत्व से इस मामले पर जवाब लिया जाए और इल्मा अफरोज को हिमाचल में सुरक्षित माहौल क्यों नहीं दिया जा रहा है?

स्थानीय लोगों का समर्थन
इल्मा अफरोज के इस संघर्ष के बाद स्थानीय लोग भी उनके समर्थन में आ गए हैं। उन्होंने कहा कि इल्मा अफरोज एक ईमानदार और कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी हैं। उनकी कार्यशैली को लेकर स्थानीय लोगों ने हमेशा प्रशंसा की है। खासकर गरीबों के लिए उनकी मदद के लिए उनका नाम लिया जाता है। इलाके के लोग बताते हैं कि एसपी इल्मा अफरोज गरीब बच्चों की पढ़ाई के लिए भी मदद करती हैं और उन्होंने कई समाजसेवी कार्यों में भाग लिया है। 

एसपी इल्मा अफरोज की सुरक्षा की मांग
एसपी इल्मा अफरोज की अचानक छुट्टी पर घर लौटने की खबर ने उनके समर्थकों और सुरक्षा विशेषज्ञों के बीच चिंता बढ़ा दी है। हिमाचल प्रदेश में पुलिस अधिकारियों को राजनीतिक दबाव में इस तरह से काम करने के लिए मजबूर होना एक गंभीर स्थिति को दर्शाता है। स्थानीय स्तर पर यह माना जा रहा है कि यदि एसपी को इस प्रकार से बिना सुरक्षा के छोड़ दिया गया तो इससे प्रशासनिक व्यवस्था पर भी सवाल उठ सकते हैं।

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