'मन की बात' : पीएम मोदी बोले-प्रयागराज में डिजिटल महाकुंभ के साक्षी बनेंगे श्रद्धालु, संविधान को लेकर कीं कई बातें

UPT | मन की बात

Dec 30, 2024 02:02

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 29 दिसंबर को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के 117वें एपिसोड में देशवासियों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने प्रयागराज में 13 जनवरी से शुरू होने वाले महाकुंभ को लेकर बात की...

New Delhi News : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 29 दिसंबर को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के 117वें एपिसोड में देशवासियों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने प्रयागराज में 13 जनवरी से शुरू होने वाले महाकुंभ के महत्व पर चर्चा की। प्रधानमंत्री ने कहा कि महाकुंभ एक ऐसा धार्मिक आयोजन है जो दुनिया भर में एकता का संदेश फैलाता है। इस बार, महाकुंभ में केवल भारत से ही नहीं, बल्कि विदेशों से भी श्रद्धालु शामिल होंगे और डिजिटल महाकुंभ के रूप में एक नई पहल की शुरुआत होगी, जिससे वैश्विक स्तर पर लोग इस धार्मिक आयोजन का हिस्सा बन सकेंगे।

एकता और विविधता का उदाहरण है महाकुंभ
प्रधानमंत्री मोदी ने महाकुंभ की विशेषता को रेखांकित करते हुए कहा कि यह आयोजन केवल अपनी विशालता के कारण नहीं, बल्कि अपनी विविधता के लिए भी प्रसिद्ध है। इस महाकुंभ में लाखों संत, हज़ारों परंपराएं, सैकड़ों संप्रदाय और अनेकों अखाड़े एक साथ मिलकर एक साझा उद्देश्य के लिए एकत्र होते हैं। इसमें कोई भेदभाव नहीं होता और सभी लोग समान रूप से भाग लेते हैं। यह आयोजन एकता और विविधता के सम्मिलन का बेहतरीन उदाहरण प्रस्तुत करता है, जिसे दुनिया के अन्य हिस्सों में नहीं देखा जा सकता।



पहली बार कुंभ आयोजन में एआई का इस्तेमाल
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस बार कुंभ आयोजन में पहली बार ए.आई. चैटबॉट का इस्तेमाल किया जाएगा। इस चैटबॉट के जरिए लोग 11 भारतीय भाषाओं में कुंभ से जुड़ी सभी प्रकार की जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। यह चैटबॉट उपयोगकर्ताओं को टेक्स्ट टाइप करके या बोलकर किसी भी प्रकार की सहायता प्राप्त करने की सुविधा देगा।

भारतीय संविधान के 75 वर्ष
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में भारतीय संविधान का भी उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि संविधान हमारे देश की धारा और दिशा निर्धारित करने वाला सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेज है। हमारे संविधान निर्माताओं ने जो संविधान हमें सौंपा, वह समय की हर कसौटी पर खरा उतरा है। 2025 में भारतीय संविधान को लागू हुए 75 वर्ष पूरे हो जाएंगे, जो हर भारतीय के लिए गर्व का विषय है। यह हमारा संविधान हर परिस्थिति में देश की एकता और अखंडता की रक्षा करता है।

संविधान की विरासत से जुड़ने के लिए वेबसाइट की शुरुआत
प्रधानमंत्री ने आगे बताया कि भारतीय नागरिकों को संविधान की विरासत से जोड़ने के लिए एक विशेष वेबसाइट - "constitution75.com" बनाई गई है। इस वेबसाइट पर लोग संविधान की प्रस्तावना पढ़ सकते हैं, वीडियो अपलोड कर सकते हैं और विभिन्न भाषाओं में संविधान के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा, लोग संविधान से संबंधित सवाल भी पूछ सकते हैं। प्रधानमंत्री ने सभी से आग्रह किया कि वे इस वेबसाइट का हिस्सा बनें, खासकर स्कूलों और कॉलेजों में पढ़ रहे छात्र-छात्राएं, ताकि वे संविधान के महत्व को समझ सकें और उसे अपने जीवन में आत्मसात कर सकें।

महाकुंभ की तैयारियों की दी जानकारी
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में प्रयागराज में महाकुंभ की तैयारियों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि महाकुंभ का आयोजन न केवल भारत की सांस्कृतिक धरोहर को दर्शाता है, बल्कि यह दुनिया भर में भारत की धार्मिक विविधता को भी प्रदर्शित करता है। इसमें लाखों लोग एक साथ आते हैं और सभी की श्रद्धा और विश्वास का केंद्र होता है। यह आयोजन न केवल भारत के लिए, बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक उदाहरण है कि किस तरह विविधता में एकता का संदेश दिया जा सकता है।

बस्तर ओलंपिक के बारे में क्या बोले
प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी बातों का समापन स्वास्थ्य क्षेत्र में हुए सुधारों और युवा खिलाड़ियों के योगदान पर भी ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने मलेरिया के मामलों में कमी आने का उल्लेख करते हुए कहा कि स्वास्थ्य के मामले में भारत ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इसके साथ ही, प्रधानमंत्री ने बस्तर ओलंपिक का जिक्र किया और बताया कि यह नया आयोजन एक अनूठी क्रांति लेकर आया है। इस ओलंपिक में सात जिलों के एक लाख 65 हजार खिलाड़ियों ने भाग लिया, जो भारत के युवा वर्ग की ऊर्जा और संकल्प का प्रतीक है।

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