वर्ष 2025 में विश्व की आबादी होगी 8.09 अरब : भारत बना रहेगा सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश, प्रति सेकंड 4.2 जन्म और 2.0 मौतें

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Dec 31, 2024 12:18

रिपोर्ट के अनुसार इस साल दुनिया की आबादी में 7.1 करोड़ की वृद्धि हुई और आने वाले साल में इसका आंकड़ा और भी बढ़ने का अनुमान है।

New Delhi News : साल 2024 के अंतिम दिन आते ही दुनिया के सामने 2025 का आगाज होने जा रहा है। एक ओर जहां साल 2024 इतिहास में दर्ज हो जाएगा, वहीं दूसरी ओर एक रिपोर्ट सामने आई है जिसमें 2025 के पहले दिन दुनिया की आबादी के आंकड़े चौंकाने वाले हैं। रिपोर्ट के अनुसार इस साल दुनिया की आबादी में 7.1 करोड़ की वृद्धि हुई और आने वाले साल में इसका आंकड़ा और भी बढ़ने का अनुमान है।

जनसंख्या वृद्धि के आंकड़े
अमेरिकी जनगणना ब्यूरो की रिपोर्ट के अनुसार 2025 के पहले दिन यानी 1 जनवरी को दुनिया की जनसंख्या लगभग 8.09 अरब तक पहुंच जाएगी। रिपोर्ट में यह भी अनुमान व्यक्त किया गया है कि प्रति सेकंड 4.2 जन्म और 2.0 मौतें होंगी। इस तेजी से बढ़ती जनसंख्या को लेकर विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले समय में संसाधनों की कमी और जनसंख्या के दबाव को लेकर कई चुनौतियां सामने आ सकती हैं।

2024 के मुकाबले 2023 में कम वृद्धि
अमेरिकी जनगणना ब्यूरो की रिपोर्ट से यह भी पता चलता है कि 2024 में दुनिया की जनसंख्या वृद्धि 2023 के मुकाबले कम रही। 2023 में दुनिया की आबादी में 7.5 करोड़ की वृद्धि हुई थी, जबकि 2024 में यह आंकड़ा 7.1 करोड़ रहा। इस कमी के बावजूद जनसंख्या वृद्धि का रुझान अभी भी उच्चतम स्तर पर बना हुआ है। जिससे दुनिया भर में जनसांख्यिकीय दबाव बढ़ रहा है।


अमेरिका की जनसंख्या वृद्धि
अगर हम अमेरिका की बात करें, तो 2024 में वहां की जनसंख्या में 26 लाख की वृद्धि हुई है। जनवरी 2025 के दौरान अमेरिका में हर 9 सेकंड में एक बच्चा पैदा होगा, जबकि हर 9.4 सेकंड में एक व्यक्ति की मौत होने का अनुमान है। इस बीच अंतरराष्ट्रीय प्रवासियों के चलते अमेरिका में हर 23.2 सेकंड में एक व्यक्ति की संख्या में इजाफा होगा। अगर जन्म, मृत्यु और प्रवासी संख्या को मिला दिया जाए तो अमेरिका में हर 21.2 सेकंड में एक नया व्यक्ति जुड़ जाएगा।

भारत की जनसंख्या वृद्धि
भारत की जनसंख्या वृद्धि को लेकर भी खासा ध्यान दिया जा रहा है। इस वक्त, चीन को पीछे छोड़कर भारत आबादी के मामले में दुनिया में पहले स्थान पर आ चुका है। इसके पीछे मुख्य कारण देश की उच्च जन्म दर मानी जा रही है। रिपोर्ट के अनुसार 2025 में भारत की जनसंख्या 146 करोड़ तक पहुंचने की संभावना है, और इसकी वृद्धि दर 0.9% रहने का अनुमान है। संयुक्त राष्ट्र सोशल-इकोनॉमिक एजेंसी UNDESA ने अप्रैल 2023 में भारत की आबादी 142 करोड़ के आसपास होने का अनुमान जताया था, जो चीन के बराबर या उससे अधिक हो सकता है। इसके साथ ही UNDESA का यह भी कहना है कि भारत में 2035 तक उत्पादकता में इजाफा होने की संभावना है, क्योंकि गैर-कार्यशील आबादी (15 वर्ष से कम और 64 वर्ष से अधिक आयु) की कामकाजी आबादी (15 से 64 वर्ष) पर निर्भरता अगले 11 साल तक घटने का अनुमान है।

क्या है जनरेशन बीटा
2025 से 2039 के बीच जन्म लेने वाले बच्चे जनरेशन बीटा का हिस्सा होंगे। आप सोच रहे होंगे कि हैं कि जब Gen Z और Gen Alpha के बारे में बात हो रही थी, तो अचानक यह बीटा पीढ़ी कहां से आई? दरअसल, यह बदलाव पीढ़ियों के नामकरण का हिस्सा है। सामाजिक शोधकर्ता मैकक्रिंडल के अनुसार, यह एक तरीका है जिससे हम देख सकते हैं कि इतिहास के एक नए चरण की शुरुआत हो रही है। पिछली पीढ़ियों के बाद अब यह नया नाम आया है। जिससे पता चलता है कि एक नया युग आ रहा है।

कैसी होगी जनरेशन बीटा
जनरेशन बीटा एक ऐसी पीढ़ी होगी, जो 2025 के बाद जन्म लेगी और उनके जीवन में तकनीकी विकास का असर बहुत गहरा होगा। जेन Z और अल्फा के मुकाबले, बीटा जनरेशन को और भी नई तकनीकें उपलब्ध होंगी। यह पीढ़ी अपनी दिनचर्या में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और डिजिटल कनेक्टिविटी के साथ जिंदा रहेगी। ऐसे में कहा जा सकता है कि यह पीढ़ी तुरंत एक्शन लेने और नए विचारों को अपनाने में सक्षम होगी। हालांकि, उनकी सोच और उनकी आदतें समय के साथ और भी विकसित होंगी और इसकी भविष्यवाणी करना अभी से मुश्किल है।

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