IPS प्रशांत कुमार : सिंघम जैसी मूंछें, सीएम योगी के खास... सिवान का लाल कैसे बन गया यूपी का सबसे बड़ा एनकाउंटर स्पेशलिस्ट!

Uttar Pradesh Times | सिवान का लाल कैसे बन गया यूपी का सबसे बड़ा एनकाउंटर स्पेशलिस्ट!

Jan 26, 2024 18:43

यूपी पुलिस के डीजी प्रशांत कुमार को उनकी वीरता के लिए गैलेंट्री अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है। प्रशांत कुमार 1990 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। आज हम आपको प्रशांत कुमार के जीवन से जुड़ी कुछ बातें बताने जा रहे हैं।

Short Highlights
  • गणतंत्र दिवस पर सम्मानित किए गए प्रशांत कुमार
  • आईपीएस प्रशांत कुमार को मिला गैलेंट्री अवॉर्ड
  • एनकाउंटर स्पेशलिस्ट माने जाते हैं आईपीएस प्रशांत
New Delhi : उत्तर प्रदेश के सबसे काबिल अफसर माने जाने वाले आईपीएस अधिकारी प्रशांत कुमार को उनकी वीरता के लिए 75वें गणतंत्र दिवस के मौके पर गैलेंट्री अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है। उन्हें इसी महीने की पहली तारीख को एडीजी लॉ एंड ऑर्डर से प्रमोशन देकर डीजी बनाया गया है। प्रशांत कुमार के साथ ही DIG मंजिल सैनी को भी गैलेंट्री अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है।

बिहार में जन्म, एमफिल तक की डिग्री
उत्तर प्रदेश पुलिस में अपनी वीरता और मूंछों के लिए मशहूर आईपीएस प्रशांत कुमार को उनके साथी सिंघम कहकर भी बुलाते हैं। उनका जन्म 16 मई 1965 को बिहार जिले के सिवान में हुआ था। सिवान के हुसैनगंज प्रखंड अतंर्गत हथौड़ी गांव में आज भी उनके रिश्तेदार रहते हैं। प्रशांत कुमार ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा सिवान से और उच्च शिक्षा अन्य राज्यों से प्राप्त की है। उनके पास एमएससी, एमबीए और एमफिल की भी डिग्री है। वह 1990 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं।

शादी के बाद बदल गया कैडर
प्रशांत कुमार का चयन तमिलनाडु कैडर में हुआ था। लेकिन 1994 में यूपी कैडर की आईएएस डिंपल वर्मा से शादी के बाद उनका ट्रांसफर यूपी कैडर में हो गया। अपराधों पर लगाम लगाने में अहम भूमिका के चलते योगी सरकार ने कई बार प्रशांत कुमार को महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां सौंपी हैं, जिन्हें उन्होंने बखूबी निभाया भी है। इन्हीं वजहों से प्रशांत कुमार को सीएम योगी का बेहद खास भी माना जाता है।

एनकाउंटर स्पेशलिस्ट माने जाते हैं प्रशांत कुमार
आईपीएस प्रशांत कुमार को एनकाउंटर का स्पेशलिस्ट भी माना जाता है। कहते हैं कि उन्होंने अभी तक 300 से ज्यादा एनकाउंटर को अंजाम दिया है। इसके पहले उन्हें वीरता पुरस्कार से भी नवाजा जा चुका है। 2017 में दिल्ली के एक डॉक्टर का अपहरण कर 5 करोड़ रुपये की फिरौती मांगी गई थी। दिनदहाड़े हुई इस घटना से दिल्ली से लेकर यूपी तक अधिकारियों के हाथ-पांव फूल गए थे। लेकिन तत्कालीन एडीजी मेरठ जोन प्रशांत कुमार और SSP मेरठ मंजिल सैनी के नेतृत्व में बदमाशों से मुठभेड़ के बाद मेरठ से डॉक्टर को सकुशल बरामद कर लिया गया था।

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