Cyber Crime : देशभर में साइबर अपराध के बढ़ रहे मामले, इन तरीकों से जालसाज बनाते हैं अपना शिकार

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Jun 19, 2024 17:05

इस साल की शुरुआत में ही रोजाना औसतन 7,000 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं, जो पिछले दो सालों की तुलना में क्रमश: 113.7% और 60.9% अधिक हैं। तो आइए अब जानते हैं कि साइबर जालसाज कैसे, किन तरीकों से लोगों को फंसा सकते हैं। यहां चार मुख्य तरीके दिए गए हैं जिनसे फिशिंग अटैक (साइबर क्राइम) किया जा सकता है...

UPT Desk News: साइबर अपराध के मामले देश में लगातार बढ़ रहे हैं। साइबर अपराधों के बढ़ने का मुद्दा गंभीर चिंता का विषय है, जिसने लोगों के निजी और व्यावसायिक जीवन को प्रभावित किया है। यह अपराध विभिन्न रूपों में होते हैं, जैसे धोखाधड़ी, डेटा चोरी, सेक्सटॉर्शन और अन्य तकनीकी अवैध हथकंडे। बुजुर्गों और महिलाओं पर इसका विशेष प्रभाव होता है, क्योंकि वे अक्सर इन अपराधियों के शिकार बनते हैं।

रिपोर्ट में चौंकाने वाली जानकारी
एक रिपोर्ट ने 2024 की शुरुआत में दर्ज हुए आंकड़ों की चौंकाने वाली जानकारी दी है, जिसमें बताया गया है कि भारतीय नागरिकों को साइबर अपराधों से अधिकतम 1,750 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। इस साल की शुरुआत में ही रोजाना औसतन 7,000 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं, जो पिछले दो सालों की तुलना में क्रमश: 113.7% और 60.9% अधिक हैं। तो आइए अब जानते है कि साइबर जालसाज कैसे, किन तरीकों से लोगों को फंसा सकते हैं। यहां चार मुख्य तरीके दिए गए हैं जिनसे फिशिंग अटैक (साइबर क्राइम) किया जा सकता है...

फेक ईमेल: साइबर अपराधी विशेषज्ञ बनकर  ईमेल डिजाइन करते हैं, जो बिल्कुल असली दिख रहा होता है। ये ईमेल्स आपको आपकी संगठन, बैंक या अन्य विशिष्ट सेवा से संबंधित दिखेंगे। ये ईमेल अक्सर आपसे पर्सनल जानकारी जैसे पासवर्ड, खाता जानकारी या फिर आपकी संगठन की अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां मांगते हैं।

फेक वेबसाइट्स (Phishing Websites): ये वेबसाइट्स अक्सर वास्तविक वेबसाइट्स की पूरी तरह से काम करने वाली नजर आ रही होती है। लेकिन उनका URL और जानकारी में छोटी बदलाव होते हैं। जब आप अपने आंकड़े या खाता जानकारी दर्ज करते हैं, तो वह जानकारी साइबर जालसाज के पास पहुंच जाती है। जिसका इस्तेमाल साइबर जालसाज ठगी करने में करते है।

विशेषज्ञ बनकर फिशिंग: यह एक तकनीक है जिसमें साइबर जालसाज व्यक्ति को बनावटी रूप से आपको विश्वास दिलाते हैं और आपसे संवाद करके आपकी व्यक्तिगत या संगठनिक जानकारी प्राप्त करते हैं। आप से फोन पर बात कर वह जरूरी जानकारी जुटा लेते है और फिर आपके साथ ठगी हो जाता है, काफी आसानी से।

स्मिशिंग: स्मिशिंग मतलब SMS या टेक्स्ट मैसेज में फिशिंग। इसमें फिशिंग अटैक्स को टेक्स्ट मैसेज या SMS के माध्यम से लॉन्च किया जाता है। उदाहरण के लिए, एक SMS जिसमें आपसे आपकी बैंक खाता जानकारी पूछी जा सकती है या फिर एक लिंक प्रदान किया जा सकता है जो फिशिंग साइट पर पहुंचने के लिए कहता है।

इन तकनीकों का उपयोग करके साइबर जालसाज व्यक्ति विभिन्न तरीकों से उपयोगकर्ताओं को धोखा देते हैं और उनकी निजी या व्यावसायिक जानकारी जुटा लेते है हैं। यदि आपको इन तकनीकों से बचना है, तो यह महत्वपूर्ण है कि आप हमेशा सतर्क और सत्यापित स्रोतों से केवल जानकारी साझा करें।

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