इलाहाबाद हाईकोर्ट का आदेश : बेसिक शिक्षा स्कूलों में जिलाधिकारी का निरीक्षण असंवैधानिक, संभल की शिक्षिका की याचिका पर कही ये बात

UPT | इलाहाबाद हाईकोर्ट

Dec 16, 2024 10:21

कोर्ट ने स्पष्ट किया कि जिलाधिकारी (डीएम) को इन स्कूलों के कार्यों में हस्तक्षेप करने या निरीक्षण का अधिकार नहीं है। कोर्ट ने संभल जिले के एक स्कूल में सहायक शिक्षिका संतोष कुमारी के निलंबन को असंवैधानिक...

Prayagraj News : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित स्कूलों को लेकर अहम फैसला सुनाया है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि जिलाधिकारी (डीएम) को इन स्कूलों के कार्यों में हस्तक्षेप करने या निरीक्षण का अधिकार नहीं है। कोर्ट ने संभल जिले के एक स्कूल में सहायक शिक्षिका संतोष कुमारी के निलंबन को असंवैधानिक करार दिया। यह आदेश न्यायमूर्ति जेजे मुनीर की एकल पीठ ने दिया। जिन्होंने शिक्षिका द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए निलंबन के आदेश को रद्द कर दिया।

संभल की शिक्षिका ने दी थी निलंबन आदेश को चुनौती
संभल जिले के एक बेसिक स्कूल में कार्यरत सहायक शिक्षिका संतोष कुमारी ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर अपने निलंबन को चुनौती दी थी। याचिका में कहा गया कि डीएम के निर्देश पर एसडीएम और खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) ने स्कूल का निरीक्षण किया और कथित तौर पर ख़राब प्रदर्शन का हवाला देकर उन्हें निलंबित कर दिया। याची के वकील चंद्रभूषण यादव ने दलील दी कि यह निलंबन आदेश असंवैधानिक है क्योंकि डीएम या उनके निर्देश पर काम करने वाले अधिकारियों को बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों के निरीक्षण का कोई वैधानिक अधिकार नहीं है।

हाईकोर्ट की टिप्पणियां और आदेश

डीएम को निरीक्षण का अधिकार नहीं
कोर्ट ने कहा कि बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित स्कूलों का निरीक्षण डीएम या उनके निर्देश पर काम करने वाले एसडीएम या अन्य अधिकारियों का अधिकार क्षेत्र नहीं है। इन स्कूलों का संचालन और निरीक्षण केवल बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) के अधिकार में आता है, जो शिक्षा मंत्री के अधीन कार्य करते हैं।

निलंबन का आदेश असंवैधानिक
कोर्ट ने कहा कि संतोष कुमारी का निलंबन 25 अक्टूबर 2024 को जारी किया गया था, जो प्रथम दृष्टया असंवैधानिक प्रतीत होता है। यह निर्णय डीएम के निर्देश पर एसडीएम और बीईओ के संयुक्त निरीक्षण के बाद लिया गया था, जो वैधानिक रूप से गलत है।

निलंबन के प्रभाव
कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर यह माना जाए कि शिक्षिका को ख़राब प्रदर्शन के आधार पर निलंबित किया गया, तो यह उनके करियर में बाधा बन सकता है। यह प्रोन्नति और अन्य सेवाओं पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।

बेसिक शिक्षा परिषद का नियंत्रण
हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूल पूरी तरह से बेसिक शिक्षा अधिकारी के नियंत्रण में हैं। डीएम को इनमें हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है।

क्या है बेसिक शिक्षा परिषद की भूमिका?
उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा परिषद का गठन स्कूलों के सुचारू संचालन और निरीक्षण के लिए किया गया है। यह परिषद पूरी तरह से बेसिक शिक्षा अधिकारी और शिक्षा विभाग के नियंत्रण में कार्य करती है। इसके कार्यों में जिलाधिकारी या अन्य प्रशासनिक अधिकारियों का हस्तक्षेप नहीं होता।

Also Read