IITian Baba : पहचान को लेकर किया हैरान करने वाला दावा, कहा- भगवान ने दिया मुझे ये नाम

UPT | IITian Baba

Jan 17, 2025 15:53

आईआईटीयन बाबा ने मीडिया से बातचीत में बताया कि उन्हें यह नाम भगवान शिव से ऋषिकेश में ध्यान के दौरान मिला था। वे कहते हैं, "महादेव ने ध्यान के दौरान मुझसे कहा कि तुम कल्कि हो। यह एक स्वप्न जैसा अनुभव था।

Prayagraj News : प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ मेला इन दिनों लाखों श्रद्धालुओं, तीर्थयात्रियों और पर्यटकों का केंद्र बना हुआ है। इस विशाल आयोजन में जहां आस्था और परंपराओं का संगम देखने को मिलता है, वहीं हरियाणा के झज्जर जिले के रहने वाले अभय सिंह, जिन्हें 'मसानी गोरख बाबा' के नाम से जाना जाता है, विशेष चर्चा का विषय बने हुए हैं। उनकी अनूठी कहानी और विवादास्पद दावे ने लोगों का ध्यान आकर्षित किया है। लाखों की नौकरी छोड़कर आध्यात्मिक पथ अपनाने वाले इस बाबा ने दावा किया है कि वे कलियुग के "कल्कि अवतार" हैं।

भगवान शिव से मिला "कल्कि" नाम
आईआईटीयन बाबा ने मीडिया से बातचीत में बताया कि उन्हें यह नाम भगवान शिव से ऋषिकेश में ध्यान के दौरान मिला था। वे कहते हैं, "महादेव ने ध्यान के दौरान मुझसे कहा कि तुम कल्कि हो। यह एक स्वप्न जैसा अनुभव था। जब तुम गहरे ध्यान में होते हो, तो यह तुम्हारे अस्तित्व का हिस्सा बन जाता है।" बाबा का दावा है कि वे मानवता में सत्य और धर्म की स्थापना के लिए काम कर रहे हैं और इसीलिए उन्हें यह नाम दिया गया है।

नाम से नहीं, कर्म से बनती है पहचान
बाबा ने अपने नाम को लेकर हो रही चर्चाओं पर कहा, "नाम से कोई फर्क नहीं पड़ता। मेरा उद्देश्य सत्य और धर्म की स्थापना करना है। यदि मैंने धर्म और सत्य की स्थापना कर दी, तो नाम अपने आप मिल जाएगा।" उन्होंने यह भी कहा कि यदि लोग उनके कल्कि अवतार होने के दावे को मानें या न मानें, इसका निर्णय समय करेगा। उनके अनुसार, कर्म ही व्यक्ति की पहचान बनाता है, न कि नाम।

ऋषिकेश से वाराणसी तक अनेक नाम मिले
बाबा ने बताया कि उन्हें अलग-अलग जगहों पर कई नाम दिए गए हैं। ऋषिकेश में उन्हें "राघव" और "राम का स्वरूप" कहा गया, जबकि वाराणसी में एक तांत्रिक ने उन्हें "बटुक भैरव" का नाम दिया। उनके अनुसार लोगों ने उन्हें कृष्ण और माधव के स्वरूप के रूप में भी पहचाना है। इन नामों के बारे में उनका कहना है कि यह सब उनके कर्मों का परिणाम है।

दावे पर उठ रहे सवाल
बाबा के कल्कि अवतार होने के दावे ने लोगों के बीच जिज्ञासा और बहस का विषय खड़ा कर दिया है। कुछ लोग इसे आध्यात्मिक अनुभव मानते हैं, तो कुछ इसे अति महत्वाकांक्षी बयान समझते हैं। खुद बाबा ने भी इस पर कहा, "या तो मैं पूरी तरह से पागल हूं या फिर मैं बहुत ज्ञानी हूं। जो सत्य है, वही बचेगा।"

इंजीनियर से बाबा बनने का सफर
इंजीनियर बाबा का असली नाम अभय सिंह है, लेकिन उनकी पहचान आईआईटी मुंबई से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले एक ऐसे युवा के रूप में है, जिसने सबकुछ त्यागकर अध्यात्म को अपनाया। एक समय पर वे अपने करियर में बेहद सफल हो सकते थे, लेकिन उन्होंने भौतिक सुख-सुविधाओं को छोड़कर आत्मज्ञान की राह चुनी। बाबा बताते हैं कि उनकी जिंदगी में एक ऐसा समय आया जब उन्हें जिंदगी में कुछ भी करने की इच्छा खत्म होती हुई महसूस हुई। यह वह दौर था जब उन्होंने न केवल अपने सब रिश्ते को त्याग दिया, बल्कि भौतिक मोह से भी खुद को अलग कर लिया।

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