महाकुंभ 2025 : राम नाम का चमत्कारी पत्थर बना आकर्षण, श्रद्धालुओं में उमड़ा आस्था का सैलाब

UPT | रामेश्वरम से लाया हुआ राम सेतु का पत्थर

Jan 20, 2025 16:54

जूना अखाड़े में इस बार महाकुंभ में पानी में तैरता हुआ एक विशेष पत्थर लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। इस पत्थर पर 'राम' नाम लिखा हुआ है।

Prayagraj News: प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ मेला 2025 न केवल अपने भव्य आयोजनों और व्यवस्थाओं के लिए चर्चा में है, बल्कि यहां प्रदर्शित किए जा रहे चमत्कारी घटनाएं भी श्रद्धालुओं को आकर्षित कर रही हैं। इस बार महाकुंभ में पानी में तैरता हुआ एक विशेष पत्थर लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। इस पत्थर पर 'राम' नाम लिखा हुआ है, और यह बिना डूबे पानी की सतह पर स्थिर तैरता रहता है।   राम सेतु का पत्थर: आस्था का प्रतीक
महाकुंभ में इस पत्थर को लेकर एक अलग ही उत्साह देखा जा रहा है। जूना अखाड़े के महंत प्रश्नतगिरी ने बताया कि यह चमत्कारी पत्थर रामेश्वरम से लाया गया है। उनका कहना है कि यह पत्थर रामायण काल के उस पवित्र राम सेतु का हिस्सा है, जिसे भगवान श्रीराम की सेना ने समुद्र पार करने के लिए बनाया था। महंत ने बताया, "यह राम का स्वरूप है। यह पत्थर राम नाम के महत्व और शक्ति को दर्शाता है। श्रद्धालु इसे देखकर अभिभूत हो रहे हैं और इसकी पूजा-अर्चना कर रहे हैं।"   श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र महाकुंभ में इस पत्थर को देखने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। लोग इसे देखकर भावविभोर हो रहे हैं और इसे अपने जीवन का सौभाग्य मान रहे हैं। श्रद्धालु मानते हैं कि इस पत्थर के दर्शन करने से उनके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा और उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होंगी।   वैज्ञानिक दृष्टिकोण और आस्था का मेल इस पत्थर को लेकर वैज्ञानिक और धार्मिक दृष्टिकोण के बीच भी चर्चा हो रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि पत्थर में पोरसिटी (छिद्रयुक्त संरचना) के कारण इसका घनत्व पानी से कम हो सकता है, जिससे यह तैरने में सक्षम है। हालांकि, श्रद्धालुओं के लिए यह विज्ञान से परे आस्था और राम नाम की महिमा का प्रतीक है।   महाकुंभ में राम नाम का संदेश इस चमत्कारी पत्थर ने महाकुंभ को एक अलग ही आयाम दिया है। महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालु इसे देखकर यह अनुभव कर रहे हैं कि राम नाम की महिमा असीमित है। संतों का कहना है कि इस पत्थर का दर्शन लोगों को रामायण के उस ऐतिहासिक युग की याद दिलाता है, जब भगवान राम ने असंभव को संभव किया था।   योगी सरकार का सहयोग और व्यवस्थाएं उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने इस चमत्कारी पत्थर को प्रदर्शित करने के लिए विशेष इंतजाम किए हैं। प्रशासन ने इस पत्थर को संगम क्षेत्र में विशेष रूप से प्रदर्शित किया है, जहां इसकी सुरक्षा और श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए व्यापक प्रबंध किए गए हैं। इसके दर्शन के लिए श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी न हो, इसके लिए अलग लाइन और गाइडलाइन भी बनाई गई हैं।   श्रद्धालुओं की प्रतिक्रियाएं राम नाम के इस चमत्कारी पत्थर को देखकर श्रद्धालु अपनी खुशी व्यक्त कर रहे हैं। वाराणसी से आई एक श्रद्धालु सरोज देवी ने कहा, "यह पत्थर राम नाम की शक्ति का प्रमाण है। इसे देखकर मन में असीम शांति और भक्ति का भाव उमड़ता है।" वहीं, महाराष्ट्र से आए एक तीर्थयात्री ने कहा, "यह हमारी संस्कृति और धर्म का चमत्कार है। इसे देखकर हमें भगवान राम के प्रति आस्था और मजबूत होती है।"   राम नाम का पत्थर: आस्था और चमत्कार का संगम महाकुंभ 2025 में राम नाम का यह पत्थर न केवल एक चमत्कारी घटना के रूप में देखा जा रहा है, बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर का प्रतीक भी बन गया है। इस पत्थर ने महाकुंभ की आस्था और आध्यात्मिकता को एक नई ऊंचाई पर पहुंचा दिया है। श्रद्धालुओं के लिए यह पत्थर राम नाम की शक्ति और उसकी महिमा का जीवंत उदाहरण है। महाकुंभ में यह पत्थर हर किसी के लिए न केवल एक धार्मिक आकर्षण है, बल्कि आस्था और विश्वास का एक अमूल्य प्रतीक भी है।

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