Mahakumbh 2025 : फर्जी बाबाओं की एंट्री पर प्रतिबंध, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद का ऐलान

UPT | Mahakumbh 2025

Nov 01, 2024 19:04

महाकुंभ 2025 को लेकर अहम खबर सामने आई है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने महाकुंभ में फर्जी, ढोंगी और पाखंडी बाबाओं के प्रवेश पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया है।

Prayagraj News : महाकुंभ 2025 को लेकर अहम खबर सामने आई है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने महाकुंभ में फर्जी, ढोंगी और पाखंडी बाबाओं के प्रवेश पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया है। इस संबंध में परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी ने एक बयान जारी किया, जिसमें उन्होंने स्पष्ट किया कि अंधविश्वास फैलाने वाले बाबाओं को महाकुंभ में जगह नहीं दी जाएगी।

अंधविश्वास फैलाने वालों को रोका जाएगा
महंत रविंद्र पुरी ने कहा, "पाखंडी लोग साधु-संतों की छवि को खराब करते हैं और ऐसे लोग सनातन धर्म को बदनाम करते हैं। यह सुनिश्चित करना हमारी जिम्मेदारी है कि केवल सच्चे साधु-संत ही महाकुंभ में शामिल हों, जो सनातन धर्म की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध हों।" उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे बाबाओं की एंट्री को रोकने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे, ताकि श्रद्धालुओं को सही मार्गदर्शन मिल सके और उन्हें गलतफहमियों से बचाया जा सके।



सच्चे साधु-संतों की उपस्थिति
अखाड़ा परिषद ने सरकार से भी अपील की है कि ऐसे ढोंगियों और पाखंडियों को कोई जमीन न दी जाए। इससे न केवल साधु-संतों की छवि को बचाने में मदद मिलेगी, बल्कि श्रद्धालुओं को सही एवं विश्वसनीय जानकारी भी मिलेगी। महाकुंभ एक ऐसा धार्मिक आयोजन है, जहां लाखों श्रद्धालु देश-विदेश से आते हैं। ऐसे में यह आवश्यक है कि आयोजन की पवित्रता को बनाए रखा जाए और फर्जी बाबाओं के खिलाफ कठोर कदम उठाए जाएं। अखाड़ा परिषद ने इस निर्णय को महाकुंभ की गरिमा को बनाए रखने के लिए जरूरी बताया है। 

महाकुंभ की पवित्रता को बनाए रखना
इस निर्णय से यह स्पष्ट होता है कि महाकुंभ को एक पवित्र और सम्मानित धार्मिक आयोजन के रूप में बनाए रखने के लिए अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद दृढ़ संकल्पित है। अब सभी की नजरें महाकुंभ 2025 पर हैं, जहां सच्चे साधु-संतों की उपस्थिति सुनिश्चित की जाएगी। यह कदम निश्चित रूप से समाज में अंधविश्वास और पाखंड के खिलाफ एक मजबूत संदेश भेजेगा और महाकुंभ के आयोजन को और भी अधिक पवित्र बनाएगा। श्रद्धालु अब आश्वस्त हो सकते हैं कि उन्हें सही दिशा में मार्गदर्शन दिया जाएगा और उनके धार्मिक अनुभव को और भी सार्थक बनाया जाएगा।

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