फार्मासिस्ट भर्ती के 1002 पदों पर विवाद : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी सरकार और आयोग से तीन हफ्ते में मांगा जवाब, 18 नवंबर को अगली सुनवाई

UPT | इलाहाबाद हाईकोर्ट

Nov 01, 2024 09:15

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UPSSSC) द्वारा लखनऊ में फार्मासिस्ट के 1002 पदों पर की जा रही भर्ती को लेकर दायर याचिका पर प्रदेश सरकार और आयोग...

Prayagraj News : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UPSSSC) द्वारा लखनऊ में फार्मासिस्ट के 1002 पदों पर की जा रही भर्ती को लेकर दायर याचिका पर प्रदेश सरकार और आयोग से तीन हफ्तों के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 18 नवंबर को निर्धारित की गई है। यह आदेश हाईकोर्ट की खंडपीठ में न्यायमूर्ति एसडी सिंह और न्यायमूर्ति डोनादी रमेश ने जौनपुर निवासी विजय सिंह और सात अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया।

याचिकाकर्ता ने भर्ती प्रक्रिया को बताया नियम विरुद्ध
याचिकाकर्ता के वकील मुजीब अहमद सिद्दीकी ने अदालत में दलील दी कि 2015 की भर्ती नियमावली के अनुसार इन पदों पर भर्ती प्रक्रिया लिखित परीक्षा और साक्षात्कार के माध्यम से की जानी चाहिए। हालांकि, सरकार ने 20 नवंबर 2020 को एक शासनादेश जारी कर फार्मासिस्ट भर्ती के लिए पीईटी (प्रारंभिक अर्हता परीक्षा) टेस्ट का प्रावधान कर दिया है, जो कि मौजूदा नियमावली के खिलाफ है। वकील ने दलील दी कि यह नया प्रावधान भर्ती की नियमावली का उल्लंघन है, इसलिए भर्ती प्रक्रिया रद्द की जानी चाहिए।

प्रदेश सरकार के वकील का विरोध
प्रदेश सरकार के वकील ने याचिकाकर्ता की इस मांग का विरोध करते हुए कहा कि सरकार का यह निर्णय भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता और कुशलता बढ़ाने के लिए किया गया है। उन्होंने अदालत से आग्रह किया कि भर्ती प्रक्रिया में कोई कानूनी खामी नहीं है। इसलिए इसे चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर देना चाहिए।

हाईकोर्ट ने याचिका को माना विचारणीय
हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता की दलीलों को विचारणीय मानते हुए इस मामले की आगे की सुनवाई करने का निर्णय लिया है। अदालत ने यह आदेश भी दिया है कि इस याचिका को इसी तरह के अन्य मामलों जैसे जय प्रकाश और 11 अन्य केसों के साथ सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाए।

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