फूलपुर उपचुनाव 2024 : यूपी की महत्वपूर्ण सीट पर सब की नजर, 4 लाख से अधिक मतदाता 12 प्रत्याशियों के भाग्य का करेंगे फैसला

UPT | पोलिंग बूथ पर मतदान करने पहुंची महिलाएं और पुरुष

Nov 20, 2024 09:54

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले की फूलपुर विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में आज मतदान प्रक्रिया सुबह 7 बजे से शुरू हो गई। इस महत्वपूर्ण उपचुनाव में चार लाख से अधिक मतदाता 12 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करेंगे। मतदान प्रक्रिया शाम 5 बजे तक चलेगी।

Prayagraj News: प्रयागराज की फूलपुर विधानसभा क्षेत्र के उप चुनाव के लिए सुबह 7 बजे से मतदान प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। आज फूलपुर सीट के प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला चार लाख आठ हजार मतदा‌ता करेंगे। मतदान सुबह सात बजे से शाम पांच बजे तक होगा। सकुशल मतदान के लिए सुरक्षा के तगड़े इंतजाम किए गए हैं। कुल 218 मतदान केंद्र तथा 435 बूथ बनाए गए हैं। पूरे विधानसभा क्षेत्र में कुल 435 बैलेट यूनिट (बीयू) और इतनी ही कंट्रोल यूनिट (सीयू) लगाई जाएंगी। मतदान के लिए 435 पोलिंग पार्टियां लगाई गई हैं। मतदान को लेकर विधानसभा क्षेत्र को पांच जोन तथा 38 सेक्टर में बांटा गया है। जोन में जोनल मजिस्ट्रेट और सेक्टर में सेक्टर मजिस्ट्रेट तैनात किए गए हैं। इनके अलावा नौ माइक्रो आब्जर्वर भी तैनात किए गए हैं, जो सामान्य प्रेक्षक को सीधे अपनी रिपोर्ट देंगे।

फूलपुर पर सब की नजर
उत्तर प्रदेश उपचुनाव में सबकी नजरें फूलपुर विधानसभा सीट पर लगी हुई है। अगर हम इस सीट की जातीय समीकरण की बात करें तो इस बार मुकाबला सीधे बीजेपी और सपा में देखने को मिल रहा है। लेकिन अभी ये कहना काफी मुश्किल हो रहा है कि इस सीट पर किसकी जीत और किसकी हार होगी। भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी के बीच हमेशा से ही जबरदस्त टक्कर रही है। यहां पर मुद्दों से ज्यादा जाति का गुणा भाग अहम माना जाता रहा है। बीजेपी ने यहां पूर्व विधायक दीपक पटेल पर दांव खेला है तो वहीं सपा ने तीन बार के विधायक रहे मुज्तबा सिद्दीकी जैसे अनुभवी नेता को मैदान में उतारा है। यहा बहुजन समाज पार्टी और चंद्रशेखर आजाद की आज़ाद समाज पार्टी भी चुनाव मैदान में हैं। हालांकि ये दोनों दल सपा-बीजेपी के वोट काटने का काम करेंगे।

जातीय समीकरण के आधार पर हुआ प्रत्याशियों का चयन
फूलपुर विधानसभा सीट पर कुर्मी मतदाताओं की संख्या सबसे ज्यादा 70 हजार है, ऐसे में बीजेपी ने दीपक पटेल को टिकट देकर कुर्मी और सवर्ण मतदाताओं के बीच समीकरण बनाने की कोशिश की है, वहीं सपा ने भी मुस्लिम उम्मीदवार पर अपना दांव लगाया है। माना जा रहा है कि यहां यादव मतदाता भी निर्णायक भूमिका में हैं, दूसरे नंबर पर यादव मतदाता हैं, जिनकी आबादी 65 हजार है। सपा ने यहां यादव और मुस्लिम समीकरण बनाकर मुस्लिम और यादवों को खुश करने की कोशिश की है। ऐसे में दलितों और अन्य पिछड़ी जातियों का झुकाव काफी हद तक चुनाव के नतीजे तय करेगा। 2022 के विधानसभा चुनाव की बात करें तो बीजेपी ने प्रवीण पटेल और सपा ने मुज्तबा सिद्दीकी को टिकट दिया था और दोनों के बीच कांटे की टक्कर के बाद बीजेपी के प्रवीण पटेल 2700 वोटों से जीत गए थे, लेकिन प्रवीण पटेल अब सांसद बन चुके हैं। जिसके बाद बीजेपी ने फिर से दीपक पटेल को टिकट दिया है।

4 लाख वोटर करेंगे 12 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला 
फूलपुर में कुल 4.07 लाख मतदाता हैं। जातिगत समीकरणों के लिहाज से ओबीसी वोट काफी अहम हैं। खास तौर पर पटेल और यादव मतदाता काफी हद तक चुनाव का नतीजा तय करते हैं। सपा को उम्मीद है कि पीडीए के फॉर्मूले के आधार पर वह दलित और पिछड़े समुदाय के वोटरों में सेंध लगाने में कामयाब हो जाएगी, लेकिन बीएसपी के मैदान में आने से यह समीकरण गड़बड़ा सकता है। वहीं बीजेपी ध्रुवीकरण के जरिए 'बंटेंगे तो कटेंगे' के नारे के साथ अपने समीकरण को दुरुस्त करने की कोशिश में है।

Also Read