प्रयागराज में गंगा और यमुना का उफान : बाढ़ से प्रभावित हैं कई इलाके, प्रशासन अलर्ट मोड पर

UPT | गंगा और यमुना का उफान

Aug 11, 2024 02:01

संगम नगरी प्रयागराज में गंगा और यमुना नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जिससे शहर के कई इलाकों में बाढ़ का खतरा उत्पन्न हो गया है। हालांकि, बढ़ते जलस्तर की गति में थोड़ी कमी आई है...

Prayagraj News : संगम नगरी प्रयागराज में गंगा और यमुना नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जिससे शहर के कई इलाकों में बाढ़ का खतरा उत्पन्न हो गया है। हालांकि, बढ़ते जलस्तर की गति में थोड़ी कमी आई है, लेकिन स्थिति अब भी चिंताजनक बनी हुई है। गंगा नदी फिलहाल खतरे के निशान से लगभग ढाई मीटर नीचे बह रही है, जबकि यमुना नदी का जलस्तर भी तीन मीटर नीचे है। इसके बावजूद, बाढ़ का पानी रिहायशी इलाकों में दाखिल हो चुका है और संगम जाने वाले कई रास्ते जलमग्न हो गए हैं।



बाढ़ से प्रभावित इलाके 
प्रयागराज के कई हिस्सों में बाढ़ का पानी घुसने से सामान्य जनजीवन प्रभावित हो गया है। नदियों के किनारे बसे मठ, मंदिर, आश्रम, और घरों में पानी घुसने से लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीण इलाकों में भी स्थिति गंभीर है, जहां बाढ़ के कारण कई सड़कों पर पानी भर गया है, जिससे गांवों का सीधा संपर्क कट गया है। संगम नगरी के दारागंज, सलोरी, और बघाड़ा जैसे मोहल्लों में भी बाढ़ का पानी भर गया है, जिससे स्थानीय निवासियों को अपने घर छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा है।

सबसे अधिक दिक्कत संगम में आस्था की डुबकी लगाने के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को हो रही है, क्योंकि संगम का पूरा इलाका जलमग्न हो चुका है। बाढ़ के पानी ने संगम जाने वाले रास्तों को बंद कर दिया है और वहां नावों का सहारा लिया जा रहा है। हालांकि, राहत की बात यह है कि नदियों के पीछे के क्षेत्रों में जलस्तर घटने लगा है, जिससे उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही संगम नगरी में बाढ़ से प्रभावित लोगों को राहत मिल सकेगी।

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प्रशासन की तैयारी और राहत कार्य
प्रयागराज में गंगा, यमुना के अलावा टोंस और ससुर खदेरी जैसी छोटी नदियां भी उफान पर हैं, जिसके कारण प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट मोड पर है। बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए यहां करीब सौ बाढ़ राहत चौकियां बनाई गई हैं। साथ ही, चौबीसों घंटे तीन पालियों में हाईटेक कंट्रोल रूम काम कर रहा है, जो ड्रोन कैमरों के जरिए भी निगरानी कर रहा है। प्रशासनिक अमला लगातार जलस्तर पर नजर बनाए हुए है और बाढ़ प्रभावित इलाकों में तत्काल राहत पहुंचाने के प्रयास कर रहा है।

बाढ़ के बीच लगातार हो रही बारिश ने भी लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। कई इलाकों में घरों के अंदर दो से तीन फीट पानी भर गया है, जिससे लोगों को अपने घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन करना पड़ा है। कुछ लोग अपने घरों के ग्राउंड फ्लोर को छोड़ छतों पर रहने को मजबूर हैं। गंगापार के बदरा और सोनौटी गांव के पास लिंक रोड पर बाढ़ का पानी भर जाने से कुछ गांवों का संपर्क भी टूट गया है। हालांकि, लोग वैकल्पिक रास्तों का सहारा लेकर गांवों तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं।

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हर साल की समस्या 
प्रयागराज में गंगा और यमुना नदियों की बाढ़ हर साल हजारों लोगों को कुछ दिनों के लिए बेघर कर देती है। इसके बावजूद, बाढ़ से निपटने के लिए स्थायी कदम नहीं उठाए जाते हैं। हर साल, कई रिहायशी बस्तियां बाढ़ की चपेट में आकर तबाह हो जाती हैं, लेकिन कोई ठोस समाधान नहीं निकल पाता। स्थानीय लोग अब मांग कर रहे हैं कि गंगा और यमुना के किनारे शहरी इलाकों में बांध बनाकर इस समस्या का स्थायी समाधान निकाला जाए।

लोगों का कहना है कि अगर गंगा और यमुना के दोनों तरफ बांध बना दिया जाए, तो बाढ़ की समस्या से हमेशा के लिए निजात पाई जा सकती है। फिलहाल, प्रशासन बाढ़ की स्थिति पर काबू पाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है, लेकिन स्थायी समाधान की जरूरत अब पहले से कहीं अधिक महसूस की जा रही है।

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