डेंटिस्ट से IPS तक का सफर : प्रयागराज के प्रभारी अतिरिक्त पुलिस आयुक्त बने अजय पाल शर्मा, इस दिन संभालेंगे चार्ज

UPT | अजय पाल शर्मा

Dec 23, 2024 19:58

यूपी पुलिस के एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के रूप में चर्चित आईपीएस अफसर डॉ. अजय पाल शर्मा को हाल ही में प्रयागराज कमिश्नरेट में प्रभारी अतिरिक्त पुलिस आयुक्त के पद पर नियुक्त किया गया है...

Prayagraj News : यूपी पुलिस के एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के रूप में चर्चित आईपीएस अफसर डॉ. अजय पाल शर्मा को हाल ही में प्रयागराज कमिश्नरेट में प्रभारी अतिरिक्त पुलिस आयुक्त के पद पर नियुक्त किया गया है। यह आदेश रविवार को डीजी कानून-व्यवस्था एवं कार्मिक अमिताभ यश ने जारी किया। इससे पहले डॉ. अजय जौनपुर जिले में पुलिस अधीक्षक के पद पर कार्यरत थे। अब वह नई जिम्मेदारी संभालने के लिए बुधवार तक पदभार ग्रहण कर सकते हैं। इसके पहले वह नोएडा (गौतमबुद्ध नगर) के पुलिस कप्तान भी रह चुके हैं, जहां उन्होंने कई बड़े अपराधियों को सलाखों के पीछे डाला।

2011 बैच के आईपीएस हैं अजय पाल
पंजाब के लुधियाना में जन्मे डॉ. अजय पाल शर्मा 2011 बैच के आईपीएस अफसर हैं। अपनी तेजतर्रार कार्यशैली और अपराधियों के खिलाफ चलाए गए अभियानों के कारण वह 'सिंघम', 'दबंग' और 'दी रियल कमांडर' के उपनाम से मशहूर हैं। उन्होंने डायल-112 के एसपी के रूप में कार्य किया और इसके साथ ही सहारनपुर, गाजियाबाद, हाथरस और नोएडा जैसे जिलों में भी अपनी सेवाएं दी। डॉ. अजय पाल शर्मा ने जौनपुर में अपने कार्यकाल के दौरान 75 एनकाउंटर किए, जिनमें से तीन खतरनाक अपराधी मारे गए। उनकी इसी बहादुरी ने उन्हें 'एनकाउंटर स्पेशलिस्ट' के रूप में एक अलग पहचान दिलाई है।



भाई अमित पाल पीडीए में कार्यरत
डॉ. अजय पाल शर्मा का कार्यकाल कई मायनों में महत्वपूर्ण रहा है। जौनपुर में 20 महीने तक एसपी के पद पर रहते हुए उन्होंने 70 से ज्यादा एनकाउंटर किए। इस दौरान उन्होंने कई खूंखार बदमाशों को मार गिराया। डॉ. शर्मा के छोटे भाई अमित पाल शर्मा प्रयागराज विकास प्राधिकरण (पीडीए) के उपाध्यक्ष के रूप में कार्यरत हैं। एक बार डॉ. अजय ने खुद बताया था कि उनका शुरुआती सपना डेंटिस्ट बनने का था, जबकि उनके छोटे भाई एमबीबीएस डॉक्टर बनना चाहते थे। लेकिन दोनों भाईयों ने अपने माता-पिता के मार्गदर्शन में UPSC की तैयारी शुरू की और सफलता प्राप्त की। अजय पाल शर्मा ने पुलिस सेवा जॉइन की, जबकि उनके छोटे भाई आईएएस बन गए।

पढ़ाई में रहे अव्वल
अजय पाल शर्मा के पिता एक शिक्षक रहे हैं और उनका जीवन में बहुत गहरा प्रभाव था। अजय हमेशा पढ़ाई में अव्‍ल रहे और हाई स्कूल में उन्‍होंने तीनों विषयों में 100 में से 100 अंक प्राप्त किए थे। हालांकि, ग्रेजुएशन के दौरान उनके अंक गिरने लगे, लेकिन उन्‍होंने हार नहीं मानी और 2008 में डेंटिस्ट की नौकरी छोड़कर यूपीएससी की तैयारी शुरू की। 2009 में उन्‍होंने लिखित परीक्षा पास की, हालांकि इंटरव्‍यू में सफल नहीं हो सके। फिर उन्‍होंने फिर से तैयारी की और ऑल इंडिया में 160वीं रैंक प्राप्त की, जिसके बाद वह आईपीएस अधिकारी बने।

पहली तैनाती सहारनपुर में मिली
आईपीएस डॉ. अजय पाल शर्मा को अपनी पहली तैनाती सहारनपुर जिले में सरसावा के एसओ के रूप में मिली। यहां एक घटना ने उन्हें एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के रूप में पहचान दिलाई। 5 जून 2013 को सहारनपुर में पेट्रोल पंप लूट के बाद अपराधियों ने पुलिस पर गोलीबारी की, जिसमें एक सिपाही शहीद हो गए। इस घटना के बाद डॉ. अजय पाल शर्मा ने मुकीम काला गैंग का सफाया करने का प्रण लिया और उन्होंने कई अपराधियों को एनकाउंटर में मार गिराया।

उबर रेप कांड का किया खुलासा
डॉ. अजय पाल शर्मा के कार्यकाल में कई बड़ी घटनाओं का समाधान हुआ। 2013 में मथुरा में डीएसपी के पद पर रहते हुए उन्होंने उबर रेप कांड का खुलासा किया। इसके अलावा, उन्होंने कई अपहरण कांडों का भी पर्दाफाश किया, जिसमें विक्की त्यागी अपहरण कांड प्रमुख था। गाजियाबाद में एसपी सिटी के रूप में कार्य करते हुए उन्होंने मुकीम काला गिरोह के 50 हजारी बदमाश फिरोज पव्वा का एनकाउंटर किया। 2019 में रामपुर में एक 6 साल की बच्ची से रेप और हत्या के आरोपी को एनकाउंटर में गिरफ्तार किया था।

सीएम योगी के हाथों हो चुके हैं सम्मानित
अपने साहसिक निर्णयों और कार्यकुशलता के लिए डॉ. अजय पाल शर्मा को कई पुरस्कार मिले हैं। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने उनकी कड़ी मेहनत और अपराध नियंत्रण में उत्कृष्ट कार्यशैली की सराहना की। योगी आदित्यनाथ ने उन्हें शौर्य अवार्ड से नवाजा, जबकि हरियाणा के मुख्यमंत्री ने उनकी कार्यकुशलता की प्रशंसा की। 

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