फूलपुर में कांग्रेस और सपा में फूट : सुरेश यादव ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने की घोषणा की

UPT | कांग्रेस के गंगा नगर जिला अध्यक्ष सुरेश यादव

Oct 25, 2024 16:56

फूलपुर विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में इंडिया गठबंधन में बड़ी दरार देखने को मिल रही है। समाजवादी पार्टी द्वारा मुज्तबा सिद्दीकी के नामांकन के दो दिन बाद, शुक्रवार को कांग्रेस के गंगापार जिला अध्यक्ष सुरेश यादव ने भी अपना नामांकन पत्र ...

Short Highlights
  • जिलाध्यक्ष सुरेश यादव के नामांकन करने से फूलपुर सीट पर इंडिया गठबंधन में उहापोह की स्थिति
  • वह कतई अपना पर्चा वापस नहीं लेंगे, इसीलिए निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर भी नामांकन कर रहे हैं 
  • सुरेश यादव प्रियंका गांधी वाड्रा के विश्वसनीय नेताओं में से एक माने जाते हैं
Prayagraj News : फूलपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए दो दिन पहले समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार मुज्तबा सिद्दीकी के नामांकन दाखिल करने के बाद अब इस सीट पर कांग्रेस और सपा के बीच फूट साफ नजर आने लगी है। नामांकन प्रक्रिया के आखिरी दिन शुक्रवार को कांग्रेस के गंगापार जिला अध्यक्ष सुरेश यादव ने भी नामांकन दाखिल किया। सुरेश यादव को प्रियंका गांधी वाड्रा का बेहद करीबी माना जाता है। उनके समर्थक राहुल और प्रियंका की तस्वीरों वाले पोस्टर हाथों में लेकर नामांकन करने पहुंचे थे।

बगावत कहा जा रहा है तो यह गलत नहीं : सुरेश यादव 
सुरेश यादव अपने कुछ समर्थकों के साथ नामांकन दाखिल करने जिला कलेक्ट्रेट पहुंचे और मीडिया से बात करते हुए कहा कि मैंने फूलपुर विधानसभा सीट से अपना नामांकन दाखिल कर दिया है। मैं कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेताओं से मांग करता हूं कि मुझे यहां से अपना उम्मीदवार घोषित किया जाए। इस पर कोई ठोस निर्णय लिया जाना चाहिए। अगर कांग्रेस मुझे अपना उम्मीदवार नहीं बनाती है तो मैं निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर यह चुनाव लड़ूंगा, इसलिए मैंने अपना नामांकन दाखिल किया है। सुरेश यादव का कहना है कि अगर उनके इस कदम को बगावत कहा जा रहा है तो यह गलत नहीं है।


पार्टी मुझे अपना सिंबल नहीं देगी तो निर्दलीय ही सही
कांग्रेस के जिला अध्यक्ष सुरेश यादव ने साफ कहा कि फूलपुर सीट इंडिया गठबंधन के तहत कांग्रेस के खाते में थी लेकिन अखिलेश यादव ने साजिश के तहत अपना उम्मीदवार मैदान में उतारा जो डमी उम्मीदवार है। अगर पार्टी मुझे अपना सिंबल नहीं भी देती है तो भी मैं निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर मैदान में हूं। अगर पार्टी इसे मेरी बगावत समझती है तो समझ लें लेकिन मैंने क्षेत्र में जनता के बीच कई साल बिताए हैं और मुझे जनता पर भरोसा है। मेरी लड़ाई भाजपा से है। सपा के लोग आपस में लड़ रहे हैं।  

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