महाकुंभ 2025 : स्वामी कैलाशानंद गिरी ने शिष्यों संग किया अमृत स्नान, मेले को साधु-संतों की तपस्या और श्रद्धा का अद्भुत संगम बताया

UPT | स्वामी कैलाशानंद गिरी अपने शिष्यों के साथ स्नान करते हुए

Jan 14, 2025 13:21

स्वामी कैलाशानंद गिरी ने स्नान के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह साधु-संतों के लिए एक आध्यात्मिक ऊर्जा का स्रोत है। उन्होंने कहा, "संगम का अमृत स्नान साधु-संतों को अपने इष्ट देवों का आशीर्वाद...

Prayagraj News : महाकुंभ 2025 के पावन अवसर पर स्वामी कैलाशानंद गिरी ने सैकड़ों शिष्यों के साथ संगम में अमृत स्नान किया। इस ऐतिहासिक और आध्यात्मिक क्षण को स्वामी जी ने "शब्दों से परे" अनुभव बताया और इसे साधु-संतों की तपस्या, साधना और श्रद्धा का प्रतीक करार दिया। स्वामी कैलाशानंद गिरी ने स्नान के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह साधु-संतों के लिए एक आध्यात्मिक ऊर्जा का स्रोत है। उन्होंने कहा, "संगम का अमृत स्नान साधु-संतों को अपने इष्ट देवों का आशीर्वाद प्राप्त करने का अवसर प्रदान करता है। यह परंपरा हमारी सनातन संस्कृति और धर्म की शक्ति को प्रदर्शित करती है।"   स्वामी जी की शिष्या और सनातन धर्म की विद्यार्थी स्वामी कैलाशानंद गिरी की शिष्या और विश्व प्रसिद्ध तकनीकी दिग्गज स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पावेल भी इस अमृत स्नान में सम्मिलित हुईं। लॉरेन पावेल वर्तमान में स्वामी जी के मार्गदर्शन में सनातन धर्म और इसके गहन आध्यात्मिक मूल्यों को सीख रही हैं। स्वामी जी ने कहा, "सनातन धर्म की व्यापकता और इसकी वैश्विक अपील आज दुनियाभर के लोगों को आकर्षित कर रही है। यह धर्म न केवल आध्यात्मिकता का मार्ग दिखाता है, बल्कि मानवता और प्रकृति के बीच संतुलन स्थापित करने का संदेश भी देता है।"   सनातन धर्म का वैश्विक वैभव स्वामी कैलाशानंद गिरी ने महाकुंभ को सनातन धर्म के वैश्विक वैभव का प्रमाण बताया। उन्होंने कहा, "महाकुंभ केवल एक धार्मिक उत्सव नहीं, बल्कि यह हमारी संस्कृति और आध्यात्मिक विरासत का जीवंत प्रदर्शन है। यहां आने वाले हर भक्त को इसकी दिव्यता का अनुभव होता है, चाहे वे भारत से हों या विदेश से।"   मीडिया की भूमिका की सराहना स्वामी जी ने महाकुंभ को वैश्विक मंच पर लाने में मीडिया की भूमिका की सराहना की। उन्होंने कहा, "मीडिया इस आध्यात्मिक आयोजन की महत्ता और इसके पीछे छिपे संदेश को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य कर रही है। इसके माध्यम से सनातन धर्म के मूल्यों को दुनियाभर में समझने और अपनाने का अवसर मिल रहा है।"   साधु-संतों की तपस्या का पर्व महाकुंभ में स्वामी कैलाशानंद गिरी के नेतृत्व में उनके सैकड़ों शिष्यों ने भी संगम स्नान किया और इसे अपने जीवन का अनमोल क्षण बताया। श्रद्धालुओं के बीच स्वामी जी के विचार और उनके व्यक्तित्व ने गहरी छाप छोड़ी।"महाकुंभ सनातन धर्म की गहराई, तपस्या, और आध्यात्मिकता का पर्व है, जो विश्व को एकता और शांति का संदेश देता है।"

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