UPPSC परीक्षा में सेंधमारी का मामला : ऑडियो लीक और पेन ड्राइव मिलने के बाद जांच में आई तेजी, FIR दर्ज

UPT | UPPSC 2024

Oct 19, 2024 13:00

उत्तर प्रदेश में प्रतियोगी परीक्षाओं की शुचिता बनाए रखने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सख्ती के बावजूद, पेपर लीक और सेंधमारी की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं।

Prayagraj News : उत्तर प्रदेश में प्रतियोगी परीक्षाओं की शुचिता बनाए रखने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सख्ती के बावजूद, पेपर लीक और सेंधमारी की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। ताजा मामला उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) की यूपी टेक्निकल एजुकेशन (टीचिंग) परीक्षा से जुड़ा है, जहां पेपर लीक की साजिश का खुलासा हुआ है। इस घटना के बाद पुलिस ने जांच तेज कर दी है, जिससे परीक्षाओं की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।

20 अक्टूबर को होनी थी परीक्षा, आयोग ने अचानक किया स्थगित
UPPSC की यूपी टेक्निकल एजुकेशन (टीचिंग) परीक्षा 20 अक्टूबर को आयोजित की जानी थी। आयोग ने परीक्षा के एडमिट कार्ड 10 अक्टूबर को जारी कर दिए थे, लेकिन पेपर लीक की आशंका के चलते आयोग ने परीक्षा को अचानक स्थगित कर दिया। आयोग ने कहा कि यह निर्णय अपरिहार्य कारणों से लिया गया है, और नई परीक्षा तारीख की घोषणा जल्द ही की जाएगी। इसके अलावा, आयोग ने 27 अक्टूबर को होने वाली UP PCS परीक्षा को भी स्थगित कर दिया है। इस फैसले के पीछे आयोग ने पर्याप्त मानक परीक्षा केंद्र न मिलने को कारण बताया है। अब यह परीक्षा दिसंबर में आयोजित की जाएगी।



ऑडियो लीक और पेन ड्राइव ने खोला पेपर लीक का राज
मामला तब सामने आया जब भदोही स्थित भारतीय कालीन प्रौद्योगिकी संस्थान (IICT) के एक कर्मचारी और एक अज्ञात व्यक्ति के बीच की कथित बातचीत का ऑडियो लीक हुआ। इस ऑडियो में आगामी UPPSC परीक्षा में पेपर लीक करने की योजना पर चर्चा की जा रही थी। असिस्टेंट सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस (ASP) तेजवीर सिंह ने बताया कि यह ऑडियो क्लिप संस्थान के निदेशक राजीव कुमार वार्ष्णेय के संज्ञान में आई, जिन्होंने 14 अक्टूबर को UPPSC सचिव को इस मामले की जानकारी दी। ईमेल के माध्यम से भेजी गई इस सूचना में राजीव कुमार ने आईआईसीटी के कर्मचारी राजेश वर्मा और एक अज्ञात व्यक्ति के बीच हुई बातचीत का ब्योरा दिया। बातचीत में पैसे कमाने के लिए पेपर लीक की साजिश की चर्चा की जा रही थी। 

FIR दर्ज, जांच में जुटी पुलिस
मामले की गंभीरता को देखते हुए, UPPSC के उप सचिव धर्मेंद्र कुमार त्रिपाठी ने 16 अक्टूबर को भदोही सिटी थाने में शिकायत दर्ज कराई। इस शिकायत में उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण) अधिनियम 2024 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 के उल्लंघन का हवाला दिया गया है। इसके बाद पुलिस ने जांच शुरू कर दी है, जिसमें ऑडियो क्लिप और पेन ड्राइव को प्रमुख सबूत माना जा रहा है। पेन ड्राइव में इस साजिश से जुड़े कुछ और अहम सबूत होने की आशंका जताई जा रही है।

पेपर लीक के खिलाफ योगी सरकार का कड़ा रुख
उत्तर प्रदेश में पेपर लीक की घटनाएं पहले भी सामने आ चुकी हैं, जिसमें यूपी पुलिस कांस्टेबल भर्ती और यूपी समीक्षा अधिकारी भर्ती परीक्षाओं का पेपर लीक प्रमुख है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 'पेपर लीक गैंग' के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी थी। उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम, 2024 के तहत दोषियों को 3 से 10 साल तक की सजा और एक करोड़ रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। 

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