दुकानों पर नाम लिखने के आदेश पर बवाल : संगीत सोम बोले- 'खाने-पीने की वस्तुओं में थूकते देश ने देखा है'

UPT | दुकानों पर नाम लिखने के आदेश पर बवाल

Jul 19, 2024 16:33

आदेश से आम जनता भले ही दुखी हो, लेकिन सियासतदानों ने इस पर अलग ही विलाप शुरू कर दिया। इन सबके बीच भाजपा के फायर ब्रांड नेता संगीम सोम ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है।

Short Highlights
  • नेमप्लेट लगाने के आदेश पर बवाल
  • संगीत सोम ने की सरकार की तारीफ
  • विपक्षी नेताओं ने सरकार को घेरा
Muzaffarnagar News : मुजफ्फरनगर पुलिस द्वारा कांवड़ मार्ग पर पड़ने वाली दुकानों के बाहर दुकानदारों के नाम लिखने के आदेश पर बवाल मचा ही था कि शुक्रवार को प्रदेश सरकार ने पूरे कांवड़ मार्ग पर ही नाम लिखने का आदेश जारी कर दिया। इस आदेश से आम जनता भले ही दुखी हो, लेकिन  सियासतदानों ने इस पर अलग ही विलाप शुरू कर दिया। इन सबके बीच भाजपा के फायर ब्रांड नेता संगीम सोम ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है।

क्या बोले संगीम सोम?
संगीत सोम भाजपा के पूर्व विधायक हैं। उन्होंने अपने सोशल मीडिया पर लिखा- 'कांवड़ यात्रा के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जारी शासनादेश के अनुसार दुकानदारों को अपनी दुकान के बाहर नाम लिखने के लिए कहा गया है, केवल इसी बात को लेकर  समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव जी के द्वारा जिस प्रकार से आपत्ति व्यक्त की गई है, वह उनके  घोर सांप्रदायिक चरित्र को उजागर करने के लिए पर्याप्त है। अनेक बार सोशल मीडिया, टीवी चैनल पर प्रसारित खबरों में  देखा गया कि किस प्रकार से एक धर्म विशेष के लोगों द्वारा  किसी भी खाने पीने की वस्तुओं में थूकते हुए,पेशाब करते हुए इस देश के लोगों ने देखा है।'
 
स्वागत योग्य बताया सरकार का फैसला
संगीत सोम ने आगे लिखा- 'कांवड़ यात्रा की पवित्रता को कायम रखने के लिए बहुत जरूरी है कि आस्थावान कांवड़ यात्री जिस दुकान से कुछ खाने-पीने की वस्तु खरीद रहा है, वह जाने कि उसकी तीर्थ यात्रा की पवित्रता को अक्षुण्ण रखने के प्रति वह दुकानदार कितना निष्ठावान है, निःसंदेह हिंदू कांवड़ यात्री के आहार की पवित्रता कायम रखने के लिए तीर्थ यात्रियों को यह छूट होनी चाहिए कि वह किस दुकानदार से सामान खरीदे और किससे नहीं। वैसे भी यह उपभोक्ता के अधिकार का मामला है। उत्तर प्रदेश सरकार का यह आदेश स्वागत योग्य है और मैं मुक्त कंठ से इसकी सराहना करता हूं।'

विपक्षी नेताओं ने सरकार को घेरा
इस आदेश पर सियासी गलियारों में युद्ध छिड़ गया है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा- 'और जिसका नाम गुड्डू, मुन्ना, छोटू या फत्ते है, उसके नाम से क्या पता चलेगा? माननीय न्यायालय स्वत: संज्ञान ले और ऐसे प्रशासन के पीछे के शासन तक की मंशा की जाँच करवाकर, उचित दंडात्मक कार्रवाई करे। ऐसे आदेश सामाजिक अपराध हैं, जो सौहार्द के शांतिपूर्ण वातावरण को बिगाड़ना चाहते हैं।' वहीं असदु्द्दीन ओवैसी ने इसका विरोध करते हुए लिखा- 'उत्तर प्रदेश पुलिस के आदेश के अनुसार अब हर खाने वाली दुकान या ठेले के मालिक को अपना नाम बोर्ड पर लगाना होगा ताकि कोई कांवड़िया गलती से मुसलमान की दुकान से कुछ न खरीद ले। इसे दक्षिण अफ्रीका में अपारथाइड कहा जाता था और हिटलर की जर्मनी में इसका नाम Judenboycott था।'

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