मुजफ्फरनगर में होगी किसानों की महापंचायत : 15 संगठनों के नेता होंगे शामिल, सरकार को इस तारीख तक दिया अल्टीमेटम

UPT | संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक

Dec 16, 2024 16:31

किसान संगठन 23 दिसंबर को उत्तर प्रदेश में महापंचायत आयोजित करने जा रहे हैं। इस महापंचायत में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की जाएगी, जिनमें खासकर नोएडा और उसके आसपास के क्षेत्रों में चल रहे किसानों के विरोध प्रदर्शन के बारे में महत्वपूर्ण निर्णय लिया जाएगा...

Muzaffarnagar News : किसान संगठन 23 दिसंबर को उत्तर प्रदेश में महापंचायत आयोजित करने जा रहे हैं। इस महापंचायत में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की जाएगी, जिनमें खासकर नोएडा और उसके आसपास के क्षेत्रों में चल रहे किसानों के विरोध प्रदर्शन के बारे में महत्वपूर्ण निर्णय लिया जाएगा। यह महापंचायत मुजफ्फरनगर जिले के सुसौली में आयोजित की जाएगी और यह भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के मुख्यालय में होगी। इस आयोजन में 15 से अधिक किसान संगठनों के नेता और सदस्य शामिल होंगे।

किसान संयुक्त मोर्चा ने बुलाई आपात बैठक
दरअसल, नोएडा के किसान आंदोलन के दौरान हुई किसानों की गिरफ्तारियों और भूमि अधिग्रहण के नियमों पर चर्चा करने के लिए रविवार को किसान संयुक्त मोर्चा ने एक आपात बैठक बुलाई थी। यह बैठक सिसौली के किसान भवन में आयोजित की गई, जहां किसानों ने गिरफ्तारियों का विरोध किया। भाकियू के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने सरकार को चेतावनी दी कि उनके पास 23 दिसंबर तक का समय है। उन्होंने सरकार से किसानों से बातचीत करने और जेल में बंद लोगों को रिहा करने की अपील की, अन्यथा 23 दिसंबर को महापंचायत में बड़ा निर्णय लिया जाएगा।



महापंचायत को लेकर यूपी पुलिस ने किए सख्त इंतजाम
महापंचायत के आयोजन को लेकर उत्तर प्रदेश पुलिस ने सुरक्षा इंतजामों को सख्त कर दिया है। पुलिस ने सुसौली के सभी प्रमुख प्रवेश मार्गों पर सुरक्षा बढ़ाने का निर्णय लिया है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि इस दौरान किसी भी प्रकार के विवाद से बचने के लिए बैरिकेड्स लगाए जाएंगे और अतिरिक्त बल तैनात किया जाएगा। पुलिस का मुख्य उद्देश्य सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करना और किसी भी प्रकार की अराजकता से बचना है।

इन स्थानों से आएंगे किसान
महापंचायत में शामिल होने के लिए मेरठ, बुलंदशहर, मुजफ्फरनगर और सहारनपुर जैसे जिलों से बड़ी संख्या में किसान सुसौली पहुंचने की उम्मीद है। इनमें से कुछ किसान ट्रैक्टर-ट्रॉलियों और निजी वाहनों से महापंचायत स्थल तक आएंगे। भारतीय किसान संगठन और अन्य किसान संगठनों ने भी इस महापंचायत में अपनी एकजुटता दिखाई है। एक किसान प्रतिनिधि ने कहा कि शांतिपूर्ण प्रदर्शनों को जेल में डालना लोकतंत्र का अपमान है और वे इस अन्याय के खिलाफ राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपने की योजना बना रहे हैं।

सरकार को दी चेतावनी
किसान संगठनों ने सरकार को स्पष्ट चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं की जातीं, तो वे अपना विरोध प्रदर्शन दिल्ली की ओर मोड़ सकते हैं। इससे अधिकारियों पर अधिक दबाव पड़ेगा। किसानों का यह कहना है कि वे अपने अधिकारों के लिए संघर्ष जारी रखेंगे और अगर उनकी आवाज़ को दबाया गया तो वे अपने आंदोलनों को और तेज़ करेंगे।

ये भी पढ़ें- SC में आजम खान की जमानत याचिका पर सुनवाई : कोर्ट ने यूपी सरकार को भेजा नोटिस, 4 हफ्ते में मांगा जवाब

Also Read