रिश्वत नहीं देने पर चौकी प्रभारी पर पिटाई का आरोप : भूमि विवाद के समाधान के लिए 50 हजार मांगें, कार्रवाई के लिए सीओ से मिले

UPT | प्रतीकात्मक तस्वीर।

Dec 16, 2024 20:18

गाजीपुर के चितावनपट्टी गांव में भूमि विवाद के समाधान के लिए 50 हजार रुपये रिश्वत न देने पर पुलिस की ओर से किसान की पिटाई का मामला सामने आया। किसान ने चौकी प्रभारी और सिपाही पर आरोप लगाते हुए न्याय की गुहार लगाई है।

Ghazipur News : गाजीपुर जिले के चितावनपट्टी गांव में एक किसान को भूमि विवाद के समाधान के लिए रिश्वत न देने पर पुलिस द्वारा पिटाई का मामला सामने आया है। पीड़ित किसान हरेराम यादव ने चौकी प्रभारी और सिपाही पर गंभीर आरोप लगाते हुए अधिकारियों से न्याय की गुहार लगाई है।



घटना का विवरण
पीड़ित किसान हरेराम यादव ने बताया कि 12 दिसंबर को वह अपने खेत में काम कर रहे थे। इस दौरान भूमि विवाद को लेकर दूसरे पक्ष के लोग खेत में आ गए और गाली-गलौज करने लगे। जब हरेराम ने इसका विरोध किया, तो विवाद बढ़ गया और दूसरे पक्ष ने डायल 112 पर कॉल करके पुलिस को बुला लिया। पुलिस मौके पर पहुंचकर हरेराम को हिरासत में ले गई और जमानिया कोतवाली ले जाकर पूछताछ शुरू कर दी। हरेराम का आरोप है कि कोतवाली में चौकी प्रभारी अजय कुमार और एक सिपाही ने उनसे 50 हजार रुपये रिश्वत की मांग की।

पिटाई का आरोप
हरेराम ने बताया कि जब उन्होंने रिश्वत देने से इनकार किया, तो चौकी प्रभारी ने उनकी बेरहमी से पिटाई की। इस दौरान सिपाही ने उन्हें पीछे से पकड़े रखा। पिटाई में हरेराम को गंभीर चोटें आईं। इस घटना से आहत किसान ने न्याय की मांग करते हुए स्थानीय पुलिस अधिकारियों और एसपी को रजिस्ट्री के माध्यम से पत्र भेजा है। 

पुलिस का पक्ष
चौकी प्रभारी अजय यादव ने आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि जिस दिन घटना की बात की जा रही है, उस दिन वह बलिया न्यायालय में साक्ष्य पेश करने के लिए गए थे। चौकी प्रभारी ने इन आरोपों को बेबुनियाद और झूठा बताया।

अधिकारियों की प्रतिक्रिया
सीओ रामकृष्ण तिवारी ने बताया कि शिकायतकर्ता के प्रार्थना-पत्र को गंभीरता से लिया गया है। पूरे मामले की जांच की जा रही है और दोषी पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

पीड़ित की न्याय की गुहार
पीड़ित हरेराम ने पुलिस अधीक्षक सहित अन्य उच्चाधिकारियों से कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि जब तक दोषियों पर कार्रवाई नहीं होती, तब तक वह न्याय के लिए संघर्ष करते रहेंगे।

ग्रामीणों में आक्रोश
घटना के बाद चितावनपट्टी गांव के लोगों में रोष है। ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस को कानून व्यवस्था बनाए रखने का काम करना चाहिए, न कि कमजोर वर्गों का शोषण। यह घटना न केवल पुलिस पर सवाल खड़े करती है, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि विवाद और भ्रष्टाचार की जमीनी हकीकत को भी उजागर करती है। मामले की निष्पक्ष जांच और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई से ही पीड़ित को न्याय मिल सकेगा और ग्रामीणों का विश्वास बहाल होगा। 

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