अतुल सुभाष सुसाइड केस : खुदकुशी के लिए उकसाने पर 10 साल की कैद, जानें BNS के प्रावधान

UPT | अतुल सुभाष सुसाइड केस

Dec 12, 2024 11:01

पत्नी निकिता, उनके भाई (साले), सास, और चाचा ससुर के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया गया। पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (BNS) के तहत धारा 108 के अनुसार कार्रवाई शुरू की है।

Jaunpur News : जौनपुर में रहने वाले सॉफ्टवेयर इंजीनियर अतुल सुभाष ने घरेलू विवाद और मानसिक प्रताड़ना से तंग आकर आत्महत्या कर ली। 35 वर्षीय अतुल सुभाष ने अपनी मृत्यु से पहले 24 पन्नों का सुसाइड नोट और करीब डेढ़ घंटे का वीडियो बनाया। इनमें उन्होंने अपनी आत्महत्या के पीछे की वजह स्पष्ट करते हुए पत्नी और ससुराल पक्ष को दोषी ठहराया। साथ ही, उन्होंने भारतीय न्याय संहिता में पुरुषों के साथ होने वाली अनदेखी पर भी सवाल उठाए। भारतीय न्याय संहिता के तहत आत्महत्या के लिए उकसाने वाले को 10 साल की कैद और जुर्माने का प्रवाधान है। 

खुदकुशी के लिए उकसाने का मामला दर्ज
अतुल की आत्महत्या के बाद उनके भाई विकास कुमार ने बेंगलुरु के मराठाहल्ली पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई। इस शिकायत के आधार पर पत्नी निकिता, उनके भाई (साले), सास, और चाचा ससुर के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया गया। पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (BNS) के तहत धारा 108 के अनुसार कार्रवाई शुरू की है।

बीएनएस के प्रावधान और सजा
भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 108 के तहत आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया जाता है। यदि यह साबित हो जाए कि आरोपी ने किसी व्यक्ति को आत्महत्या करने के लिए उकसाया है, तो उन्हें कड़ी सजा का सामना करना पड़ सकता है।

धारा 108 के प्रमुख प्रावधान
  • 10 साल की कैद : यदि आरोप सिद्ध हो जाए, तो आरोपी को अधिकतम 10 साल की सजा हो सकती है।
  • जुर्माना : कैद के साथ-साथ जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
  • बिना वारंट गिरफ्तारी : इस धारा के तहत पुलिस आरोपी को बिना वारंट के गिरफ्तार कर सकती है।
  • गैर-जमानती अपराध : यह अपराध गैर-जमानती है, यानी आरोपी को आसानी से जमानत नहीं मिलती।

करोड़ों की मांग 
अतुल सुभाष ने अपने सुसाइड नोट में बताया कि उनकी पत्नी ने तलाक के बाद सेटलमेंट के लिए करोड़ों रुपये की मांग की थी। यह मांग समय के साथ लगातार बढ़ती जा रही थी। इसके अलावा, पत्नी ने अतुल के खिलाफ कई कानूनी मामले भी दर्ज करवाए। इन सब घटनाओं से परेशान होकर अतुल ने अपनी जान देने का फैसला किया।

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न्यायिक व्यवस्था पर गंभीर आरोप
अतुल सुभाष ने अपने वीडियो में न्यायिक प्रणाली में पुरुषों के साथ होने वाली अनदेखी को लेकर गहरी निराशा जताई। उन्होंने बताया कि कैसे अदालत और कानूनी प्रक्रिया में उन्हें लगातार प्रताड़ित किया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि अदालतों में भ्रष्टाचार और पक्षपात के चलते उनकी आवाज दबा दी गई।

कानूनी प्रक्रियाओं को लेकर छिड़ी बहस 
इस मामले ने बेंगलुरु और देशभर में घरेलू विवाद और कानूनी प्रक्रियाओं को लेकर एक नई बहस छेड़ दी है। पुलिस मामले की जांच में जुटी है और आरोपियों से पूछताछ की तैयारी कर रही है। यह मामला केवल एक व्यक्ति की मौत का नहीं, बल्कि उन मुद्दों का प्रतिनिधित्व करता है जो न्यायिक व्यवस्था और सामाजिक ताने-बाने पर गंभीर सवाल खड़े करते हैं।

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