जौनपुर में प्राचीन काली मंदिर खोलने की मांग : उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, सपा सरकार में हुआ था बंद

UPT | बंद मंदिर को खोलने की मांग।

Dec 23, 2024 16:04

जौनपुर के शाही पुल के नीचे स्थित प्राचीन काली माता के मंदिर को फिर से खोलने की मांग जोर पकड़ रही है। हिंदूवादी संगठनों और श्रद्धालुओं ने इस मंदिर को सपा सरकार के समय बंद करने को लेकर विरोध जताया है। स्थानीय लोगों का दावा है कि यह मंदिर सैकड़ों साल पुराना है और गोमती नदी के जलस्तर के बढ़ने के कारण इसे बंद कर दिया गया था।

Jaunpur News : जौनपुर के नगर कोतवाली थाना क्षेत्र में स्थित शाही पुल के नीचे एक प्राचीन काली माता के मंदिर को लेकर हिंदूवादी संगठनों ने दावा किया है कि यह स्थल एक ऐतिहासिक और पवित्र स्थान है। जानकारी के मुताबिक, जैसे ही यह खबर इलाके में फैली, बड़ी संख्या में लोग मंदिर के दर्शन करने के लिए वहां एकत्रित हो गए। स्थानीय लोगों के अनुसार, यह मंदिर बहुत पुराना है और एक समय में यह भक्तों के लिए एक प्रमुख धार्मिक स्थल था, जिसे नदी के पानी के बढ़ने के कारण बंद कर दिया गया था।

मंदिर को फिर से खोलने की मांग
स्थानीय लोगों का कहना है कि जब गोमती नदी का जलस्तर बढ़ा था, तब समाजवादी पार्टी की सरकार के दौरान इस मंदिर के प्रवेश पर दीवार लगाकर इसे बंद कर दिया गया था। इस मंदिर को फिर से खोलने की मांग हिंदूवादी संगठनों द्वारा की जा रही है। इसके लिए कई बार स्थानीय निवासियों ने जिला प्रशासन से संपर्क किया था। महेश कुमार नामक एक स्थानीय नागरिक ने जिलाधिकारी को प्रार्थना पत्र भेजकर दीवार को हटाने की अपील की थी, लेकिन प्रशासन ने इसे अनदेखा कर दिया। अब हिंदूवादी संगठन और स्थानीय लोग एकत्र होकर प्रशासन से यह आग्रह कर रहे हैं कि जल्द से जल्द इस मंदिर को फिर से खोला जाए।

महंत अंबुजा नंद महाराज की प्रतिक्रिया 
इस मामले में महंत अंबुजा नंद महाराज ने स्पष्ट रूप से कहा है कि यह एक प्राचीन काली माता का मंदिर है, जिसे प्रशासन द्वारा बंद कर दिया गया है। उनका कहना है कि यदि अंदर काली माता की मूर्ति नहीं मिलती है, तो वे और अन्य लोग मिलकर इसे फिर से बंद कर देंगे। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वे शासन-प्रशासन से किसी प्रकार के विवाद में नहीं पड़ना चाहते हैं, बल्कि उनकी केवल एक मांग है कि इस मंदिर को फिर से खोला जाए, क्योंकि यह एक ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल है। 

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