वाराणसी में चिटफंड घोटाला : करोड़ों की ठगी करने वाली कंपनी के खिलाफ एक और केस दर्ज, डायरेक्टर और अधिकारियों पर होगी कार्रवाई

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Dec 23, 2024 12:27

चिटफंड कंपनी ने वाराणसी और आसपास के जिलों में निवेशकों को यह कहकर फंसाया कि चार साल में उनकी जमा राशि दोगुनी हो जाएगी। इसके लिए कंपनी ने 700 से अधिक एजेंट नियुक्त किए थे, जिन्होंने हजारों लोगों से करोड़ों रुपये निवेश कराए।

Varanasi News : वाराणसी के सिगरा इलाके में चिटफंड कंपनी खोलकर करोड़ों रुपये की ठगी करने वाली कंपनी के खिलाफ रविवार को एक और केस दर्ज किया गया। इस मामले में कंपनी के डायरेक्टर और अन्य प्रमुख पदाधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। इस कंपनी के खिलाफ पहले से ही आठ केस दर्ज हैं। जिनमें से तीन सिगरा थाने में और पांच कैंट थाने में दर्ज हैं। पुलिस ने आरोपियों की संपत्ति जब्त करने और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी है।

निवेशकों को दोगुना रकम का झांसा
इस चिटफंड कंपनी ने वाराणसी और आसपास के जिलों में निवेशकों को यह कहकर फंसाया कि चार साल में उनकी जमा राशि दोगुनी हो जाएगी। इसके लिए कंपनी ने 700 से अधिक एजेंट नियुक्त किए थे, जिन्होंने हजारों लोगों से करोड़ों रुपये निवेश कराए। अधिकांश निवेशकों ने 50 लाख से 1 करोड़ रुपये तक की राशि कंपनी में जमा की। एक फरियादी बाबूलाल गुप्ता जो कंपनी के एजेंट भी थे ने अपनी शिकायत में बताया कि उन्होंने रिश्तेदारों और परिचितों से 1.35 करोड़ रुपये निवेश कराए। उन्होंने पुलिस को इस संबंध में सभी दस्तावेज भी सौंपे।



कंपनी का नेटवर्क
सिगरा क्षेत्र में स्थित एलयूसीसी द लोनी अर्बन मल्टी स्टेट क्रेडिट थ्रिफ्ट को-ऑपरेशन सोसाइटी नामक इस कंपनी का मुख्य कार्यालय गाजियाबाद में बताया गया था। कंपनी ने एजेंटों को कमीशन का लालच देकर लोगों को फंसाने का काम किया। इसके जरिए हजारों लोगों को ठगा गया। बाबूलाल गुप्ता जो कंपनी के एक प्रमुख एजेंट थे ने बताया कि उन्होंने 12 साल पहले कंपनी के सिगरा ऑफिस में काम शुरू किया था। मेहनत से उन्होंने अपने परिचितों और रिश्तेदारों को निवेश के लिए राजी किया। कंपनी ने रकम दोगुनी करने का वादा किया था लेकिन अचानक सभी एजेंटों और निवेशकों का पैसा लेकर फरार हो गई।

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संपत्तियों पर होगी कार्रवाई
पुलिस ने गाजियाबाद मुख्यालय वाली कंपनी और उसके प्रतिनिधियों जिनमें शबाब हुसैन, नवी मुंबई के समीर अग्रवाल, वाराणसी की सानिया अग्रवाल, संजय मुदगिल, आरके शेट्टी और अभय राय शामिल हैं के खिलाफ केस दर्ज किया है। इसके अलावा अन्य अज्ञात आरोपियों को भी प्राथमिकी में शामिल किया गया है। अब तक इस कंपनी के खिलाफ सिगरा थाने में तीन और कैंट थाने में पांच मामले दर्ज हो चुके हैं। इन आठ मामलों में कुल मिलाकर करीब 10 करोड़ रुपये की ठगी सामने आई है। पुलिस ने आरोपियों की संपत्तियों को जब्त करने और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी है।

निवेशकों में आक्रोश
कंपनी के फरार होने के बाद ठगे गए निवेशकों में आक्रोश है। उन्होंने पुलिस से जल्द से जल्द न्याय दिलाने की अपील की है। पुलिस का कहना है कि मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है, और दोषियों को सजा दिलाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी।

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