सिद्धेश्वर महादेव मंदिर में जलाभिषेक को निकले विहिप कार्यकर्ताओं को रोका : जल के साथ मलदहिया चौराहे से लौटाया

UPT | जलाभिषेक के लिए सड़क पर उतरे विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता।

Dec 22, 2024 14:21

वाराणसी के मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र में 250 साल पुराने बंद मंदिर को खोलने की मांग पर हिंदूवादी संगठनों ने सात दिन का अल्टीमेटम दिया। रविवार को विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता तीन नदियों के जल से जलाभिषेक करने के लिए निकले।

Varanasi News : वाराणसी में मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र में 250 साल पुराने मंदिर का पिछले कई दशकों से बंद होने की सूचना मिलने पर हिंदूवादी संगठनों ने सात दिन के अंदर मंदिर खोल पूजा पाठ करने का अल्टीमेटम दिया था। इसी कड़ी में रविवार को विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता तीन नदियों के जल से जलाभिषेक करने के लिए निकले थे। जिन्हें प्रशासन ने मलदहिया चौराहा से समझा बुझाकर वापस कर दिया। 



हर हर महादेव, जय श्रीराम के नारे लगाते हुए मदनपुरा की तरफ आगे बढ़ रहे थे लोग
वाराणसी के इंग्लिशया लाइन स्थित विश्व हिंदू परिषद कार्यालय से दर्जनों की संख्या में महानगर अध्यक्ष राजेश मिश्रा के नेतृत्व में कार्यकर्ता मदनपुरा स्थित मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र स्थित सिद्धेश्वर महादेव को गंगा, गोमती, वरुणा के जल से अभिषेक करने के लिए निकले थे। इस दौरान लोग हर हर महादेव, जय श्रीराम के नारे लगाते हुए मदनपुरा की तरफ आगे बढ़ रहे थे। विहिप के कार्यकर्ता मलदहिया चौराहे पर पहुंचे तो वहां  एडीएम सिटी आलोक कुमार वर्मा सहित पुलिस फोर्स मौके पर मौजूद थी। इस दौरान विहिप के कार्यकर्ताओं को आगे जाने से रोका गया। प्रशासन के समझाने में कार्यकर्ता मान गए।

गंगा, गोमती एवं वरुणा का जल कलश में एकत्रित किया
विश्व हिंदू परिषद के महानगर उत्तर अध्यक्ष राजेश मिश्र ने बताया कि मदनपुरा क्षेत्र के सिद्धेश्वर महादेव के मंदिर में महादेव को जला अर्पण, पूजा पाठ नहीं हो रहा है, जिससे सनातनी समाज में एक जागरण एवं आक्रोश है। इसी के निमित विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं ने तय किया है कि हम लोग महादेव को जल चढ़ाने जायेंगे। इसी को लेकर मंत्री विनय एवं धीरेन्द्र ने गंगा, गोमती एवं वरुणा का जल एकत्रित कलश में किया है, जिसको हम लोग महादेव को चढ़ाने का काम करेंगे। 

जांच चलने तक लोगों से रुकने की अपील 
एडीएम सिटी आलोक कुमार वर्मा ने किया मदनपुरा स्थित सिद्धेश्वर महादेव के मंदिर में जो मंदिर बंद पड़ी है, उसमें विश्व हिंदू परिषद  के कार्यकर्ता जल चढ़ाना चाहते थे। वो अभी बन्द चल रहा है, उसका लैंड के रिकॉर्ड की जांच चल रही है। इन लोगों को आश्वासन दिया गया है कि जब तक जांच चल रही है आप लोग रुके रहें। ये लोग मान गए हैं। जांच के विषय में बताया कि 1932 का बैनामा है, जांच में 6- 7 दिन का समय लगेगा। 

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