फार्मर रजिस्ट्री : दूसरे दिन भी किसानों को हुई समस्या, ओटीपी,  आधार और खतौनी का नाम मिलान न होने पर आवेदन निरस्त 

दूसरे दिन भी किसानों को हुई समस्या, ओटीपी,  आधार और खतौनी का नाम मिलान न होने पर आवेदन निरस्त 
UPT | बाराबंकी फोटो

Dec 02, 2024 14:48

बाराबंकी में फार्मर रजिस्ट्री की प्रक्रिया के दूसरे दिन भी किसानों को समस्याओं का सामना करना पड़ा। ओटीपी, आधार और खतौनी का नाम मिलान न होने के कारण आवेदन निरस्त हो रहे थे, 175 गांवों में शिविर लगे, लेकिन अधिकांश में रजिस्ट्री नहीं हो पाई।

Dec 02, 2024 14:48

Barabanki News : बाराबंकी में फार्मर रजिस्ट्री की प्रक्रिया के दूसरे दिन भी किसानों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ा। पहले दिन के मुकाबले दूसरे दिन पंजीकरण की प्रक्रिया में कहीं अधिक समस्याएं आईं। किसान परेशान होकर बार-बार कार्यालयों के चक्कर काटते रहे, लेकिन समस्याओं का कोई समाधान नहीं हो पाया। ओटीपी की समस्या से लेकर आधार और खतौनी का नाम मिलान न होने तक कई कारणों से आवेदन निरस्त होते रहे।



35 गांवों में कोई रजिस्ट्री नहीं हो पाई
किसानों के लिए इस प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए सरकार ने कई शिविर लगाए थे, लेकिन उनकी उम्मीदों के मुताबिक परिणाम नहीं आए। रविवार को फार्मर रजिस्ट्री के लिए करीब 175 राजस्व गांवों में शिविर लगाए जाने थे, लेकिन इनमें से लगभग 35 गांवों में कोई रजिस्ट्री नहीं हो पाई। बाकी गांवों में भी मुश्किल से दो या तीन पंजीकरण हुए।

सबसे बड़ी समस्या मोबाइल पर ओटीपी का न आना रही
सबसे बड़ी समस्या किसानों के मोबाइल नंबर पर ओटीपी का न आना रही। कई किसानों को यह भी नहीं पता था कि उनके आधार कार्ड से कौन सा मोबाइल नंबर लिंक है, जिसके कारण ओटीपी प्राप्त करने में परेशानी हो रही थी। इसके अलावा, आधार और खतौनी में नाम का मिलान न होने के कारण कई आवेदन रिजेक्ट हो गए।

पंजीकरण होने के बाद अन्य सहखातेदारों का अंश निर्धारण नहीं हो पा रहा था
इससे भी बड़ी समस्या यह थी कि एक गाटा संख्या के एक व्यक्ति का पंजीकरण होने के बाद अन्य सहखातेदारों का अंश निर्धारण नहीं हो पा रहा था। इसके अलावा, तहसील प्रशासन द्वारा किए गए आदेश भी एप्लीकेशन सिस्टम में स्वीकार नहीं हो रहे थे। इसके बावजूद, ओटीपी न मिलने पर किसानों का चेहरा मिलान करने का प्रयास किया जा रहा था, लेकिन उसमें भी समस्या उत्पन्न हो रही थी।  सिरौलीगौसपुर क्षेत्र के कई गांवों जैसे रसूलपुर, अमरा देवी, कटेहरा, और अलीनगर में भी नाम मिलान न होने और अंश निर्धारण की समस्याएं सामने आईं।

कुल मिलाकर देखा जाए तो फार्मर रजिस्ट्री की प्रक्रिया में जिन समस्याओं का सामना किया जा रहा है, उनका समाधान फिलहाल अधिकारियों के पास नहीं है। ऐसे में किसानों को अपनी समस्याओं के समाधान के लिए बार-बार कार्यालयों का रुख करना पड़ रहा है, लेकिन प्रशासनिक स्तर पर स्थायी समाधान अभी तक नजर नहीं आ रहा है। 

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