जिलाधिकारी कृतिका ज्योत्सना ने एसडीएम विदुषी सिंह को इस मामले की जांच सौंपते हुए निर्देशित किया कि रिपोर्ट 15 दिनों के भीतर प्रस्तुत की जाए। जांच के तहत यह पता लगाया जाएगा कि एनकाउंटर की परिस्थितियों में कोई अनियमितता तो नहीं थी...
मंगेश यादव एनकाउंटर पर सियासत तेज : अखिलेश के बाद बोले चंद्रशेखर आजाद, केंद्रीय मंत्री ने किया पलटवार
Sep 07, 2024 16:52
Sep 07, 2024 16:52
- मंगेश यादव के एनकाउंटर पर राजनीति
- अखिलेश यादव ने सुल्तानपुर डकैती को लेकर उठाए सावल
- चंद्रशेखर आजाद ने एनकाउंटर को शासनिक हत्या बताया
चंद्रशेखर ने एनकाउंटर पर उठाए सवाल
भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने एनकाउंटर को लेकर सवाल उठाए हैं और इसे शासनिक हत्या का रूप बताया है। उन्होंने मंगेश यादव की मां के बयान का हवाला देते हुए कहा कि पुलिस ने उसे पूछताछ के बहाने घर से उठाया और फिर गोली मारकर हत्या कर दी। आजाद ने इसे मौलिक अधिकारों की हत्या करार दिया और कहा कि एनकाउंटर अब सरकार की हत्या की एक विधि बन गई है।
सुल्तानपुर में "सर्राफा कारोबारी डकैती" के मामले में आरोपी जौनपुर निवासी मंगेश यादव के एनकाउंटर पर आरोपी की माँ द्वारा उठाया गया सवाल (पुलिस ने सितंबर की रात पूछताछ के बहाने घर से उठाया और तीसरे दिन गोली मारकर हत्या कर दी) चिंता का विषय है।
— Chandra Shekhar Aazad (@BhimArmyChief) September 7, 2024
एनकाउंटर, शासनिक हत्या का साधन बन गया…
केंद्रीय मंत्री ने किया पलटवार
केंद्रीय मंत्री बीएल वर्मा ने चंद्रशेखर आजाद के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि अपराधी हमेशा अपराधी ही होता है, उसकी जाति महत्वपूर्ण नहीं होती। उन्होंने अखिलेश यादव पर भी निशाना साधते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी के नेता अक्सर अपराधियों के पक्ष में खड़े होते हैं, जो उनके चरित्र की पोल खोलता है। बीएल वर्मा ने साफ किया कि अपराधियों के प्रति समर्थन सही नहीं है और इसे नकारात्मक दृष्टिकोण के रूप में देखा जाना चाहिए।
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सोना किसके खजाने में जमा हो गया- अखिलेश
वहीं इससे पहले, समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने भी सुल्तानपुर में डकैती को लेकर सवाल उठाए। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए पूछा कि लूट का माल किसके पास गया और जब सभी आरोपी पकड़े गए हैं, तो सोना किसके खजाने में जमा हो गया। उन्होंने यह भी संदेह जताया कि क्या लुटेरे किसी के प्रतिनिधि थे।
संजय सिंह ने जातिवादी एनकाउंटर का लगाया आरोपसवाल ये है कि लुटेरों से लूट का माल किसने लूट लिया।जब सब पकड़े गये तो फिर सोना किसके ख़ज़ाने में जाकर जमा हो गया। कहीं ऐसा तो नहीं कि जो लुटेरे बनकर गये वो किसी के प्रतिनिधि थे। सवाल गंभीर है। #बिल्कुल_नहीं_चाहिए_भाजपा pic.twitter.com/6oyBVnjw5s
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) September 7, 2024
इसके अलावा, आप सांसद संजय सिंह ने भाजपा सरकार पर जातिवादी एनकाउंटर करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि यूपी में एनकाउंटर जाति देखकर हो रहे हैं और यह भाजपा सरकार की प्राथमिकता बन गई है कि दलितों, पिछड़ों और ओबीसी समुदाय के लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। संजय सिंह ने कहा कि जब कोई सरकार अपराधी की जाति देखकर कार्रवाई करती है, तो यह उसके पतन का संकेत है और भाजपा सरकार को इसके लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।
अभी तक 10 प्रतिशत गहनों की ही रिकवरी
दूसरी तरफ पीड़ित व्यापारी भरतजी सोनी ने पुलिस की कार्रवाई से अपनी संतुष्टि व्यक्त की, लेकिन बताया कि अभी तक केवल 10 प्रतिशत गहनों की रिकवरी हो पाई है, जिसमें भी केवल चांदी के आभूषण शामिल हैं। सोने और अन्य बहुमूल्य गहनों की वापसी अब तक नहीं हुई है। अखिलेश यादव द्वारा जाति के आधार पर एनकाउंटर करने के सवाल पर भरतजी सोनी ने कहा कि उनका मानना है कि डकैतों की कोई जाति नहीं होती और वारदात में शामिल 14-15 डकैत विभिन्न वर्गों से हैं। उन्होंने पुलिस से पूरी उम्मीद जताई और कहा कि पुलिस ने आश्वासन दिया है कि जब तक पूरा माल रिकवर नहीं हो जाता, वे शांति से नहीं बैठेंगे।
दस दिन से बंद है दुकान
सुरक्षा के मुद्दे पर भरत सोनी ने कहा कि उनका व्यापार मंडल हमेशा व्यापारियों की सुरक्षा को लेकर सक्रिय रहता है। घटना के बाद से व्यापारी खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं और पिछले 10 दिनों से दुकान बंद पड़ी है। उन्होंने कहा कि लूट के बाद सारी व्यवस्था खराब हो गई है और दुकान खोलना या न खोलना समान है। इस स्थिति में, वे पुलिस से पूरी उम्मीद लगाए हुए हैं कि उनका पूरा सामान वापस मिल सके।
मंगेश के पिता ने पुलिस पर लगाया आरोप
इसके अलावा, एनकाउंटर में मारे गए मंगेश यादव के पिता राकेश यादव ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने उनके बेटे की हत्या की। राकेश यादव का कहना है कि सोमवार की रात पुलिस ने पूछताछ के बहाने मंगेश को उनके घर से उठा लिया था और इसके बाद गुरुवार को उन्हें सूचित किया गया कि उनका बेटा मुठभेड़ में मारा गया है।
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मंगेश को घर से उठाकर ले गई थी पुलिस
राकेश यादव के अनुसार, उनकी पत्नी और छोटी बेटी उस समय घर में मौजूद थीं जब मंगेश को पुलिस ने उठाया। उन्होंने बताया कि पुलिस ने घर की तलाशी ली और मंगेश को बिना किसी वाजिब वजह के अपने साथ ले गई। जब वे गुजरात में काम कर रहे थे, तभी उन्हें मंगेश के एनकाउंटर की सूचना मिली। राकेश यादव ने इस बात से इनकार किया है कि उनके बेटे का किसी भी डकैती कांड में शामिल था और कहा कि पुलिस ने बिना किसी उचित प्रक्रिया के उनके बेटे की हत्या कर दी।
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मंगेश की मां और बहन ने भी लगाया आरोप
वहीं, मंगेश की मां शीला देवी ने पुलिस पर हत्या का आरोप लगाते हुए एक तहरीर दी है। उनके अनुसार, 2 सितंबर की रात पुलिस द्वारा मंगेश को घर से पूछताछ के लिए ले जाया गया और तीन दिन बाद उसकी गोली मारकर हत्या कर दी। मंगेश की 16 वर्षीय बहन प्रिंसी यादव ने भी इस मामले में पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा, जिस दिन मंगेश को वांछित घोषित किया गया, उस दिन मंगेश उसे एक कॉलेज में प्रवेश दिलाने के लिए ले गया था।
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