बलिया के चर्चित नरहीं वसूलीकांड में वांछित चौकी प्रभारी व दो अन्य ने वाराणसी की एंटी करप्शन कोर्ट में आत्मसमर्पण किया। न्यायालय ने तीनों को 14 दिन की न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया है।
चर्चित नरही वसूली कांड : तीन वांछितों ने एंटी करप्शन कोर्ट में किया सरेंडर, 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजे गए जेल
Oct 02, 2024 00:39
Oct 02, 2024 00:39
वसूलीकांड का खुलासा और कार्रवाई
यह मामला तब प्रकाश में आया जब 24 जुलाई 2024 की रात वाराणसी के एडीजी पीयूष मोर्डिया और डीआईजी वैभव कृष्ण ने भरौली चौराहे पर छापा मारकर नरही पुलिस की अवैध वसूली का खुलासा किया। इस छापेमारी के दौरान दो पुलिसकर्मियों समेत 18 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद थानाध्यक्ष नरही समेत अन्य पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया गया और अधिकांश पुलिसकर्मियों का तबादला भी कर दिया गया। इस घटना ने जनपद में पुलिस विभाग की छवि को धूमिल कर दिया।
मामले की जांच और अभियुक्तों की गिरफ्तारी
इस मामले की जांच आजमगढ़ के एएसपी शुभम अग्रवाल कर रहे हैं। इस दौरान मुकदमे में नामजद 24 अभियुक्तों के साथ-साथ विवेचना में 5 अन्य अभियुक्तों का नाम सामने आया। बलिया के एसपी विक्रांत वीर ने इन सभी अभियुक्तों पर 25-25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था। इनमें तत्कालीन चौकी प्रभारी राजेश प्रभाकर, आरक्षी दीपक कुमार मिश्र, संजय यादव, अमित बिंद, गोलू राय उर्फ प्रवीण कुमार और टनमन यादव प्रमुख थे।
कुर्की की कार्रवाई से पहले आत्मसमर्पण
पुलिस ने कोर्ट के आदेशानुसार आरोपी के घरों पर नोटिस चस्पा किया था और मुनादी भी करवाई थी। कुर्की की कार्रवाई की तैयारी हो चुकी थी, जिसके डर से वांछित अभियुक्त राजेश प्रभाकर, प्रवीण राय और चन्दन यादव ने अंततः एंटी करप्शन कोर्ट में आत्मसमर्पण किया। अब तक इस मामले में 29 अभियुक्त जेल में निरुद्ध हैं, जिनमें थानाध्यक्ष समेत अन्य पुलिसकर्मी भी शामिल हैं।
न्यायालय का फैसला
अदालत ने तीनों अभियुक्तों को 14 दिन की न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया है। मामले की आगे की सुनवाई और जांच की प्रक्रिया जारी है।
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