स्वतंत्रता आंदोलन में अपने प्राणों की प्रथम आहुति देकर पूरे देश को जगाने वाले शहीद मंगल पांडेय को उनके गरिमा के अनुरूप उनके पैतृक गांव नगवां की पहचान राष्ट्र स्तर पर दिलाने के लिए उनके स्मारक में ऐतिहासिक कार्य करने होंगे। इसको लेकर रविवार के दिन मंगल पांडेय विचार मंच की बैठक मीडिया सेंटर अखार पर अध्यक्ष कृष्णकांत पाठक की अध्यक्षता में संपन्न हुई।
शहीद मंगल पांडेय की विरासत को संजोने की मुहिम : नगवां गांव को राष्ट्रीय पहचान दिलाने का प्रयास
Jul 07, 2024 19:10
Jul 07, 2024 19:10
मंगल पांडेय स्मारक के विकास पर जोर
बैठक में मुख्य रूप से नगवां स्थित मंगल पांडेय स्मारक के विकास पर जोर दिया गया। कृष्णकांत पाठक ने बताया कि हालांकि उत्तर प्रदेश सरकार ने लगभग डेढ़ करोड़ रुपये की लागत से स्मारक पार्क का जीर्णोद्धार कराया है, लेकिन अभी भी कुछ महत्वपूर्ण सुविधाओं की आवश्यकता है। उन्होंने शहीद की आदमकद प्रतिमा तक पहुंचने के लिए सीढ़ियों के निर्माण और एक संग्रहालय स्थापित करने की मांग की, ताकि देशभर से आने वाले श्रद्धालु सुगमता से अपनी श्रद्धांजलि अर्पित कर सकें और उनके बलिदान की गाथा से प्रेरणा ले सकें।
गूगल पर गलत शहीद की जन्मतिथि
बैठक के दौरान एक अन्य महत्वपूर्ण मुद्दा उठाया गया - शहीद मंगल पांडेय की सही जन्मतिथि को लेकर। मंच के सदस्यों ने पाया कि गूगल पर उनकी जन्मतिथि 19 जुलाई गलत दर्ज की गई है, जबकि अभिलेखों के अनुसार यह 30 जनवरी 1831 है। इस त्रुटि को सुधारने के लिए मंच का एक प्रतिनिधिमंडल जल्द ही जिलाधिकारी से मिलकर उचित कार्रवाई की मांग करेगा।
ये सभी रहे मौजूद
इस अवसर पर क्षेत्रीय विधायक एवं उत्तर प्रदेश के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह से भी टेलीफोन पर वार्ता की गई। उन्होंने बलिया आगमन पर मंच के सदस्यों से मिलने का आश्वासन दिया।बैठक में विमल पाठक, विवेक सिंह, गणेश जी सिंह, डॉ. हरेंद्रनाथ यादव, पन्नालाल गुप्ता, कमलेश पांडेय, विनोद पासवान, रंजीत सिंह, बब्बन विद्यार्थी, पवन गुप्ता, संदीप गुप्ता, धीरज यादव, हरिशंकर पाठक, राधाकृष्ण पाठक सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। बैठक का संचालन नितेश पाठक ने किया।
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