सीओ एंटी करप्शन यशपाल सिंह ने बताया कि इंस्पेक्टर इश्तियाक वारसी के साथ टीम ने बीसलपुर में रिश्वत लेने वाले लेखपाल को पकड़ने के लिए योजना बनाई थी। बीसलपुर कोतवाली थाना क्षेत्र के जसोली गांव निवासी प्रानसुख ने चकबंदी लेखपाल को पांच हजार की रिश्वत दी थी।
Bareilly News : एंटी करप्शन टीम ने पांच हजार रुपये रिश्वत लेते लेखपाल को पकड़ा, जानें क्या है पूरा मामला
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Jun 11, 2024 00:22
Jun 11, 2024 00:22
सीओ एंटी करप्शन यशपाल सिंह ने बताया कि इंस्पेक्टर इश्तियाक वारसी के साथ टीम ने बीसलपुर में रिश्वत लेने वाले लेखपाल को पकड़ने के लिए योजना बनाई थी। बीसलपुर कोतवाली थाना क्षेत्र के जसोली गांव निवासी प्रानसुख ने चकबंदी लेखपाल को पांच हजार की रिश्वत दी थी। टीम ने रामपुर जनपद के पटवाई थाना क्षेत्र के नंदनाऊ गांव निवासी लेखपाल संजीव कुमार और उसके साथी पीलीभीत जनपद के बिलसंडा थाना क्षेत्र के मवइया गांव निवासी अर्जुन प्रसाद को ई-डिस्ट्रिक लैब कक्ष तहसील बीसलपुर से गिरफ्तार कर लिया। हालांकि अर्जुन प्रसाद एक प्राइवेट व्यक्ति है। वह लेखपाल संजीव कुमार के लिए वसूली करता था।
प्रानसुख ने बताया कि उन्होंने खेत की मिट्टी उठाने की परमीशन ली थी, लेकिन लेखपाल ने खेत से मिट्टी उठाने पर रोक लगा दी। मिट्टी निकालने के लिए सहयोगी अर्जुन प्रसाद के माध्यम से लेखपाल संजीव कुमार ने चार हजार रुपये और सहयोगी के लिए एक हजार रुपये मांग की गई। मामले की शिकायत एंटी करप्शन के अधिकारियों से की गई थी। इसके बाद सीओ ने पूरे मामले की जांच कराई। डीएम पीलीभीत संजय कुमार से दो सरकारी गवाह लिए। इसके बाद लेखपाल और उसके सहयोगी को रंगे हाथ रिश्वत लेते ट्रैप किया।
चार दिन पहले रिश्वत लेते पकड़ा था सीएमओ ऑफिस के बाबू को
मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) ऑफिस के प्रशासनिक अधिकारी देवेंद्र सिंह को एंटी करप्शन टीम (भ्रष्टाचार निवारण संगठन) ने 6 जून को 3 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया था। आरोपी देवेंद्र सिंह विभाग के ही रिटायर्ड कर्मचारी से मेडिकल क्लेम दिलाने के नाम पर रिश्वत की मांग की थी। यह शिकायतें आरोपी के खिलाफ पहले भी मिल रही थीं। ऐसी शिकायत पीड़ित कर्मचारियों ने एंटी करप्शन टीम से की थी। एंटी करप्शन टीम ने आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए जाल बिछाया था। इसके बाद यह कार्रवाई की। इससे सरकारी विभागों में हड़कंप मच गया। एंटी करप्शन टीम ने आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जेल भेजने की तैयारी में है। बरेली में दर्जन भर से अधिक रिश्वरखोर सरकारी कर्मचारियों को पहले भी गिरफ्तार किया जा चुका है।
बाबू ने क्लेम के नाम पर मांगी थी रिश्वत
आरोपी देवेंद्र सिंह सीएमओ कार्यालय में चिकित्सा प्रतिपूर्ति रिटायरमेंट का पटल देख रहा था। उनकी वसूली को लेकर शिकायतें काफी समय से मिल रही थी। शहर के इज्जतनगर थाना क्षेत्र के आलोक नगर निवासी रामकृष्ण ने चिकित्सा प्रतिपूर्ति पत्रावली पर रिपोर्ट लगवाने की बात देवेंद्र सिंह से कही। इस पर मुरादाबाद जनपद के सिविल लाइंस थाना क्षेत्र की रामगंगा विहार कॉलोनी निवासी देवेंद्र सिंह ने 3 हजार रुपये की मांग की। रामकृष्ण ने 3 हजार रुपये की पेशकश की। इसी दौरान एंटी करप्शन टीम ने आरोपी को पकड़ लिया। आरोपी काफी समय से प्रेम नगर थाना क्षेत्र के जनकपुरी राजेंद्र नगर में रह रहा था।
पहले भी पकड़े जा चुके हैं लेखपाल
एंटी करप्शन टीम ने बरेली तहसील के लेखपाल नितेश महेश्वरी को पिछले महीने 17 मई को 20 हजार रुपये की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था। आंवला थाना क्षेत्र के ढाका गांव निवासी आलोक कुमार के एक जमीन के मामले में कोर्ट ने आदेश किया था। कोर्ट के आदेश पर जमीन की पैमाइश होनी थी। मगर, लेखपाल ने 20 हजार रुपये की रिश्वत की मांग की। जिसके चलते एंटी करप्शन टीम ने आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। इससे पहले 29 मार्च को क्षेत्रीय उच्च शिक्षा कार्यालय में तैनात कौशल किशोर सक्सेना को 4 हजार रुपये की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था। उन्होंने कोचिंग खोलने की अनुमति के नाम पर रिश्वत मांगी थी। 5 अप्रैल 2024 को चाइल्डलाइन के कोऑर्डिनेटर को 25 हजार रुपये की रिश्वत लेते टीम ने गिरफ्तार किया था। चाइल्डलाइन के कोऑर्डिनेटर सौरव गंगवार को 5 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था। इससे पहले 23 दिसंबर 2023 को मीरगंज तहसील के कानूनगो श्यामलाल को 5 हजार रुपये की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था। आरोपी के खिलाफ सीबीगंज थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी।
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