लोकसभा चुनाव संपन्न कराने के लिए जिला प्रशासन की तरफ से परिवहन विभाग से पांच हजार से अधिक वाहनों का अधिग्रहण करने के लिए कहा था। वाहनों का अधिग्रहण करने के लिए परिवहन विभाग की तरफ से बड़ी लापरवाही बरती गई।
बड़ा एक्शन : बरेली के चर्चित एआरटीओ सस्पेंड, वाहनों के अधिग्रहण के मामले में फंसे, डीएम की रिपोर्ट पर कार्रवाई
Apr 24, 2024 23:21
Apr 24, 2024 23:21
लोकसभा चुनाव संपन्न कराने के लिए जिला प्रशासन की तरफ से परिवहन विभाग से पांच हजार से अधिक वाहनों का अधिग्रहण करने के लिए कहा था। वाहनों का अधिग्रहण करने के लिए परिवहन विभाग की तरफ से बड़ी लापरवाही बरती गई। जिला प्रशासन के आदेश को ठंडे बस्ते में डालना एआरटीओ राजेश कर्दम को महंगा पड़ गया। उन्होंने जिले के निजी वाहन मालिकों को भी नोटिस जारी कर दिए गए थे, लेकिन समय अवधि में वाहनों का अधिग्रहण नहीं कर पाए। इस मामले की शिकायत डीएम रविंद्र कुमार के पास भी पहुंची। इसके बाद डीएम ने राजेश कर्दम के खिलाफ रिपोर्ट बनाकर परिवहन विभाग के मुख्यालय भेजी थी। इस पर संज्ञान लेते हुए शासन स्तर से तत्काल कार्रवाई की गई।
परिवहन मंत्री से शिकायत के बाद हुआ बड़ा एक्शन
एक पत्रकार के साथ एक मामले में विवाद में आए एआरटीओ के मुद्दे पर 18 अप्रैल को एक प्रतिनिधिमंडल ने परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह से भी मुलाकात की थी। एआरटीओ राजेश कर्दम के बारे में विस्तार से बताया गया था। वरिष्ठ पत्रकार ने यह भी बताया था कि जिलाधिकारी बरेली ने उनके खिलाफ एक पत्र शासन में भेज रखा है। इसके बाद तत्काल परिवहन मंत्री ने कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए थे।
जिले में 6 साल रुकने के लिए हुआ बड़ा खेल
एआरटीओ राजेश कर्दम फिरोजाबाद से मुख्यालय अटैच किए गए थे, फिरोजाबाद से ही इनकी सैलरी निकल रही थी। मुख्यालय से बरेली ट्रांसफर हो नहीं सकता था, अगर अटैच थे, तो फिर वापस फिरोजाबाद ही जाना था। मिड सेशन में ट्रांसफर नहीं है। मिड सेशन में फिरोजाबाद से बरेली ट्रांसफर किया गया है। उसका आदेश नहीं है। मिड सेशन में यदि ट्रांसफर होता है तो फाइल अनुमोदन के लिए मुख्यमंत्री के यहां जाती है, लेकिन अनुमोदन नहीं लिया गया। सचिव स्तर से खेल कर उन्हें बरेली भेज दिया गया। बरेली जिले में ही उनके लगभग 6 साल हो चुके हैं जबकि नियम 3 साल का है।
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