उर्स-ए-रजवी के आखिरी दिन शनिवार को उलेमा ने तकरीर की। उलमा ने देश की तरक्की के साथ ही शिक्षा पर रोशनी डाली। इसके बाद...
Bareilly News : आला हजरत का उर्स कुल के साथ हुआ संपन्न, रजा के शहर में उमड़ा अकीदतमंदों का सैलाब
Sep 01, 2024 02:33
Sep 01, 2024 02:33
इस्लामिया में सुबह आठ बजे से महफिल आगाज
शहर के इस्लामिया ग्राउंड में शनिवार सुबह 8 बजे महफिल का आगाज दरगाह प्रमुख सुब्हानी मियां की सरपरस्ती, सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन मियां की सदारत में हुआ।दरगाह आला हजरत के नासिर कुरैशी ने बताया कि इंग्लैंड, मारीशस, आस्ट्रेलिया,साउथ अफ्रीका, नेपाल, श्रीलंका, दुबई, सऊदी अरब के अलावा मुल्क के कोने-कोने से जायरीन ने शिरकत की। दिन भर दरगाह पर गुलपोशी और फतिहाखवानी का सिलसिला चलता रहा। मुफ्ती सलीम नूरी बरेलवी ने कहा कि जो सबसे बड़ा आशिके रसूल, वही सच्चा मुसलमान सबसे बड़ा देश का वफादार है। मुसलमानों को अपने देश प्रेमी होने का किसी से प्रमाण की जरूरत नहीं है। हम अपने मजहब और मुल्क के सच्चे वफादार बने रहे। मुसलमानों को आपने आप को कम तर न आंके। आला हजरत का वफादार कल भी अपने मजहब का और अपने मुल्क का वफादार है, और रहेगा।
काजी ए हिंदुस्तान हमारे रहबर
मुफ़्ती मुहम्मद असजद रज़ा खान क़ादरी की सरपरस्ती और सरदारत में सुन्नी बरेलवी मसलक के पेशवा आला हज़रत इमाम अहमद रज़ा खान क़ादरी का 106वां उर्स-ए-रज़वी मथुरापुर स्थित इस्लामिक स्टडी सेण्टर जामिआतुर्रज़ा में बड़ी शान और शौकत से मनाया गया। कालपी शरीफ से आए सय्याद गियासे मिल्लत ने फरमाया कि कल भी बरेली शरीफ मरकज़ था और आज भी मरकज़ है और कल क़यामत तक मरकज़ रहेगा।
हम किसी मनमानी की नहीं मानते, हम सिर्फ काजी ए हिन्दुस्तान मुफ्ती मुहम्मद असजद रजा़ खां का़दरी को अपना रहबर और काईद मानते हैं। मुफ़्ती शहज़ाद आलम मिस्बाही साहब ने अपनी तक़रीर में कहा कि नाम निहाद मौलाई बातिल अकीदा रखने वालों ने आला हज़रत के खिलाफ़ सुन्नी मुसलमानों को बहका रहे है। आला हज़रत के दुश्मन बना रहे हैं। इनके अलावा मुफ्ती अफ़ज़ल रज़वी साहब ने आला हज़रत के तक़वे और फतवों पर बयान किया। उन्होंने बताया कि आला हज़रात ने ज़िन्दगी भर ग़ुस्ताख़े रसूल का रद किया और लोगों को इसके रसूल का दर्स और लोगों के दिलों में इश्क ए रसूल की शमां जलाते रहे। इससे आपको दुनियाभर में लोग आशिके रसूल से जानते हैं |
मौलाना शकील और बाहर से आए उलेमा किराम ने बयानात किए। उर्स के बाद काजी ए हिन्दुस्तान मुफ्ती मुहम्मद असजद रजा़ खां का़दरी ने मुरीद किया। उर्स प्रभारी सलमान हसन खान (सलमान मिया) ने बताया कि उर्से आला हज़रत में देश-विदेश आए उलेमा किराम ने शिरकत फरमाई। आला हज़रत की बारगाह में खिराजे अक़ीदत पेश की। फरमान मिया ने कहा कि बाहर से आए ज़ायरीन के लिए लंगर और ठहरने का बड़े पैमाने पर इंतेज़ाम किया गया था। उन्होंने उर्स की मुबारकबाद पेश की। उर्स का प्रोग्राम मरकज़ से ऑडियो लाइव प्रसारण किया गया। इससे दुनिया भर के अकीदतमंदों ने लाइव देखा।
ये लोग रहे मौजूद
इस दौरान डॉ.मेंहदी हसन,हाफिज इकराम, शमीम अहमद, मोईन खान, अब्दुल्लाह खान, मौलाना शम्स, नदीम सुब्हानी, समरान खान, आबिद नूरी, कारी वसीम, कौसर अली, यासीन खान आदि मौजूद थे।
बड़े बड़े सुन्नी उलेमा ने देश के लिए दी जान
उलमा ने कहा कि सुन्नी उलेमा ने अपनी जान देकर कुर्बानियां दी है। सोशल मीडिया पर गैर मसलक के लोगो की तकरीर सुनने से परवेज करें। नशे और जुए,शराब जैसी सामाजिक बुराइयों से दूर रहे। लड़कियों के लिए सरकार ने मानक पूरे कर स्कूल खोले जाएं। तालीम को आम करने का काम करें। संचालन (निजामत) कारी यूसुफ रजा संभली ने की। बोले, आला हजरत ने मुसलमानों को इश्क़ ए रसूल की घुट्टी पिलाई। जब-जब मजहबी, रूहानी, खानकाही जरूरत पेश आला हजरत और उनकी औलादों ने कयादत (नेतृत्व) फरमाई। आला हजरत ने इश्के रसूल की बुनियाद पर इल्म के गहरे समंदर में डूब कर बेशकीमती मोती हासिल कर लिए थे। आज उसी इल्म से दुनिया फैज पा रही है।
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